< Genesis 28 >
1 Then Izhak called Iaakob and blessed him, and charged him, and sayde vnto him, Take not a wife of the daughters of Canaan.
१तब इसहाक ने याकूब को बुलाकर आशीर्वाद दिया, और आज्ञा दी, “तू किसी कनानी लड़की को न ब्याह लेना।
2 Arise, get thee to Padan Aram to the house of Bethuel thy mothers father, and thence take thee a wife of the daughters of Laban thy mothers brother.
२पद्दनराम में अपने नाना बतूएल के घर जाकर वहाँ अपने मामा लाबान की एक बेटी को ब्याह लेना।
3 And God all sufficient blesse thee, and make thee to encrease, and multiplie thee, that thou mayest be a multitude of people,
३सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुझे आशीष दे, और फलवन्त करके बढ़ाए, और तू राज्य-राज्य की मण्डली का मूल हो।
4 And giue thee the blessing of Abraham, euen to thee and to thy seede with thee, that thou mayest inherite the lande (wherein thou art a stranger, ) which God gaue vnto Abraham.
४वह तुझे और तेरे वंश को भी अब्राहम की सी आशीष दे, कि तू यह देश जिसमें तू परदेशी होकर रहता है, और जिसे परमेश्वर ने अब्राहम को दिया था, उसका अधिकारी हो जाए।”
5 Thus Izhak sent forth Iaakob, and he went to Padan Aram vnto Laban sonne of Bethuel the Aramite, brother to Rebekah, Iaakobs and Esaus mother.
५तब इसहाक ने याकूब को विदा किया, और वह पद्दनराम को अरामी बतूएल के पुत्र लाबान के पास चला, जो याकूब और एसाव की माता रिबका का भाई था।
6 When Esau sawe that Izhak had blessed Iaakob, and sent him to Padan Aram, to set him a wife thence, and giuen him a charge when he blessed him, saying, Thou shalt not take a wife of the daughters of Canaan,
६जब एसाव को पता चला कि इसहाक ने याकूब को आशीर्वाद देकर पद्दनराम भेज दिया, कि वह वहीं से पत्नी लाए, और उसको आशीर्वाद देने के समय यह आज्ञा भी दी, “तू किसी कनानी लड़की को ब्याह न लेना,”
7 And that Iaakob had obeyed his father and his mother, and was gone to Padan Aram:
७और याकूब माता-पिता की मानकर पद्दनराम को चल दिया।
8 Also Esau seeing that the daughters of Canaan displeased Izhak his father,
८तब एसाव यह सब देखकर और यह भी सोचकर कि कनानी लड़कियाँ मेरे पिता इसहाक को बुरी लगती हैं,
9 Then went Esau to Ishmael, and tooke vnto the wiues, which he had, Mahalath the daughter of Ishmael Abrahams sonne, the sister of Nabaioth, to be his wife.
९अब्राहम के पुत्र इश्माएल के पास गया, और इश्माएल की बेटी महलत को, जो नबायोत की बहन थी, ब्याह कर अपनी पत्नियों में मिला लिया।
10 Now Iaakob departed from Beer-sheba, and went to Haran,
१०याकूब बेर्शेबा से निकलकर हारान की ओर चला।
11 And he came vnto a certaine place, and taried there al night, because the sunne was downe, and tooke of the stones of the place, and layde vnder his head and slept in the same place.
११और उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; इसलिए उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बनाकर रखा, और उसी स्थान में सो गया।
12 Then he dreamed, and behold, there stoode a ladder vpon the earth, and the top of it reached vp to heauen: and loe, the Angels of God went vp and downe by it.
१२तब उसने स्वप्न में क्या देखा, कि एक सीढ़ी पृथ्वी पर खड़ी है, और उसका सिरा स्वर्ग तक पहुँचा है; और परमेश्वर के दूत उस पर से चढ़ते-उतरते हैं।
13 And behold, the Lord stoode aboue it, and sayd, I am the Lord God of Abraham thy father, and the God of Izhak: the land, vpon the which thou sleepest, wil I giue thee and thy seede.
१३और यहोवा उसके ऊपर खड़ा होकर कहता है, “मैं यहोवा, तेरे दादा अब्राहम का परमेश्वर, और इसहाक का भी परमेश्वर हूँ; जिस भूमि पर तू लेटा है, उसे मैं तुझको और तेरे वंश को दूँगा।
14 And thy seede shall be as the dust of the earth, and thou shalt spread abroad to the West, and to the East, and to the North, and to the South, and in thee and in thy seede shall all the families of the earth be blessed.
१४और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पश्चिम, पूरब, उत्तर, दक्षिण, चारों ओर फैलता जाएगा: और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएँगे।
15 And lo, I am with thee, and wil keepe thee whithersoeuer thou goest, and will bring thee againe into this lande: for I will not forsake thee vntill I haue performed that, that I haue promised thee.
१५और सुन, मैं तेरे संग रहूँगा, और जहाँ कहीं तू जाए वहाँ तेरी रक्षा करूँगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊँगा: मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूँ तब तक तुझको न छोड़ूँगा।”
16 Then Iaakob awoke out of his sleepe, and sayde, Surely the Lord is in this place, and I was not aware.
१६तब याकूब जाग उठा, और कहने लगा, “निश्चय इस स्थान में यहोवा है; और मैं इस बात को न जानता था।”
17 And he was afraid, and said, How fearefull is this place! this is none other but the house of God, and this is the gate of heauen.
१७और भय खाकर उसने कहा, “यह स्थान क्या ही भयानक है! यह तो परमेश्वर के भवन को छोड़ और कुछ नहीं हो सकता; वरन् यह स्वर्ग का फाटक ही होगा।”
18 Then Iaakob rose vp early in the morning, and tooke the stone that hee had layde vnder his head, and set it vp as a pillar, and powred oyle vpon the top of it.
१८भोर को याकूब उठा, और अपने तकिये का पत्थर लेकर उसका खम्भा खड़ा किया, और उसके सिरे पर तेल डाल दिया।
19 And he called ye name of that place Bethel: notwithstanding the name of the citie was at the first called Luz.
१९और उसने उस स्थान का नाम बेतेल रखा; पर उस नगर का नाम पहले लूज था।
20 Then Iaakob vowed a vowe, saying, If God will be with me, and will keepe me in this iourney which I go, and wil giue me bread to eate, and clothes to put on:
२०याकूब ने यह मन्नत मानी, “यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहनने के लिये कपड़ा दे,
21 So that I come againe vnto my fathers house in safetie, then shall the Lord be my God.
२१और मैं अपने पिता के घर में कुशल क्षेम से लौट आऊँ; तो यहोवा मेरा परमेश्वर ठहरेगा।
22 And this stone, which I haue set vp as a pillar, shall be Gods house: and of all that thou shalt giue me, wil I giue the tenth vnto thee.
२२और यह पत्थर, जिसका मैंने खम्भा खड़ा किया है, परमेश्वर का भवन ठहरेगा: और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूँगा।”