< Deuteronomy 14 >
1 Ye are the children of the LORD your God: ye shall not cut yourselves, nor make any baldness between your eyes for the dead.
१“तुम अपने परमेश्वर यहोवा के पुत्र हो; इसलिए मरे हुओं के कारण न तो अपना शरीर चीरना, और न भौहों के बाल मुण्डाना।
2 For thou art a holy people unto the LORD thy God, and the LORD hath chosen thee to be His own treasure out of all peoples that are upon the face of the earth.
२क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा के लिये एक पवित्र प्रजा है, और यहोवा ने तुझको पृथ्वी भर के समस्त देशों के लोगों में से अपनी निज सम्पत्ति होने के लिये चुन लिया है।
3 Thou shalt not eat any abominable thing.
३“तू कोई घिनौनी वस्तु न खाना।
4 These are the beasts which ye may eat: the ox, the sheep, and the goat,
४जो पशु तुम खा सकते हो वे ये हैं, अर्थात् गाय-बैल, भेड़-बकरी,
5 the hart, and the gazelle, and the roebuck, and the wild goat, and the pygarg, and the antelope, and the mountain-sheep.
५हिरन, चिकारा, मृग, जंगली बकरी, साबर, नीलगाय, और बनैली भेड़।
6 And every beast that parteth the hoof, and hath the hoof wholly cloven in two, and cheweth the cud, among the beasts, that ye may eat.
६अतः पशुओं में से जितने पशु चिरे या फटे खुरवाले और पागुर करनेवाले होते हैं उनका माँस तुम खा सकते हो।
7 Nevertheless these ye shall not eat of them that only chew the cud, or of them that only have the hoof cloven: the camel, and the hare, and the rock-badger, because they chew the cud but part not the hoof, they are unclean unto you;
७परन्तु पागुर करनेवाले या चिरे खुरवालों में से इन पशुओं को, अर्थात् ऊँट, खरगोश, और शापान को न खाना, क्योंकि ये पागुर तो करते हैं परन्तु चिरे खुर के नहीं होते, इस कारण वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।
8 and the swine, because he parteth the hoof but cheweth not the cud, he is unclean unto you; of their flesh ye shall not eat, and their carcasses ye shall not touch.
८फिर सूअर, जो चिरे खुर का तो होता है परन्तु पागुर नहीं करता, इस कारण वह तुम्हारे लिये अशुद्ध है। तुम न तो इनका माँस खाना, और न इनकी लोथ छूना।
9 These ye may eat of all that are in the waters: whatsoever hath fins and scales may ye eat;
९“फिर जितने जलजन्तु हैं उनमें से तुम इन्हें खा सकते हो, अर्थात् जितनों के पंख और छिलके होते हैं।
10 and whatsoever hath not fins and scales ye shall not eat; it is unclean unto you.
१०परन्तु जितने बिना पंख और छिलके के होते हैं उन्हें तुम न खाना; क्योंकि वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।
11 Of all clean birds ye may eat.
११“सब शुद्ध पक्षियों का माँस तो तुम खा सकते हो।
12 But these are they of which ye shall not eat: the great vulture, and the bearded vulture, and the ospray;
१२परन्तु इनका माँस न खाना, अर्थात् उकाब, हड़फोड़, कुरर;
13 and the glede, and the falcon, and the kite after its kinds;
१३गरूड़, चील और भाँति-भाँति के शाही;
14 and every raven after its kinds;
१४और भाँति-भाँति के सब काग;
15 and the ostrich, and the night-hawk, and the sea-mew, and the hawk after its kinds;
१५शुतुर्मुर्ग, तहमास, जलकुक्कट, और भाँति-भाँति के बाज;
16 the little owl, and the great owl, and the horned owl;
१६छोटा और बड़ा दोनों जाति का उल्लू, और घुग्घू;
17 and the pelican, and the carrion-vulture, and the cormorant;
१७धनेश, गिद्ध, हाड़गील;
18 and the stork, and the heron after its kinds, and the hoopoe, and the bat.
१८सारस, भाँति-भाँति के बगुले, हुदहुद, और चमगादड़।
19 And all winged swarming things are unclean unto you; they shall not be eaten.
१९और जितने रेंगनेवाले जन्तु हैं वे सब तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं; वे खाए न जाएँ।
20 Of all clean winged things ye may eat.
२०परन्तु सब शुद्ध पंखवालों का माँस तुम खा सकते हो।
21 Ye shall not eat of any thing that dieth of itself; thou mayest give it unto the stranger that is within thy gates, that he may eat it; or thou mayest sell it unto a foreigner; for thou art a holy people unto the LORD thy God. Thou shalt not seethe a kid in its mother's milk.
२१“जो अपनी मृत्यु से मर जाए उसे तुम न खाना; उसे अपने फाटकों के भीतर किसी परदेशी को खाने के लिये दे सकते हो, या किसी पराए के हाथ बेच सकते हो; परन्तु तू तो अपने परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र प्रजा है। बकरी का बच्चा उसकी माता के दूध में न पकाना।
22 Thou shalt surely tithe all the increase of thy seed, that which is brought forth in the field year by year.
२२“बीज की सारी उपज में से जो प्रतिवर्ष खेत में उपजे उसका दशमांश अवश्य अलग करके रखना।
23 And thou shalt eat before the LORD thy God, in the place which He shall choose to cause His name to dwell there, the tithe of thy corn, of thy wine, and of thine oil, and the firstlings of thy herd and of thy flock; that thou mayest learn to fear the LORD thy God always.
२३और जिस स्थान को तेरा परमेश्वर यहोवा अपने नाम का निवास ठहराने के लिये चुन ले उसमें अपने अन्न, और नये दाखमधु, और टटके तेल का दशमांश, और अपने गाय-बैलों और भेड़-बकरियों के पहलौठे अपने परमेश्वर यहोवा के सामने खाया करना; जिससे तुम उसका भय नित्य मानना सीखोगे।
24 And if the way be too long for thee, so that thou art not able to carry it, because the place is too far from thee, which the LORD thy God shall choose to set His name there, when the LORD thy God shall bless thee;
२४परन्तु यदि वह स्थान जिसको तेरा परमेश्वर यहोवा अपना नाम बनाएँ रखने के लिये चुन लेगा बहुत दूर हो, और इस कारण वहाँ की यात्रा तेरे लिये इतनी लम्बी हो कि तू अपने परमेश्वर यहोवा की आशीष से मिली हुई वस्तुएँ वहाँ न ले जा सके,
25 then shalt thou turn it into money, and bind up the money in thy hand, and shalt go unto the place which the LORD thy God shall choose.
२५तो उसे बेचकर, रुपये को बाँध, हाथ में लिये हुए उस स्थान पर जाना जो तेरा परमेश्वर यहोवा चुन लेगा,
26 And thou shalt bestow the money for whatsoever thy soul desireth, for oxen, or for sheep, or for wine, or for strong drink, or for whatsoever thy soul asketh of thee; and thou shalt eat there before the LORD thy God, and thou shalt rejoice, thou and thy household.
२६और वहाँ गाय-बैल, या भेड़-बकरी, या दाखमधु, या मदिरा, या किसी भाँति की वस्तु क्यों न हो, जो तेरा जी चाहे, उसे उसी रुपये से मोल लेकर अपने घराने समेत अपने परमेश्वर यहोवा के सामने खाकर आनन्द करना।
27 And the Levite that is within thy gates, thou shalt not forsake him; for he hath no portion nor inheritance with thee.
२७और अपने फाटकों के भीतर के लेवीय को न छोड़ना, क्योंकि तेरे साथ उसका कोई भाग या अंश न होगा।
28 At the end of every three years, even in the same year, thou shalt bring forth all the tithe of thine increase, and shall lay it up within thy gates.
२८“तीन-तीन वर्ष के बीतने पर तीसरे वर्ष की उपज का सारा दशमांश निकालकर अपने फाटकों के भीतर इकट्ठा कर रखना;
29 And the Levite, because he hath no portion nor inheritance with thee, and the stranger, and the fatherless, and the widow, that are within thy gates, shall come, and shall eat and be satisfied; that the LORD thy God may bless thee in all the work of thy hand which thou doest.
२९तब लेवीय जिसका तेरे संग कोई निज भाग या अंश न होगा वह, और जो परदेशी, और अनाथ, और विधवाएँ तेरे फाटकों के भीतर हों, वे भी आकर पेट भर खाएँ; जिससे तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में तुझे आशीष दे।