< Deuteronomy 28 >
1 And it shall come to pass, if thou shalt hearken diligently unto the voice of the LORD thy God, to observe to do all His commandments which I command thee this day, that the LORD thy God will set thee on high above all the nations of the earth.
अब भविष्य यह होगा, कि यदि तुम सावधानीपूर्वक याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहोगे, जो आदेश मैं आज तुम्हें सौंप रहा हूं, याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें पृथ्वी के सारे राष्ट्रों से अति महान बनाए रखेंगे.
2 And all these blessings shall come upon thee, and overtake thee, if thou shalt hearken unto the voice of the LORD thy God.
तुम इन सभी सुख समृद्धि से अभिभूत हो जाओगे, ये तुम तक पहुंच जाएंगी, सिर्फ यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी बने रहोगे:
3 Blessed shalt thou be in the city, and blessed shalt thou be in the field.
याहवेह तुम्हारे नगरों और खेतों को आशीष प्रदान करेंगे.
4 Blessed shall be the fruit of thy body, and the fruit of thy land, and the fruit of thy cattle, the increase of thy kine, and the young of thy flock.
याहवेह तुम्हारे बच्चों को आशीर्वाद देंगे. वे तुम्हारी भूमि की फसल आशीषित होगी, और तुम्हारे जानवरों के बच्चे आशीषित होंगे.
5 Blessed shall be thy basket and thy kneading-trough.
आशीषित रहेगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारा आटा गूंथने का कटोरा.
6 Blessed shalt thou be when thou comest in, and blessed shalt thou be when thou goest out.
आशीषित रहोगे तुम, जब तुम कुछ करोगे और धन्य रहोगे तुम, जब तुम लौटकर आओगे.
7 The LORD will cause thine enemies that rise up against thee to be smitten before thee; they shall come out against thee one way, and shall flee before thee seven ways.
याहवेह तुम्हारे उठे हुए शत्रुओं को हराने की योजना करेंगे; वे एक मार्ग से तुम पर हमला करने तो आएंगे. मगर तुम्हारे सामने भागते हुए सात दिशाओं में बिखर जाएंगे.
8 The LORD will command the blessing with thee in thy barns, and in all that thou puttest thy hand unto; and He will bless thee in the land which the LORD thy God giveth thee.
याहवेह तुम्हारे अन्नभण्डारों को, तुम्हारे हर एक उपक्रम को और उस देश को, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं, समृद्धि का आदेश देंगे.
9 The LORD will establish thee for a holy people unto Himself, as He hath sworn unto thee; if thou shalt keep the commandments of the LORD thy God, and walk in His ways.
याहवेह तुम्हें अपने ही लिए पवित्र प्रजा-स्वरूप प्रतिष्ठित करेंगे; जैसी प्रतिज्ञा वह तुमसे खुद कर चुके हैं, यदि तुम याहवेह अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हुए उनकी नीतियों का पालन करते रहोगे.
10 And all the peoples of the earth shall see that the name of the LORD is called upon thee; and they shall be afraid of thee.
परिणामस्वरूप सारी पृथ्वी के लोग इस बात के गवाह होंगे कि तुम वह प्रजा हो, जिसका सम्मान याहवेह के नाम से है. इससे उन पर तुम्हारा आतंक स्थापित हो जाएगा.
11 And the LORD will make thee over-abundant for good, in the fruit of thy body, and in the fruit of thy cattle, and in the fruit of thy land, in the land which the LORD swore unto thy fathers to give thee.
याहवेह, तुम्हारी संतान में, तुम्हारे पशुओं की सन्तति में और तुम्हारी भूमि के उत्पाद में, तुम्हारी समृद्धि को उस देश में, जो याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों को देने की प्रतिज्ञा की थी, पूरा करेंगे.
12 The LORD will open unto thee His good treasure the heaven to give the rain of thy land in its season, and to bless all the work of thy hand; and thou shalt lend unto many nations, but thou shalt not borrow.
याहवेह अपने बड़े भंडार को तुम्हारे लिए उपलब्ध कर देंगे; आकाश अपनी तय ऋतु में भूमि पर वृष्टि करेगा, तुम्हारे सारे काम सफल होंगे और तुम अनेक राष्ट्रों को ऋण दोगे, मगर खुद तुम्हें किसी से ऋण लेने की ज़रूरत न होगी.
13 And the LORD will make thee the head, and not the tail; and thou shalt be above only, and thou shalt not be beneath; if thou shalt hearken unto the commandments of the LORD thy God, which I command thee this day, to observe and to do them;
याहवेह तुम्हें सबसे ऊंचा ही बनाए रखेंगे, पूंछ नहीं; तुम ऊंचाई पर ही रहोगे, अधीन कभी नहीं, यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, जो आज मैं तुम्हें सौंप रहा हूं; कि तुम सावधानीपूर्वक उनका पालन करते रहो,
14 and shalt not turn aside from any of the words which I command you this day, to the right hand, or to the left, to go after other gods to serve them.
कि तुम इनसे, इनमें से किसी के मर्म से ज़रा भी विचलित न होओ, और पराए देवताओं की उपासना-सेवा में लीन हो जाओ.
15 But it shall come to pass, if thou wilt not hearken unto the voice of the LORD thy God, to observe to do all His commandments and His statutes which I command thee this day; that all these curses shall come upon thee, and overtake thee.
मगर यदि स्थिति यह हो जाए, कि आज तुम मेरे द्वारा दिए जा रहे, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों और नियमों का पालन न करो, तो ये सारे शाप तुम्हें आ घेरेंगे, और तुम पर प्रभावी हो जाएंगे:
16 Cursed shalt thou be in the city, and cursed shalt thou be in the field.
तुम अपने नगर में शापित होंगे, तुम अपने देश में शापित होंगे.
17 Cursed shall be thy basket and thy kneading-trough.
शापित होंगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारे गूंथने का पात्र.
18 Cursed shall be the fruit of thy body, and the fruit of thy land, the increase of thy kine, and the young of thy flock.
शापित होंगी तुम्हारी अपनी संतान, तुम्हारी भूमि की उपज, तुम्हारे पशुओं और भेड़ों की वृद्धि.
19 Cursed shalt thou be when thou comest in, and cursed shalt thou be when thou goest out.
शापित होगा तुम्हारा कूच और तुम्हारा लौटकर आना.
20 The LORD will send upon thee cursing, discomfiture, and rebuke, in all that thou puttest thy hand unto to do, until thou be destroyed, and until thou perish quickly; because of the evil of thy doings, whereby thou hast forsaken Me.
तुम्हारे सारे कामों में तुम्हारे कामों के दुराचार और तुम्हारे द्वारा याहवेह का त्याग किए जाने के कारण याहवेह तुम पर शाप, डर और कुंठा डाल देंगे, कि तुम नाश हो जाओ और तेजी से तुम्हारा विनाश हो जाए.
21 The LORD will make the pestilence cleave unto thee, until He have consumed thee from off the land, whither thou goest in to possess it.
याहवेह तुम पर महामारी सम्बद्ध कर देंगे, जब तक वह तुम्हें उस देश से नाश न कर दें, जिसमें अधिकार करने के लिये तुम उसमें प्रवेश कर रहे हो.
22 The LORD will smite thee with consumption, and with fever, and with inflammation, and with fiery heat, and with drought, and with blasting, and with mildew; and they shall pursue thee until thou perish.
याहवेह तुम पर क्षय रोग, बुखार, सूजन, बड़ी जलन और तलवार का प्रहार प्रभावी करेंगे, जब तक तुम मिट न जाओ.
23 And thy heaven that is over thy head shall be brass, and the earth that is under thee shall be iron.
तुम्हारे सिर के ऊपर विशाल आकाश कांसे और पांवों के नीचे की धरती लोहा हो जाएगी.
24 The LORD will make the rain of thy land powder and dust; from heaven shall it come down upon thee, until thou be destroyed.
याहवेह, तुम पर बालू और धूल की बारिश करेंगे; ये आकाश से तुम पर ये तब तक बरसते रहेंगे जब तक तुम नाश न हो जाओ.
25 The LORD will cause thee to be smitten before thine enemies; thou shalt go out one way against them, and shalt flee seven ways before them; and thou shalt be a horror unto all the kingdoms of the earth.
याहवेह, ऐसा करेंगे, कि तुम अपने शत्रुओं द्वारा हरा दिए जाओगे. उन पर हमला करने तो तुम एक मार्ग से जाओगे, मगर तुम सात दिशाओं में पलायन करोगे. सारी पृथ्वी के राज्यों के लिए तुम आतंक का पर्याय हो जाओगे.
26 And thy carcasses shall be food unto all fowls of the air, and unto the beasts of the earth, and there shall be none to frighten them away.
तुम्हारे शव आकाश के सारे पक्षियों और पृथ्वी के पशुओं का आहार हो जाएंगे और उन्हें खदेड़ने के लिए वहां कोई भी न रहेगा.
27 The LORD will smite thee with the boil of Egypt, and with the emerods, and with the scab, and with the itch, whereof thou canst not be healed.
मिस्र देश के समान याहवेह तुम पर फोड़ों, बतौरियों का वार करेंगे और उसके अलावा चकत्ते और खुजली का भी, जिनसे तुम्हें छुड़ौती प्राप्त हो ही न सकेगी.
28 The LORD will smite thee with madness, and with blindness, and with astonishment of heart.
याहवेह तुम पर पागलपन, अंधेपन और हृदय की घबराहट का वार कर देंगे.
29 And thou shalt grope at noonday, as the blind gropeth in darkness, and thou shalt not make thy ways prosperous; and thou shalt be only oppressed and robbed alway, and there shall be none to save thee.
परिणामस्परूप तुम दिन-दोपहरी टटोलते रहोगे, जिस प्रकार अंधा टटोलता रहता है. तुम्हारे कामों से तुम्हें कोई लाभ न मिलेगा, बल्कि तुम लगातार उत्पीड़ित भी किए जाओगे और लूटते जाओगे, मगर वहां तुम्हारी रक्षा के लिए कोई भी न रह जाएगा.
30 Thou shalt betroth a wife, and another man shall lie with her; thou shalt build a house, and thou shalt not dwell therein; thou shalt plant a vineyard, and shalt not use the fruit thereof.
जिस कन्या से तुम्हारी सगाई होगी, कोई अन्य पुरुष शीलभंग करेगा; तुम अपने घर का निर्माण तो करोगे, मगर उसमें निवास न कर सकोगे. तुम अंगूर के बगीचे तो लगाओगे मगर अंगूरों का उपभोग न कर सकोगे.
31 Thine ox shall be slain before thine eyes, and thou shalt not eat thereof; thine ass shall be violently taken away from before thy face, and shall not be restored to thee; thy sheep shall be given unto thine enemies; and thou shalt have none to save thee.
तुम्हारे बछड़े का वध तुम्हारे सामने तो होगा मगर तुम उसका उपभोग न कर सकोगे. तुम्हारा गधा तुमसे छीन लिया जाएगा. और तुम उसे पुनः प्राप्त न कर सकोगे. तुम्हारी भेड़ें तुम्हारे शत्रुओं की संपत्ति हो जाएंगी और कोई भी तुम्हारी रक्षा के लिए वहां न रहेगा.
32 Thy sons and thy daughters shall be given unto another people, and thine eyes shall look, and fail with longing for them all the day; and there shall be nought in the power of thy hand.
तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां तुम्हारे देखते-देखते बंधुआई में चले जाएंगे और तुम हमेशा उनकी लालसा करते रह जाओगे, मगर इसके लिए तुम कुछ भी न कर सकोगे.
33 The fruit of thy land, and all thy labours, shall a nation which thou knowest not eat up; and thou shalt be only oppressed and crushed away:
तुम्हारी भूमि का उत्पाद विदेशियों का आहार हो जाएगा और तुम आजीवन उत्पीड़ित और दमित किए जाते रहोगे.
34 so that thou shalt be mad for the sight of thine eyes which thou shalt see.
तुम्हारे सामने जो कुछ आएगा उसे देख तुम विक्षिप्त हो जाओगे.
35 The LORD will smite thee in the knees, and in the legs, with a sore boil, whereof thou canst not be healed, from the sole of thy foot unto the crown of thy head.
याहवेह तुम्हारे पैरों और घुटनों में ऐसे पीड़ादायक फोड़े उत्पन्न कर देंगे, जिनसे तुम स्वस्थ नहीं हो सकोगे, वस्तुतः तुम सिर से पांव तक घावों से भर जाओगे.
36 The LORD will bring thee, and thy king whom thou shalt set over thee, unto a nation that thou hast not known, thou nor thy fathers; and there shalt thou serve other gods, wood and stone.
याहवेह तुम्हें और उस राजा को, जो तुम्हारे द्वारा प्रतिष्ठित किया गया होगा, एक ऐसे राष्ट्र में भेज देंगे, जिसे न तो तुम जानते हो और न ही जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने जाना था. उस राष्ट्र में तुम काठ और पत्थर की मूर्तियों की सेवा-उपासना करोगे.
37 And thou shalt become an astonishment, a proverb, and a byword, among all the peoples whither the LORD shall lead thee away.
तब तुम उन लोगों के बीच, जिनके बीच में याहवेह तुम्हें हकाल देंगे, भय, लोकोक्ति और उपहास का विषय होकर रह जाओगे.
38 Thou shalt carry much seed out into the field, and shalt gather little in; for the locust shall consume it.
तुम विपुल बीज बोओगे, मगर फसल काटने के अवसर पर तुम बहुत अल्प एकत्र कर सकोगे, क्योंकि टिड्डियां इसे चट कर जाएंगी.
39 Thou shalt plant vineyards and dress them, but thou shalt neither drink of the wine, nor gather the grapes; for the worm shall eat them.
तुम द्राक्षा उद्यानों का रोपण और कृषि ज़रूर करोगे, मगर तुम न तो द्राक्षा एकत्र कर सकोगे और न ही द्राक्षारस का सेवन कर सकोगे, इन्हें कीट चट कर जाएंगे.
40 Thou shalt have olive-trees throughout all thy borders, but thou shalt not anoint thyself with the oil; for thine olives shall drop off.
तुम्हारे देश की सारी सीमा में ज़ैतून वृक्ष तो होंगे, मगर तुम ज़ैतून तेल का प्रयोग अभ्यंजन के लिए नहीं कर सकोगे, क्योंकि ज़ैतून फलों का अवपात हो जाएगा.
41 Thou shalt beget sons and daughters, but they shall not be thine; for they shall go into captivity.
तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां पैदा ज़रूर होंगे, मगर वे तुम्हारे होकर न रह सकेंगे, क्योंकि उन्हें बन्दीत्व में ले जाया जाएगा.
42 All thy trees and the fruit of thy land shall the locust possess.
कीट तुम्हारे सारे वृक्षों और भूमि की उपज में समा जाएंगे.
43 The stranger that is in the midst of thee shall mount up above thee higher and higher; and thou shalt come down lower and lower.
तुम्हारे बीच प्रवास कर रहा विदेशी तुमसे अधिक उन्नत होता जाएगा, मगर खुद तुम्हारा ह्रास ही ह्रास होता चला जाएगा.
44 He shall lend to thee, and thou shalt not lend to him; he shall be the head, and thou shalt be the tail.
वह विदेशी ही तुम्हें ऋण देने की स्थिति में होगा, मगर तुम उसे ऋण देने की स्थिति में न रहोगे. वह तो शीर्ष पर पहुंच जाएगा, मगर तुम निम्नतम स्तर पर रह जाओगे.
45 And all these curses shall come upon thee, and shall pursue thee, and overtake thee, till thou be destroyed; because thou didst not hearken unto the voice of the LORD thy God, to keep His commandments and His statutes which He commanded thee.
इस प्रकार ये सारे शाप तुम पर प्रभावी हो जाएंगे, तुम्हारा पीछा करते रहेंगे, तुम्हें पकड़ लेंगे, कि तुम पूरी तरह नाश हो जाओ, क्योंकि तुमने याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों का पालन नहीं किया, उनके अध्यादेशों को पूरा नहीं किया, जो खुद उन्हीं ने तुम्हें प्रदान किए हैं.
46 And they shall be upon thee for a sign and for a wonder, and upon thy seed for ever;
ये शाप तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के लिए चिन्ह और अलौकिक घटनाएं होकर रह जाएंगे.
47 because thou didst not serve the LORD thy God with joyfulness, and with gladness of heart, by reason of the abundance of all things;
इसलिये कि तुमने इन सारी समृद्धि के लिए याहवेह, अपने परमेश्वर की वंदना न तो सहर्ष भाव में की और न सच्चे हृदय के साथ,
48 therefore shalt thou serve thine enemy whom the LORD shall send against thee, in hunger, and in thirst, and in nakedness, and in want of all things; and he shall put a yoke of iron upon thy neck, until he have destroyed thee.
इसलिये तुम याहवेह द्वारा उत्प्रेरित अपने शत्रुओं के सेवक होकर रह जाओगे; जब तुम भूख, प्यास, नंगाई और सब प्रकार के अभाव की स्थिति में रहोगे. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारी गर्दन पर लोहे का जूआ तब तक रखे रहेंगे, जब तक वह तुम्हें नाश न कर दें.
49 The LORD will bring a nation against thee from far, from the end of the earth, as the vulture swoopeth down; a nation whose tongue thou shalt not understand;
याहवेह दूरस्त देश को तुम पर हमला के लिए प्रेरित करेंगे; हां, पृथ्वी के छोर से, जिस प्रकार गरुड़ झपटता है, वह ऐसा राष्ट्र होगा, जिसकी भाषा तुम समझ नहीं पाओगे,
50 a nation of fierce countenance, that shall not regard the person of the old, nor show favour to the young.
वह रौद्र स्वरूप राष्ट्र होगा. उसके हृदय में न तो वृद्धों के प्रति सम्मान होगा, न बालकों के प्रति करुणा.
51 And he shall eat the fruit of thy cattle, and the fruit of thy ground, until thou be destroyed; that also shall not leave thee corn, wine, or oil, the increase of thy kine, or the young of thy flock, until he have caused thee to perish.
इसके अलावा वह राष्ट्र तब तक तुम्हारे पशुओं के बच्चों और भूमि की उपज का उपभोग करता रहेगा, जब तक तुम नाश न हो जाओ. अर्थात् वह राष्ट्र तुम्हारे उपभोग के लिए न तो अन्न छोड़ेगा, न नया द्राक्षारस न नया तेल, न तुम्हारे पशुओं की सन्तति और न ही भेड़ों के मेमने, जिससे तुम नाश हो ही जाओगे.
52 And he shall besiege thee in all thy gates, until thy high and fortified walls come down, wherein thou didst trust, throughout all thy land; and he shall besiege thee in all thy gates throughout all thy land, which the LORD thy God hath given thee.
वह राष्ट्र तुम्हारे सारे नगरों में की घेराबंदी कर लेगा और उसके हमला के परिणामस्वरूप वे उस पूरे देश में, जो तुम्हें याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किया गया था, जिन शहरपनाहों पर तुम्हें पूरा भरोसा रहा था, भंग कर देंगे.
53 And thou shalt eat the fruit of thine own body, the flesh of thy sons and of thy daughters whom the LORD thy God hath given thee; in the siege and in the straitness, wherewith thine enemies shall straiten thee.
शत्रुओं द्वारा की गई घेराबंदी और उसके द्वारा दी गई प्रताड़ना के कारण तुम अपनी निज संतान को खाने लगोगे, तुम्हारे अपने पुत्र-पुत्रियों के मांस को, जो तुम्हें याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए हैं.
54 The man that is tender among you, and very delicate, his eye shall be evil against his brother, and against the wife of his bosom, and against the remnant of his children whom he hath remaining;
उस समय वह व्यक्ति, जो तुम्हारे बीच में बहुत शालीन और संवेदनशील माना जाता है, वही अपने सहनागरिकों, अपनी प्रिय पत्नी और अपनी शेष संतान के प्रति निर्मम हो जाएगा,
55 so that he will not give to any of them of the flesh of his children whom he shall eat, because he hath nothing left him; in the siege and in the straitness, wherewith thine enemy shall straiten thee in all thy gates.
वह अपनी संतान के मांस में से किसी को कुछ न देगा, क्योंकि अभाव इतना ज्यादा हो जाएगा. ऐसी भयावह हो जाएगी वह स्थिति, जब तुम्हारे वे शत्रु तुम्हारे सारे नगरों में तुम पर अत्याचार करते रहें.
56 The tender and delicate woman among you, who would not adventure to set the sole of her foot upon the ground for delicateness and tenderness, her eye shall be evil against the husband of her bosom, and against her son, and against her daughter;
तुम्हारे बीच वह स्त्री, जो बहुत शालीन और सुकुमारी मानी जाती है, जो इतनी परिष्कृत और सुकुमारी है, कि वह अपने पांव तक भूमि पर नहीं पड़ने देती, वही अपने प्रिय पति और पुत्र-पुत्री के प्रतिकूल हो जाएगी.
57 and against her afterbirth that cometh out from between her feet, and against her children whom she shall bear; for she shall eat them for want of all things secretly; in the siege and in the straitness, wherewith thine enemy shall straiten thee in thy gates.
वह उन्हें न तो अपने गर्भ की ममता दिखाएगी और न नवजात शिशु की, क्योंकि शत्रुओं द्वारा घेरे गए तुम्हारे नगर की स्थिति ऐसी शोचनीय हो चुकी होगी, कि वह खुद इन्हें छिप-छिप कर खाती रहना चाहेगी.
58 If thou wilt not observe to do all the words of this law that are written in this book, that thou mayest fear this glorious and awful Name, the LORD thy God;
यदि तुम इस व्यवस्था में लिखित विधि के सब वचनों का पालन के प्रति सावधान न रहोगे, इस सम्मान्य और उदात्त नाम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा न रखो,
59 then the LORD will make thy plagues wonderful, and the plagues of thy seed, even great plagues, and of long continuance, and sore sicknesses, and of long continuance.
तब याहवेह तुम पर और तुम्हारे वंशजों पर अभूतपूर्व महामारियां ले आएंगे. ये महामारियां बहुत पीड़ादायी और स्थायी प्रकृति की और चिरकालिक और दयनीय व्याधियां होंगी.
60 And He will bring back upon thee all the diseases of Egypt, which thou wast in dread of; and they shall cleave unto thee.
याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर मिस्र देश पर प्रभावी की गई सारी व्याधियां तुम पर प्रभावी कर देंगे, जो तुम्हारे लिए भयावह बनी हुई थीं, वे तुम पर संलग्न हो जाएंगी.
61 Also every sickness, and every plague, which is not written in the book of this law, them will the LORD bring upon thee, until thou be destroyed.
यहां तक कि वे सारी व्याधियां और वे सारी महामारियां, जिनका उल्लेख इस विधान अभिलेख में नहीं किया गया है, याहवेह तुम पर प्रभावी कर देंगे, कि तुम्हारा विनाश हो जाए.
62 And ye shall be left few in number, whereas ye were as the stars of heaven for multitude; because thou didst not hearken unto the voice of the LORD thy God.
तब तुम्हारी गिनती कम रह जाएगी, जबकि एक समय तुम ऐसे अनगिनत थे, जैसे आकाश के तारे. कारण यह है, कि तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति अनाज्ञाकारी हो गए थे.
63 And it shall come to pass, that as the LORD rejoiced over you to do you good, and to multiply you; so the LORD will rejoice over you to cause you to perish, and to destroy you; and ye shall be plucked from off the land whither thou goest in to possess it.
जिस प्रकार एक समय याहवेह की तुष्टि तुम्हारे जनसंख्या के बढ़ने और समृद्धि में थी, उसी प्रकार याहवेह की तुष्टि होगी तुम्हें नाश कर देने और मिटा देने में. तुम जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से उसमें प्रवेश कर रहे हो, तुम वहां से निकाल दिए जाओगे.
64 And the LORD shall scatter thee among all peoples, from the one end of the earth even unto the other end of the earth; and there thou shalt serve other gods, which thou hast not known, thou nor thy fathers, even wood and stone.
इसके अलावा, याहवेह ही तुम्हें हर जगह बिखरा देंगे; पृथ्वी के एक छोर से अन्य छोर तक. वहां तुम पराए देवताओं—पत्थर और लकड़ी के देवताओं के सेवक बन जाओगे, तुम्हारे पूर्वजों से सर्वथा अज्ञात देवताओं के.
65 And among these nations shalt thou have no repose, and there shall be no rest for the sole of thy foot; but the LORD shall give thee there a trembling heart, and failing of eyes, and languishing of soul.
इन जनताओं के बीच निवास करते हुए तुम्हें ज़रा भी शांति प्राप्त न होगी. मगर हां, वहां याहवेह तुम्हें एक चिंतित हृदय प्रदान करेंगे. तुम्हारी दृष्टि क्षीण होती जाएगी और तुममें साहस न रह जाएगा.
66 And thy life shall hang in doubt before thee; and thou shalt fear night and day, and shalt have no assurance of thy life.
तुम हमेशा संशय की स्थिति में रहोगे, तुम दिन में और रात में आतंक से भरे रहोगे, तुम्हारे जीवन का कोई निश्चय न रह जाएगा.
67 In the morning thou shalt say: 'Would it were even!' and at even thou shalt say: 'Would it were morning!' for the fear of thy heart which thou shalt fear, and for the sight of thine eyes which thou shalt see.
प्रातः तुम विचार करोगे, “उत्तम होगा यह प्रातः नहीं, संध्या होती!” वैसे ही तुम संध्याकाल में यह कामना करते रहोगे: “उत्तम होता कि यह प्रभात होता!” यह उस आतंक के कारण होगा, जिसने तुम्हें भर रखा है, उस दृश्य के कारण, जो तुम्हारे सामने छाया रहता है.
68 And the LORD shall bring thee back into Egypt in ships, by the way whereof I said unto thee: 'Thou shalt see it no more again'; and there ye shall sell yourselves unto your enemies for bondmen and for bondwoman, and no man shall buy you.
याहवेह, जो तुम्हें जलयानों में मिस्र देश में लौटा ले जाएंगे; उस मार्ग से जिसके विषय में मैंने कहा था, अब तुम इसे फिर कभी न देखोगे. तब तुम वहां खुद को अपने शत्रुओं के सामने पुरुष और स्त्री, दास-दासियों स्वरूप बिकने के लिए प्रस्तुत कर दोगे, मगर तुम्हें वहां कोई खरीददार प्राप्त न होगा.