< Jeremiah 49 >
1 Unto the children of Ammon thus saith the Lord, Hath Israel no sonnes? or hath he none heire? Why then hath their king possessed God? and his people dwelt in his cities?
१अम्मोनियों के विषय यहोवा यह कहता है: “क्या इस्राएल के पुत्र नहीं हैं? क्या उसका कोई वारिस नहीं रहा? फिर मल्काम क्यों गाद के देश का अधिकारी हुआ? और उसकी प्रजा क्यों उसके नगरों में बसने पाई है?
2 Therefore beholde the dayes come, sayeth the Lord, that I will cause a noyse of warre to be heard in Rabbah of the Ammonites, and it shall be a desolate heape, and her daughters shall be burnt with fire: then shall Israel possesse those that possessed him, sayeth the Lord.
२यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आनेवाले हैं, कि मैं अम्मोनियों के रब्बाह नामक नगर के विरुद्ध युद्ध की ललकार सुनवाऊँगा, और वह उजड़कर खण्डहर हो जाएगा, और उसकी बस्तियाँ फूँक दी जाएँगी; तब जिन लोगों ने इस्राएलियों के देश को अपना लिया है, उनके देश को इस्राएली अपना लेंगे, यहोवा का यही वचन है।
3 Howle, O Heshbon, for Ai is wasted: crie ye daughters of Rabbah: girde you with sackecloth: mourne and runne to and from by the hedges: for their King shall goe into captiuitie; and his Priestes, and his princes likewise.
३“हे हेशबोन हाय-हाय कर; क्योंकि आई नगर नाश हो गया। हे रब्बाह की बेटियों चिल्लाओ! और कमर में टाट बाँधो, छाती पीटती हुई बाड़ों में इधर-उधर दौड़ो! क्योंकि मल्काम अपने याजकों और हाकिमों समेत बँधुआई में जाएगा।
4 Wherefore gloriest thou in the valleis? thy valley floweth away, O rebellious daughter: she trusted in her treasures, saying, Who shall come vnto me?
४हे भटकनेवाली बेटी! तू अपने देश की तराइयों पर, विशेषकर अपने बहुत ही उपजाऊ तराई पर क्यों फूलती है? तू क्यों यह कहकर अपने रखे हुए धन पर भरोसा रखती है, ‘मेरे विरुद्ध कौन चढ़ाई कर सकेगा?’
5 Beholde, I will bring a feare vpon thee, sayth the Lord God of hostes, of all those that be about thee, and ye shalbe scattered euery man right foorth, and none shall gather him that fleeth.
५प्रभु सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है: देख, मैं तेरे चारों ओर के सब रहनेवालों की ओर से तेरे मन में भय उपजाने पर हूँ, और तेरे लोग अपने-अपने सामने की ओर ढकेल दिए जाएँगे; और जब वे मारे-मारे फिरेंगे, तब कोई उन्हें इकट्ठा न करेगा।
6 And afterward I will bring againe the captiuitie of the children of Ammon.
६परन्तु उसके बाद मैं अम्मोनियों को बँधुआई से लौटा लाऊँगा; यहोवा की यही वाणी है।”
7 To Edom thus sayeth the Lord of hostes: Is wisdome no more in Teman? is counsel perished from their children? is their wisdome vanished?
७एदोम के विषय, सेनाओं का यहोवा यह कहता है: “क्या तेमान में अब कुछ बुद्धि नहीं रही? क्या वहाँ के ज्ञानियों की युक्ति निष्फल हो गई? क्या उनकी बुद्धि जाती रही है?
8 Flee, ye inhabitants of Dedan (they are turned backe, and haue consulted to dwell) for I haue brought the destruction of Esau vpon him, and the time of his visitation.
८हे ददान के रहनेवालों भागो, लौट जाओ, वहाँ छिपकर बसो! क्योंकि जब मैं एसाव को दण्ड देने लगूँगा, तब उस पर भारी विपत्ति पड़ेगी।
9 If the grape gatherers come to thee, would they not leaue some grapes? if theeues come by night, they will destroy till they haue ynough.
९यदि दाख के तोड़नेवाले तेरे पास आते, तो क्या वे कहीं-कहीं दाख न छोड़ जाते? और यदि चोर रात को आते तो क्या वे जितना चाहते उतना धन लूटकर न ले जाते?
10 For I haue discouered Esau: I haue vncouered his secrets, and he shall not be able to hide himselfe: his seede is wasted, and his brethren and his neighbours, and there shall be none to say,
१०क्योंकि मैंने एसाव को उघाड़ा है, मैंने उसके छिपने के स्थानों को प्रगट किया है; यहाँ तक कि वह छिप न सका। उसके वंश और भाई और पड़ोसी सब नाश हो गए हैं और उसका अन्त हो गया।
11 Leaue thy fathers children, and I will preserue them aliue, and let thy widowes trust in me.
११अपने अनाथ बालकों को छोड़ जाओ, मैं उनको जिलाऊँगा; और तुम्हारी विधवाएँ मुझ पर भरोसा रखें।
12 For thus sayth the Lord, Beholde, they whose iudgement was not to drinke of the cuppe, haue assuredly drunken, and art thou he that shall escape free? thou shalt not goe free, but thou shalt surely drinke of it.
१२क्योंकि यहोवा यह कहता है, देखो, जो इसके योग्य न थे कि कटोरे में से पीएँ, उनको तो निश्चय पीना पड़ेगा, फिर क्या तू किसी प्रकार से निर्दोष ठहरकर बच जाएगा? तू निर्दोष ठहरकर न बचेगा, तुझे अवश्य ही पीना पड़ेगा।
13 For I haue sworne by my selfe, sayeth the Lord, that Bozrah shall be waste, and for a reproche, and a desolation, and a curse, and all the cities thereof shall be perpetuall desolations.
१३क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, मैंने अपनी सौगन्ध खाई है, कि बोस्रा ऐसा उजड़ जाएगा कि लोग चकित होंगे, और उसकी उपमा देकर निन्दा किया करेंगे और श्राप दिया करेंगे; और उसके सारे गाँव सदा के लिये उजाड़ हो जाएँगे।”
14 I haue heard a rumour from the Lord, and an ambassadour is sent vnto the heathen, saying, Gather you together, and come against her, and rise vp to the battell.
१४मैंने यहोवा की ओर से समाचार सुना है, वरन् जाति-जाति में यह कहने को एक दूत भी भेजा गया है, इकट्ठे होकर एदोम पर चढ़ाई करो; और उससे लड़ने के लिये उठो।
15 For loe, I will make thee but small among the heathen, and despised among men.
१५क्योंकि मैंने तुझे जातियों में छोटा, और मनुष्यों में तुच्छ कर दिया है।
16 Thy feare, and ye pride of thine heart hath deceiued thee, thou that dwellest in the cleftes of the rocke, and keepest the height of ye hil: though thou shouldest make thy nest as hie as the eagle, I wil bring thee downe from thece, sayth the Lord.
१६हे चट्टान की दरारों में बसे हुए, हे पहाड़ी की चोटी पर किला बनानेवाले! तेरे भयानक रूप और मन के अभिमान ने तुझे धोखा दिया है। चाहे तू उकाब के समान अपना बसेरा ऊँचे स्थान पर बनाए, तो भी मैं वहाँ से तुझे उतार लाऊँगा, यहोवा की यही वाणी है।
17 Also Edom shall be desolate: euery one that goeth by it, shall be astonished, and shall hisse at all the plagues thereof,
१७“एदोम यहाँ तक उजड़ जाएगा कि जो कोई उसके पास से चले वह चकित होगा, और उसके सारे दुःखों पर ताली बजाएगा।
18 As in the ouerthrowe of Sodom, and of Gomorah, and the places thereof neere about, saieth the Lord: no man shall dwell there, neither shall the sonnes of men remaine in it.
१८यहोवा का यह वचन है, कि जैसी सदोम और गमोरा और उनके आस-पास के नगरों के उलट जाने से उनकी दशा हुई थी, वैसी ही उसकी दशा होगी, वहाँ न कोई मनुष्य रहेगा, और न कोई आदमी उसमें टिकेगा।
19 Beholde, hee shall come vp like a lyon from the swelling of Iorden vnto the strong dwelling place: for I will make Israel to rest, euen I will make him to haste away from her, and who is a chosen man that I may appoynt against her? for who is like mee? and who will appoint me the time? and who is the shepheard that will stande before me?
१९देखो, वह सिंह के समान यरदन के आस-पास के घने जंगलों से सदा की चराई पर चढ़ेगा, और मैं उनको उसके सामने से झट भगा दूँगा; तब जिसको मैं चुन लूँ, उसको उन पर अधिकारी ठहराऊँगा। मेरे तुल्य कौन है? और कौन मुझ पर मुकद्दमा चलाएगा? वह चरवाहा कहाँ है जो मेरा सामना कर सकेगा?
20 Therefore heare the counsell of the Lord that hee hath deuised against Edom, and his purpose that hee hath conceiued against the inhabitants of Teman: surely the least of the flocke shall drawe them out: surely he shall make their habitations desolate with them.
२०देखो, यहोवा ने एदोम के विरुद्ध क्या युक्ति की है; और तेमान के रहनेवालों के विरुद्ध कैसी कल्पना की है? निश्चय वह भेड़-बकरियों के बच्चों को घसीट ले जाएगा; वह चराई को भेड़-बकरियों से निश्चय खाली कर देगा।
21 The earth is mooued at the noyse of their fall: the crie of their voice is heard in the red Sea.
२१उनके गिरने के शब्द से पृथ्वी काँप उठेगी; और ऐसी चिल्लाहट मचेगी जो लाल समुद्र तक सुनाई पड़ेगी।
22 Behold, he shall come vp, and flie as the Egle, and spreade his wings ouer Bozrah, and at that day shall the heart of the strong men of Edome be as the heart of a woman in trauaile.
२२देखो, वह उकाब के समान निकलकर उड़ आएगा, और बोस्रा पर अपने पंख फैलाएगा, और उस दिन एदोमी शूरवीरों का मन जच्चा स्त्री का सा हो जाएगा।”
23 Vnto Damascus he sayeth, Hamath is confounded and Arpad, for they haue heard euill tidings, and they are faint hearted as one on the fearefull sea that can not rest.
२३दमिश्क के विषय, “हमात और अर्पाद की आशा टूटी है, क्योंकि उन्होंने बुरा समाचार सुना है, वे गल गए हैं; समुद्र पर चिन्ता है, वह शान्त नहीं हो सकता।
24 Damascus is discouraged, and turneth her selfe to flight and feare hath seased her: anguish and sorowes haue taken her as a woman in trauaile.
२४दमिश्क बलहीन होकर भागने को फिरती है, परन्तु कँपकँपी ने उसे पकड़ा है, जच्चा की सी पीड़ा उसे उठी हैं।
25 How is the glorious citie not reserued, the citie of my ioy?
२५हाय, वह नगर, वह प्रशंसा योग्य नगर, जो मेरे हर्ष का कारण है, वह छोड़ा गया है!
26 Therefore her yong men shall fall in her streetes, and all her men of warre shall be cut off in that day, sayeth the Lord of hostes.
२६सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, कि उसके जवान चौकों में गिराए जाएँगे, और सब योद्धाओं का बोलना बन्द हो जाएगा।
27 And I will kindle a fire in the wall of Damascus, which shall cosume the palaces of Benhadad.
२७मैं दमिश्क की शहरपनाह में आग लगाऊँगा जिससे बेन्हदद के राजभवन भस्म हो जाएँगे।”
28 Vnto Kedar, and to the kingdomes of Hazor, which Nebuchad-nezzar, king of Babel shall smite, thus sayeth the Lord, Arise, and goe vp vnto Kedar, and destroy the men of the East.
२८“केदार और हासोर के राज्यों के विषय जिन्हें बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने मार लिया। यहोवा यह कहता है: उठकर केदार पर चढ़ाई करो! पूरब के लोगों का नाश करो!
29 Their tents and their flocks shall they take away: yea, they shall take to themselues their curtaines and all their vessels, and their camels, and they shall crie vnto them, Feare is on euery side.
२९वे उनके डेरे और भेड़-बकरियाँ ले जाएँगे, उनके तम्बू और सब बर्तन उठाकर ऊँटों को भी हाँक ले जाएँगे, और उन लोगों से पुकारकर कहेंगे, ‘चारों ओर भय ही भय है।’
30 Flee, get you farre off (they haue consulted to dwell) O ye inhabitants of Hazor, saith the Lord: for Nebuchad-nezzar King of Babel hath taken counsell against you, and hath deuised a purpose against you.
३०यहोवा की यह वाणी है, हे हासोर के रहनेवालों भागो! दूर-दूर मारे-मारे फिरो, कहीं जाकर छिपके बसो। क्योंकि बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने तुम्हारे विरुद्ध युक्ति और कल्पना की है।
31 Arise, and get you vp vnto the welthy nation that dwelleth without care, saith the Lord, which haue neither gates nor barres, but dwel alone.
३१“यहोवा की यह वाणी है, उठकर उस चैन से रहनेवाली जाति के लोगों पर चढ़ाई करो, जो निडर रहते हैं, और बिना किवाड़ और बेंड़े के ऐसे ही बसे हुए हैं।
32 And their camels shall be a bootie, and the multitude of their cattel a spoile, and I will scatter them into all windes, and to the vtmost corners, and I will bring their destruction from al the sides thereof, sayeth the Lord.
३२उनके ऊँट और अनगिनत गाय-बैल और भेड़-बकरियाँ लूट में जाएँगी, क्योंकि मैं उनके गाल के बाल मुँड़ानेवालों को उड़ाकर सब दिशाओं में तितर-बितर करूँगा; और चारों ओर से उन पर विपत्ति लाकर डालूँगा, यहोवा की यह वाणी है।
33 And Hazor shall be a dwelling for dragons, and desolation for euer: there shall no man dwell there, nor the sonnes of men remaine in it.
३३हासोर गीदड़ों का वासस्थान होगा और सदा के लिये उजाड़ हो जाएगा, वहाँ न कोई मनुष्य रहेगा, और न कोई आदमी उसमें टिकेगा।”
34 The woordes of the Lord that came to Ieremiah the Prophet, concerning Elam, in the beginning of the reigne of Zedekiah King of Iudah, saying,
३४यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के आरम्भ में यहोवा का यह वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के पास एलाम के विषय पहुँचा।
35 Thus sayeth the Lord of hostes, Beholde, I will breake the bowe of Elam, euen the chiefe of their strength.
३५सेनाओं का यहोवा यह कहता है: “मैं एलाम के धनुष को जो उनके पराक्रम का मुख्य कारण है, तोड़ूँगा;
36 And vpon Elam I will bring the foure windes from the foure quarters of heauen, and will scatter them towardes all these windes, and there shall bee no nation, whither the fugitiues of Elam shall not come.
३६और मैं आकाश के चारों ओर से वायु बहाकर उन्हें चारों दिशाओं की ओर यहाँ तक तितर-बितर करूँगा, कि ऐसी कोई जाति न रहेगी जिसमें एलाम भागते हुए न आएँ।
37 For I will cause Elam to be afraied before their enemies, and before them that seeke their liues, and will bring vpon them a plague, euen the indignation of my wrath, saieth the Lord, and I wil sende the sworde after them till I haue consumed them.
३७मैं एलाम को उनके शत्रुओं और उनके प्राण के खोजियों के सामने विस्मित करूँगा, और उन पर अपना कोप भड़काकर विपत्ति डालूँगा। और यहोवा की यह वाणी है, कि तलवार को उन पर चलवाते-चलवाते मैं उनका अन्त कर डालूँगा;
38 And I wil set my throne in Elam, and I wil destroy both the King and the princes from thence, saith the Lord:
३८और मैं एलाम में अपना सिंहासन रखकर उनके राजा और हाकिमों को नाश करूँगा, यहोवा की यही वाणी है।
39 but in the latter daies I wil bring againe the captiuitie of Elam, sayeth the Lord.
३९“परन्तु यहोवा की यह भी वाणी है, कि अन्त के दिनों में मैं एलाम को बँधुआई से लौटा ले आऊँगा।”