< 1 Chronicles 9 >
1 So all Israel were reckoned by genealogies; and, behold, they are written in the book of the kings of Israel; and Judah was carried away captive to Babylon because of their transgression.
१इस प्रकार सब इस्राएली अपनी-अपनी वंशावली के अनुसार, जो इस्राएल के राजाओं के वृत्तान्त की पुस्तक में लिखी हैं, गिने गए। और यहूदी अपने विश्वासघात के कारण बन्दी बनाकर बाबेल को पहुँचाए गए।
2 Now the first inhabitants that dwelt in their possessions in their cities were, Israelites, the priests, the Levites, and the Nethinim.
२बँधुआई से लौटकर जो लोग अपनी-अपनी निज भूमि अर्थात् अपने नगरों में रहते थे, वह इस्राएली, याजक, लेवीय और मन्दिर के सेवक थे।
3 And in Jerusalem dwelt of the children of Judah, and of the children of Benjamin, and of the children of Ephraim and Manasseh:
३यरूशलेम में कुछ यहूदी; कुछ बिन्यामीन, और कुछ एप्रैमी, और मनश्शेई, रहते थे
4 Uthai the son of Ammihud, the son of Omri, the son of Imri, the son of Bani, of the children of Perez the son of Judah.
४अर्थात् यहूदा के पुत्र पेरेस के वंश में से अम्मीहूद का पुत्र ऊतै, जो ओम्री का पुत्र, और इम्री का पोता, और बानी का परपोता था।
5 And of the Shilonites: Asaiah the first-born and his sons.
५और शीलोइयों में से उसका जेठा पुत्र असायाह और उसके पुत्र।
6 And of the sons of Zerah: Jeuel, and their brethren, six hundred and ninety.
६जेरह के वंश में से यूएल, और इनके भाई, ये छः सौ नब्बे हुए।
7 And of the sons of Benjamin: Sallu the son of Meshullam, the son of Hodaviah, the son of Hassenuah,
७फिर बिन्यामीन के वंश में से सल्लू जो मशुल्लाम का पुत्र, होदव्याह का पोता, और हस्सनूआ का परपोता था।
8 and Ibneiah the son of Jeroham, and Elah the son of Uzzi, the son of Michri, and Meshullam the son of Shephatiah, the son of Reuel, the son of Ibneiah;
८और यिबनायाह जो यरोहाम का पुत्र था, और एला जो उज्जी का पुत्र, और मिक्री का पोता था, और मशुल्लाम जो शपत्याह का पुत्र, रूएल का पोता, और यिब्निय्याह का परपोता था;
9 and their brethren, according to their generations, nine hundred and fifty and six. All these men were heads of fathers' houses by their fathers' houses.
९और इनके भाई जो अपनी-अपनी वंशावली के अनुसार मिलकर नौ सौ छप्पन थे। ये सब पुरुष अपने-अपने पितरों के घरानों के अनुसार पितरों के घरानों में मुख्य थे।
10 And of the priests: Jedaiah, and Jehoiarib, and Jachin;
१०याजकों में से यदायाह, यहोयारीब और याकीन,
11 and Azariah the son of Hilkiah, the son of Meshullam, the son of Zadok, the son of Meraioth, the son of Ahitub, the ruler of the house of God;
११और अजर्याह जो परमेश्वर के भवन का प्रधान और हिल्किय्याह का पुत्र था, यह मशुल्लाम का पुत्र, यह सादोक का पुत्र, यह मरायोत का पुत्र, यह अहीतूब का पुत्र था;
12 and Adaiah the son of Jeroham, the son of Pashhur, the son of Malchijah, and Maasai the son of Adiel, the son of Jahzerah, the son of Meshullam, the son of Meshillemith, the son of Immer;
१२और अदायाह जो यरोहाम का पुत्र था, यह पशहूर का पुत्र, यह मल्किय्याह का पुत्र, यह मासै का पुत्र, यह अदीएल का पुत्र, यह यहजेरा का पुत्र, यह मशुल्लाम का पुत्र, यह मशिल्लीत का पुत्र, यह इम्मेर का पुत्र था;
13 and their brethren, heads of their fathers' houses, a thousand and seven hundred and threescore; very able men for the work of the service of the house of God.
१३और इनके भाई थे जो अपने-अपने पितरों के घरानों में सत्रह सौ साठ मुख्य पुरुष थे, वे परमेश्वर के भवन की सेवा के काम में बहुत निपुण पुरुष थे।
14 And of the Levites: Shemaiah the son of Hasshub, the son of Azrikam, the son of Hashabiah, of the sons of Merari;
१४फिर लेवियों में से मरारी के वंश में से शमायाह जो हश्शूब का पुत्र, अज्रीकाम का पोता, और हशब्याह का परपोता था;
15 and Bakbakkar, Heresh, and Galal, and Mattaniah the son of Mica, the son of Zichri, the son of Asaph;
१५और बकबक्कर, हेरेश और गालाल और आसाप के वंश में से मत्तन्याह जो मीका का पुत्र, और जिक्री का पोता था;
16 and Obadiah the son of Shemaiah, the son of Galal, the son of Jeduthun, and Berechiah the son of Asa, the son of Elkanah, that dwelt in the villages of the Netophathites.
१६और ओबद्याह जो शमायाह का पुत्र, गालाल का पोता और यदूतून का परपोता था: और बेरेक्याह जो आसा का पुत्र, और एल्काना का पोता था, जो नतोपाइयों के गाँवों में रहता था।
17 And the porters: Shallum, and Akkub, and Talmon, and Ahiman, and their brother Shallum the chief;
१७द्वारपालों में से अपने-अपने भाइयों सहित शल्लूम, अक्कूब, तल्मोन और अहीमन, इनमें से मुख्य तो शल्लूम था।
18 who hitherto waited in the king's gate eastward; they were the porters for the camp of the children of Levi.
१८और वह अब तक पूर्व की ओर राजा के फाटक के पास द्वारपाली करता था। लेवियों की छावनी के द्वारपाल ये ही थे।
19 And Shallum the son of Kore, the son of Ebiasaph, the son of Korah, and his brethren, of his father's house, the Korahites, were over the work of the service, keepers of the gates of the Tent; and their fathers had been over the camp of the LORD, keepers of the entry;
१९और शल्लूम जो कोरे का पुत्र, एब्यासाप का पोता, और कोरह का परपोता था, और उसके भाई जो उसके मूलपुरुष के घराने के अर्थात् कोरही थे, वह इस काम के अधिकारी थे कि वे तम्बू के द्वारपाल हों। उनके पुरखा तो यहोवा की छावनी के अधिकारी, और प्रवेश-द्वार के रखवाले थे।
20 and Phinehas the son of Eleazar was ruler over them in time past, the LORD being with him.
२०प्राचीनकाल में एलीआजर का पुत्र पीनहास, जिसके संग यहोवा रहता था, वह उनका प्रधान था।
21 Zechariah the son of Meshelemiah was porter of the door of the tent of meeting.
२१मशेलेम्याह का पुत्र जकर्याह मिलापवाले तम्बू का द्वारपाल था।
22 All these that were chosen to be porters in the gates were two hundred and twelve. These were reckoned by genealogy in their villages, whom David and Samuel the seer did ordain in their set office.
२२ये सब जो द्वारपाल होने को चुने गए, वह दो सौ बारह थे। ये जिनके पुरखाओं को दाऊद और शमूएल दर्शी ने विश्वासयोग्य जानकर ठहराया था, वह अपने-अपने गाँव में अपनी-अपनी वंशावली के अनुसार गिने गए।
23 So they and their children had the oversight of the gates of the house of the LORD, even the house of the Tent, by wards.
२३अतः वे और उनकी सन्तान यहोवा के भवन अर्थात् तम्बू के भवन के फाटकों का अधिकार बारी-बारी रखते थे।
24 On the four sides were the porters, toward the east, west, north, and south.
२४द्वारपाल पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, चारों दिशा की ओर चौकी देते थे।
25 And their brethren, in their villages, were to come in every seven days from time to time to be with them;
२५और उनके भाई जो गाँवों में रहते थे, उनको सात-सात दिन के बाद बारी-बारी से उनके संग रहने के लिये आना पड़ता था।
26 for the four chief porters were in a set office. These were the Levites. They were also over the chambers and over the treasuries in the house of God.
२६क्योंकि चारों प्रधान द्वारपाल जो लेवीय थे, वे विश्वासयोग्य जानकर परमेश्वर के भवन की कोठरियों और भण्डारों के अधिकारी ठहराए गए थे।
27 And they lodged round about the house of God, because the charge thereof was upon them, and to them pertained the opening thereof morning by morning.
२७वे परमेश्वर के भवन के आस-पास इसलिए रात बिताते थे कि उसकी रक्षा उन्हें सौंपी गई थी, और प्रतिदिन भोर को उसे खोलना उन्हीं का काम था।
28 And certain of them had charge of the vessels of service; for by tale were they brought in and by tale were they taken out.
२८उनमें से कुछ उपासना के पात्रों के अधिकारी थे, क्योंकि ये पात्र गिनकर भीतर पहुँचाए, और गिनकर बाहर निकाले भी जाते थे।
29 Some of them also were appointed over the furniture, and over all the holy vessels, and over the fine flour, and the wine, and the oil, and the frankincense, and the spices.
२९और उनमें से कुछ सामान के, और पवित्रस्थान के पात्रों के, और मैदे, दाखमधु, तेल, लोबान और सुगन्ध-द्रव्यों के अधिकारी ठहराए गए थे।
30 And some of the sons of the priests prepared the confection of the spices.
३०याजकों के पुत्रों में से कुछ सुगन्ध-द्रव्यों के मिश्रण तैयार करने का काम करते थे।
31 And Mattithiah, one of the Levites, who was the firstborn of Shallum the Korahite, had the set office over the things that were baked on griddles.
३१और मत्तित्याह नामक एक लेवीय जो कोरही शल्लूम का जेठा था उसे विश्वासयोग्य जानकर तवों पर बनाई हुई वस्तुओं का अधिकारी नियुक्त किया था।
32 And some of their brethren, of the sons of the Kohathites, were over the showbread, to prepare it every sabbath.
३२उसके भाइयों अर्थात् कहातियों में से कुछ तो भेंटवाली रोटी के अधिकारी थे, कि हर एक विश्रामदिन को उसे तैयार किया करें।
33 And these are the singers, heads of fathers' houses of the Levites, who dwelt in the chambers and were free from other service; for they were employed in their work day and night.
३३ये गवैये थे जो लेवीय पितरों के घरानों में मुख्य थे, और मन्दिर में रहते, और अन्य सेवा के काम से छूटे थे; क्योंकि वे रात-दिन अपने काम में लगे रहते थे।
34 These were heads of fathers' houses of the Levites, by their generations, chief men; these dwelt at Jerusalem.
३४ये ही अपनी-अपनी पीढ़ी में लेवियों के पितरों के घरानों में मुख्य पुरुष थे, ये यरूशलेम में रहते थे।
35 And in Gibeon there dwelt the father of Gibeon, Jeiel, whose wife's name was Maacah;
३५गिबोन में गिबोन का पिता यीएल रहता था, जिसकी पत्नी का नाम माका था।
36 and his first-born son Abdon, and Zur, and Kish, and Baal, and Ner, and Nadab;
३६उसका जेठा पुत्र अब्दोन हुआ, फिर सूर, कीश, बाल, नेर, नादाब,
37 and Gedor, and Ahio, and Zechariah, and Mikloth.
३७गदोर, अह्यो, जकर्याह और मिक्लोत;
38 And Mikloth begot Shimeam. And they also dwelt with their brethren in Jerusalem, over against their brethren.
३८और मिक्लोत से शिमाम उत्पन्न हुआ और ये भी अपने भाइयों के सामने अपने भाइयों के संग यरूशलेम में रहते थे।
39 And Ner begot Kish; and Kish begot Saul; and Saul begot Jonathan, and Malchi-shua, and Abinadab, and Eshbaal.
३९नेर से कीश, कीश से शाऊल, और शाऊल से योनातान, मल्कीशूअ, अबीनादाब और एशबाल उत्पन्न हुए।
40 And the son of Jonathan was Merib-baal; and Merib-baal begot Micah.
४०और योनातान का पुत्र मरीब्बाल हुआ, और मरीब्बाल से मीका उत्पन्न हुआ।
41 And the sons of Micah: Pithon, and Melech, and Taharea, and Ahaz.
४१मीका के पुत्र पीतोन, मेलेक, तह्रे और आहाज;
42 And Ahaz begot Jarah; and Jarah begot Alemeth, and Azmaveth, and Zimri; and Zimri begot Moza.
४२और आहाज, से यारा, और यारा से आलेमेत, अज्मावेत और जिम्री, और जिम्री से मोसा,
43 And Moza begot Binea; and Rephaiah his son, Eleasah his son, Azel his son.
४३और मोसा से बिना उत्पन्न हुआ और बिना का पुत्र रपायाह हुआ, रपायाह का एलासा, और एलासा का पुत्र आसेल हुआ।
44 And Azel had six sons, whose names are these: Azrikam, Bocru, and Ishmael, and Sheariah, and Obadiah, and Hanan; these were the sons of Azel.
४४और आसेल के छः पुत्र हुए जिनके ये नाम थे, अर्थात् अज्रीकाम, बोकरू, इश्माएल, शरायाह, ओबद्याह और हानान; आसेल के ये ही पुत्र हुए।