< Deuteronomy 28 >

1 If thou shalt obey diligently the voyce of the Lord thy God, and obserue and do all his commandements, which I commande thee this day, then the Lord thy God wil set thee on high aboue all the nations of the earth.
“यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाएँ, जो मैं आज तुझे सुनाता हूँ, चौकसी से पूरी करने को चित्त लगाकर उसकी सुने, तो वह तुझे पृथ्वी की सब जातियों में श्रेष्ठ करेगा।
2 And all these blessings shall come on thee, and ouertake thee, if thou shalt obey the voyce of the Lord thy God.
फिर अपने परमेश्वर यहोवा की सुनने के कारण ये सब आशीर्वाद तुझ पर पूरे होंगे।
3 Blessed shalt thou be in the citie, and blessed also in the fielde.
धन्य हो तू नगर में, धन्य हो तू खेत में।
4 Blessed shalbe the fruite of thy body, and ye fruite of thy ground, and the fruite of thy cattel, the increase of thy kine, and ye flocks of thy sheepe.
धन्य हो तेरी सन्तान, और तेरी भूमि की उपज, और गाय और भेड़-बकरी आदि पशुओं के बच्चे।
5 Blessed shalbe thy basket and thy dough.
धन्य हो तेरी टोकरी और तेरा आटा गूँधने का पात्र।
6 Blessed shalt thou be, whe thou commest in, and blessed also when thou goest out.
धन्य हो तू भीतर आते समय, और धन्य हो तू बाहर जाते समय।
7 The Lord shall cause thine enemies that rise against thee, to fall before thy face: they shall come out against thee one way, and shall flee before thee leuen wayes.
“यहोवा ऐसा करेगा कि तेरे शत्रु जो तुझ पर चढ़ाई करेंगे वे तुझ से हार जाएँगे; वे एक मार्ग से तुझ पर चढ़ाई करेंगे, परन्तु तेरे सामने से सात मार्ग से होकर भाग जाएँगे।
8 The Lord shall command the blessing to be with thee in thy store houses, and in all that thou settest thine hande to, and wil blesse thee in the land which the Lord thy God giueth thee.
तेरे खत्तों पर और जितने कामों में तू हाथ लगाएगा उन सभी पर यहोवा आशीष देगा; इसलिए जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसमें वह तुझे आशीष देगा।
9 The Lord shall make thee an holy people vnto himself, as he hath sworne vnto thee, if thou shalt keepe the commandements of the Lord thy God, and walke in his wayes.
यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानते हुए उसके मार्गों पर चले, तो वह अपनी शपथ के अनुसार तुझे अपनी पवित्र प्रजा करके स्थिर रखेगा।
10 Then all people of the earth shall see that the Name of the Lord is called vpon ouer thee, and they shalbe afrayde of thee.
१०और पृथ्वी के देश-देश के सब लोग यह देखकर, कि तू यहोवा का कहलाता है, तुझ से डर जाएँगे।
11 And the Lord shall make thee plenteous in goods, in the fruite of thy body, and in the fruite of thy cattell, and in the fruite of thy grounde, in the land which the Lord sware vnto thy fathers, to giue thee.
११और जिस देश के विषय यहोवा ने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर तुझे देने को कहा था, उसमें वह तेरी सन्तान की, और भूमि की उपज की, और पशुओं की बढ़ती करके तेरी भलाई करेगा।
12 The Lord shall open vnto thee his good treasure, euen the heauen to giue rayne vnto thy kind in due season, and to blesse all the worke of thine handes: and thou shalt lende vnto many nations, but shalt not borow thy selfe.
१२यहोवा तेरे लिए अपने आकाशरूपी उत्तम भण्डार को खोलकर तेरी भूमि पर समय पर मेंह बरसाया करेगा, और तेरे सारे कामों पर आशीष देगा; और तू बहुतेरी जातियों को उधार देगा, परन्तु किसी से तुझे उधार लेना न पड़ेगा।
13 And the Lord shall make thee the head, and not the tayle, and thou shalt be aboue onely, and shalt not bee beneath, if thou obey the commandements of the Lord thy God, which I command thee this day, to keepe and to do them.
१३और यहोवा तुझको पूँछ नहीं, किन्तु सिर ही ठहराएगा, और तू नीचे नहीं, परन्तु ऊपर ही रहेगा; यदि परमेश्वर यहोवा की आज्ञाएँ जो मैं आज तुझको सुनाता हूँ, तू उनके मानने में मन लगाकर चौकसी करे;
14 But thou shalt not decline from any of the wordes, which I command you this day, either to the right hand or to the left, to goe after other gods to serue them.
१४और जिन वचनों की मैं आज तुझे आज्ञा देता हूँ उनमें से किसी से दाएँ या बाएँ मुड़कर पराए देवताओं के पीछे न हो ले, और न उनकी सेवा करे।
15 But if thou wilt not obey the voyce of the Lord thy God, to keepe and to do all his commandementes and his ordinances, which I command thee this day, then al these curses shall come vpon thee, and ouertake thee.
१५“परन्तु यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालन करने में जो मैं आज सुनाता हूँ चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब श्राप तुझ पर आ पड़ेंगे।
16 Cursed shalt thou bee in the towne, and cursed also in the fielde.
१६श्रापित हो तू नगर में, श्रापित हो तू खेत में।
17 Cursed shall thy basket be, and thy dough.
१७श्रापित हो तेरी टोकरी और तेरा आटा गूँधने का पात्र।
18 Cursed shall be the fruite of thy body, and the fruite of thy land, the increase of thy kine, and the flockes of thy sheepe.
१८श्रापित हो तेरी सन्तान, और भूमि की उपज, और गायों और भेड़-बकरियों के बच्चे।
19 Cursed shalt thou be when thou commest in, and cursed also when thou goest out.
१९श्रापित हो तू भीतर आते समय, और श्रापित हो तू बाहर जाते समय।
20 The Lord shall sende vpon thee cursing, trouble, and shame, in all that which thou settest thine hand to do, vntil thou be destroyed, and perish quickely, because of the wickednesse of thy workes whereby thou hast forsaken me.
२०“फिर जिस-जिस काम में तू हाथ लगाए, उसमें यहोवा तब तक तुझको श्राप देता, और भयातुर करता, और धमकी देता रहेगा, जब तक तू मिट न जाए, और शीघ्र नष्ट न हो जाए; यह इस कारण होगा कि तू यहोवा को त्याग कर दुष्ट काम करेगा।
21 The Lord shall make the pestilence cleaue vnto thee, vntill he hath consumed thee from the land, whither thou goest to possesse it.
२१और यहोवा ऐसा करेगा कि मरी तुझ में फैलकर उस समय तक लगी रहेगी, जब तक जिस भूमि के अधिकारी होने के लिये तू जा रहा है उस पर से तेरा अन्त न हो जाए।
22 The Lord shall smite thee with a consumption, and with the feuer, and with a burning ague, and with feruent heate, and with the sworde, and with blasting, and with the mildew, and they shall pursue thee vntill thou perish.
२२यहोवा तुझको क्षयरोग से, और ज्वर, और दाह, और बड़ी जलन से, और तलवार, और झुलस, और गेरूई से मारेगा; और ये उस समय तक तेरा पीछा किए रहेंगे, जब तक तेरा सत्यानाश न हो जाए।
23 And thine heauen that is ouer thine head, shall be brasse, and the earth that is vnder thee, yron.
२३और तेरे सिर के ऊपर आकाश पीतल का, और तेरे पाँव के तले भूमि लोहे की हो जाएगी।
24 The Lord shall giue thee for the rayne of thy land, dust and ashes: euen from heauen shall it come downe vpon thee, vntil thou be destroyed.
२४यहोवा तेरे देश में पानी के बदले रेत और धूलि बरसाएगा; वह आकाश से तुझ पर यहाँ तक बरसेगी कि तेरा सत्यानाश हो जाएगा।
25 And the Lord shall cause thee to fall before thine enemies: thou shalt come out one way against them, and shalt flee seuen wayes before them, and shalt be scattered through all the kingdomes of the earth.
२५“यहोवा तुझको शत्रुओं से हरवाएगा; और तू एक मार्ग से उनका सामना करने को जाएगा, परन्तु सात मार्ग से होकर उनके सामने से भाग जाएगा; और पृथ्वी के सब राज्यों में मारा-मारा फिरेगा।
26 And thy carkeis shall be meate vnto all foules of the ayre, and vnto the beasts of the earth, and none shall fray them away.
२६और तेरा शव आकाश के भाँति-भाँति के पक्षियों, और धरती के पशुओं का आहार होगा; और उनको कोई भगानेवाला न होगा।
27 The Lord wil smite thee with the botch of Egypt, and with the emeroids, and with the skab, and with the itche, that thou canst not be healed.
२७यहोवा तुझको मिस्र के से फोड़े, और बवासीर, और दाद, और खुजली से ऐसा पीड़ित करेगा, कि तू चंगा न हो सकेगा।
28 And ye Lord shall smite thee with madnes, and with blindnes, and with astonying of heart.
२८यहोवा तुझे पागल और अंधा कर देगा, और तेरे मन को अत्यन्त घबरा देगा;
29 Thou shalt also grope at noone daies, as the blinde gropeth in darknes, and shalt not prosper in thy wayes: thou shalt neuer but bee oppressed with wrong and be powled euermore, and no man shall succour thee.
२९और जैसे अंधा अंधियारे में टटोलता है वैसे ही तू दिन दुपहरी में टटोलता फिरेगा, और तेरे काम-काज सफल न होंगे; और तू सदैव केवल अत्याचार सहता और लुटता ही रहेगा, और तेरा कोई छुड़ानेवाला न होगा।
30 Thou shalt betroth a wife, and another man shall lye with her: thou shalt builde an house, and shalt not dwell therein: thou shalt plant a vineyard, and shalt not eate the fruite.
३०तू स्त्री से ब्याह की बात लगाएगा, परन्तु दूसरा पुरुष उसको भ्रष्ट करेगा; घर तू बनाएगा, परन्तु उसमें बसने न पाएगा; दाख की बारी तू लगाएगा, परन्तु उसके फल खाने न पाएगा।
31 Thine oxe shalbe slayne before thine eyes, and thou shalt not eate thereof: thine asse shall be violently taken away before thy face, and shall not be restored to thee: thy sheepe shalbe giuen vnto thine enemies, and no man shall rescue them for thee.
३१तेरा बैल तेरी आँखों के सामने मारा जाएगा, और तू उसका माँस खाने न पाएगा; तेरा गदहा तेरी आँख के सामने लूट में चला जाएगा, और तुझे फिर न मिलेगा; तेरी भेड़-बकरियाँ तेरे शत्रुओं के हाथ लग जाएँगी, और तेरी ओर से उनका कोई छुड़ानेवाला न होगा।
32 Thy sonnes and thy daughters shalbe giuen vnto another people, and thine eyes shall still looke for them, euen till they fall out, and there shalbe no power in thine hand.
३२तेरे बेटे-बेटियाँ दूसरे देश के लोगों के हाथ लग जाएँगे, और उनके लिये चाव से देखते-देखते तेरी आँखें रह जाएँगी; और तेरा कुछ बस न चलेगा।
33 The fruite of thy land and all thy labours shall a people, which thou knowest not, eate, and thou shalt neuer but suffer wrong, and violence alway:
३३तेरी भूमि की उपज और तेरी सारी कमाई एक अनजाने देश के लोग खा जाएँगे; और सर्वदा तू केवल अत्याचार सहता और पिसता रहेगा;
34 So that thou shalt be madde for the sight which thine eyes shall see.
३४यहाँ तक कि तू उन बातों के कारण जो अपनी आँखों से देखेगा पागल हो जाएगा।
35 The Lord shall smite thee in the knees, and in the thighes, with a sore botche, that thou canst not be healed: euen from the sole of thy foote vnto the top of thine head.
३५यहोवा तेरे घुटनों और टाँगों में, वरन् नख से शीर्ष तक भी असाध्य फोड़े निकालकर तुझको पीड़ित करेगा।
36 The Lord shall bring thee and thy King (which thou shalt set ouer thee) vnto a nation, which neither thou nor thy fathers haue knowen, and there thou shalt serue other gods: euen wood and stone,
३६“यहोवा तुझको उस राजा समेत, जिसको तू अपने ऊपर ठहराएगा, तेरे और तेरे पूर्वजों के लिए अनजानी एक जाति के बीच पहुँचाएगा; और उसके मध्य में रहकर तू काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना और पूजा करेगा।
37 And thou shalt be a wonder, a prouerbe and a common talke among all people, whither the Lord shall carie thee.
३७और उन सब जातियों में जिनके मध्य में यहोवा तुझको पहुँचाएगा, वहाँ के लोगों के लिये तू चकित होने का, और दृष्टान्त और श्राप का कारण समझा जाएगा।
38 Thou shalt carie out much seede into the fielde, and shalt gather but litle in: for the grashoppers shall destroy it.
३८तू खेत में बीज तो बहुत सा ले जाएगा, परन्तु उपज थोड़ी ही बटोरेगा; क्योंकि टिड्डियाँ उसे खा जाएँगी।
39 Thou shalt plant a vineyard, and dresse it, but shalt neither drinke of the wine, nor gather the grapes: for the wormes shall eate it.
३९तू दाख की बारियाँ लगाकर उनमें काम तो करेगा, परन्तु उनकी दाख का मधु पीने न पाएगा, वरन् फल भी तोड़ने न पाएगा; क्योंकि कीड़े उनको खा जाएँगे।
40 Thou shalt haue Oliue trees in all thy coastes, but shalt not anoynt thy selfe with the oyle: for thine oliues shall fall.
४०तेरे सारे देश में जैतून के वृक्ष तो होंगे, परन्तु उनका तेल तू अपने शरीर में लगाने न पाएगा; क्योंकि वे झड़ जाएँगे।
41 Thou shalt beget sonnes, and daughters, but shalt not haue them: for they shall goe into captiuitie.
४१तेरे बेटे-बेटियाँ तो उत्पन्न होंगे, परन्तु तेरे रहेंगे नहीं; क्योंकि वे बन्धुवाई में चले जाएँगे।
42 All thy trees and fruite of thy land shall the grashopper consume.
४२तेरे सब वृक्ष और तेरी भूमि की उपज टिड्डियाँ खा जाएँगी।
43 The straunger that is among you, shall clime aboue thee vp on hie, and thou shalt come downe beneath alow.
४३जो परदेशी तेरे मध्य में रहेगा वह तुझ से बढ़ता जाएगा; और तू आप घटता चला जाएगा।
44 He shall lend thee, and thou shalt not lend him: he shalbe the head, and thou shalt be ye tayle.
४४“वह तुझको उधार देगा, परन्तु तू उसको उधार न दे सकेगा; वह तो सिर और तू पूँछ ठहरेगा।
45 Moreouer, all these curses shall come vpon thee, and shall pursue thee and ouertake thee, till thou be destroyed, because thou obeyedst not the voyce of the Lord thy God, to keepe his commandements, and his ordinances, which he commanded thee:
४५तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की दी हुई आज्ञाओं और विधियों के मानने को उसकी न सुनेगा, इस कारण ये सब श्राप तुझ पर आ पड़ेंगे, और तेरे पीछे पड़े रहेंगे, और तुझको पकड़ेंगे, और अन्त में तू नष्ट हो जाएगा।
46 And they shalbe vpon thee for signes and wonders, and vpon thy seede for euer,
४६और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के लिये बने रहकर चिन्ह और चमत्कार ठहरेंगे;
47 Because thou seruedst not the Lord thy God with ioyfulnesse and with a good heart for the abundance of all things.
४७“तू जो सब पदार्थ की बहुतायत होने पर भी आनन्द और प्रसन्नता के साथ अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा नहीं करेगा,
48 Therefore thou shalt serue thine enemies which the Lord shall send vpon thee, in hunger and in thirst, and in nakednesse, and in neede of all things? and he shall put a yoke of yron vpon thy necke vntill he haue destroyed thee.
४८इस कारण तुझको भूखा, प्यासा, नंगा, और सब पदार्थों से रहित होकर अपने उन शत्रुओं की सेवा करनी पड़ेगी जिन्हें यहोवा तेरे विरुद्ध भेजेगा; और जब तक तू नष्ट न हो जाए तब तक वह तेरी गर्दन पर लोहे का जूआ डाल रखेगा।
49 The Lord shall bring a nation vpon thee from farre, euen from the ende of the world, flying swift as an Egle: a nation whose tongue thou shalt not vnderstand:
४९यहोवा तेरे विरुद्ध दूर से, वरन् पृथ्वी के छोर से वेग से उड़नेवाले उकाब सी एक जाति को चढ़ा लाएगा जिसकी भाषा को तू न समझेगा;
50 A nation of a fierce countenance, which will not regarde the person of the olde, nor haue compassion of the yong.
५०उस जाति के लोगों का व्यवहार क्रूर होगा, वे न तो बूढ़ों का मुँह देखकर आदर करेंगे, और न बालकों पर दया करेंगे;
51 The same shall eate the fruit of thy cattell, and the fruite of thy land vntill thou be destroyed, and he shall leaue thee neyther wheate, wine, nor oyle, neither the increase of thy kyne, nor the flockes of thy sheepe, vntill he haue brought thee to nought.
५१और वे तेरे पशुओं के बच्चे और भूमि की उपज यहाँ तक खा जाएँगे कि तू नष्ट हो जाएगा; और वे तेरे लिये न अन्न, और न नया दाखमधु, और न टटका तेल, और न बछड़े, न मेम्ने छोड़ेंगे, यहाँ तक कि तू नाश हो जाएगा।
52 And he shall besiege thee in all thy cities, vntill thine hie and strong walles fall downe, wherein thou trustedst in all the lande: and hee shall besiege thee in all thy cities throughout all thy lande, which the Lord thy God hath giuen thee.
५२और वे तेरे परमेश्वर यहोवा के दिये हुए सारे देश के सब फाटकों के भीतर तुझे घेर रखेंगे; वे तेरे सब फाटकों के भीतर तुझे उस समय तक घेरेंगे, जब तक तेरे सारे देश में तेरी ऊँची-ऊँची और दृढ़ शहरपनाहें जिन पर तू भरोसा करेगा गिर न जाएँ।
53 And thou shalt eate the fruite of thy bodie: euen the flesh of thy sonnes and thy daughters, which the Lord thy God hath giuen thee, during the siege and straitnesse wherein thine enemie shall inclose thee:
५३तब घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझको डालेंगे, तू अपने निज जन्माए बेटे-बेटियों का माँस जिन्हें तेरा परमेश्वर यहोवा तुझको देगा खाएगा।
54 So that the man (that is tender and exceeding deintie among you) shalbe grieued at his brother, and at his wife, that lieth in his bosome, and at the remnant of his children, which hee hath yet left,
५४और तुझ में जो पुरुष कोमल और अति सुकुमार हो वह भी अपने भाई, और अपनी प्राणप्रिय, और अपने बचे हुए बालकों को क्रूर दृष्टि से देखेगा;
55 For feare of giuing vnto any of them of the flesh of his children, whom he shall eate, because he hath nothing left him in that siege, and straitnesse, wherewith thine enemie shall besiege thee in all thy cities.
५५और वह उनमें से किसी को भी अपने बालकों के माँस में से जो वह आप खाएगा कुछ न देगा, क्योंकि घिर जाने और उस संकट में, जिसमें तेरे शत्रु तेरे सारे फाटकों के भीतर तुझे घेर डालेंगे, उसके पास कुछ न रहेगा।
56 The tender and deintie woman among you, which neuer woulde venture to set the sole of her foote vpon the grounde (for her softnesse and tendernesse) shalbe grieued at her husband that lieth in her bosome, and at her sonne, and at her daughter,
५६और तुझ में जो स्त्री यहाँ तक कोमल और सुकुमार हो कि सुकुमारपन के और कोमलता के मारे भूमि पर पाँव धरते भी डरती हो, वह भी अपने प्राणप्रिय पति, और बेटे, और बेटी को,
57 And at her afterbirth (that shall come out from betweene her feete) and at her childre, which she shall beare: for when all things lacke, she shall eate them secretly, during the siege and straitnesse, wherewith thine enemie shall besiege thee in thy cities.
५७अपनी खेरी, वरन् अपने जने हुए बच्चों को क्रूर दृष्टि से देखेगी, क्योंकि घिर जाने और उस संकट के समय जिसमें तेरे शत्रु तुझे तेरे फाटकों के भीतर घेरकर रखेंगे, वह सब वस्तुओं की घटी के मारे उन्हें छिपके खाएगी।
58 If thou wilt not keepe and doe all the wordes of the Lawe (that are written in this booke) and feare this glorious and feareful name The Lord Thy God,
५८“यदि तू इन व्यवस्था के सारे वचनों का पालन करने में, जो इस पुस्तक में लिखे हैं, चौकसी करके उस आदरणीय और भययोग्य नाम का, जो यहोवा तेरे परमेश्वर का है भय न माने,
59 The the Lord wil make thy plagues wonderfull, and the plagues of thy seede, euen great plagues and of long continuance, and sore diseases, and of long durance.
५९तो यहोवा तुझको और तेरे वंश को भयानक-भयानक दण्ड देगा, वे दुष्ट और बहुत दिन रहनेवाले रोग और भारी-भारी दण्ड होंगे।
60 Moreouer, he will bring vpon thee all the diseases of Egypt, whereof thou wast afraide, and they shall cleaue vnto thee.
६०और वह मिस्र के उन सब रोगों को फिर तेरे ऊपर लगा देगा, जिनसे तू भय खाता था; और वे तुझ में लगे रहेंगे।
61 And euery sickenesse, and euery plague, which is not written in the booke of this Lawe, will the Lord heape vpon thee, vntill thou be destroyed.
६१और जितने रोग आदि दण्ड इस व्यवस्था की पुस्तक में नहीं लिखे हैं, उन सभी को भी यहोवा तुझको यहाँ तक लगा देगा, कि तेरा सत्यानाश हो जाएगा।
62 And ye shall be left few in nomber, where ye were as the starres of heauen in multitude, because thou wouldest not obey the voyce of the Lord thy God.
६२और तू जो अपने परमेश्वर यहोवा की न मानेगा, इस कारण आकाश के तारों के समान अनगिनत होने के बदले तुझ में से थोड़े ही मनुष्य रह जाएँगे।
63 And as the Lord hath reioyced ouer you, to doe you good, and to multiply you, so he will reioyce ouer you, to destroy you, and bring you to nought, and ye shalbe rooted out of the land, whither thou goest to possesse it.
६३और जैसे अब यहोवा को तुम्हारी भलाई और बढ़ती करने से हर्ष होता है, वैसे ही तब उसको तुम्हारा नाश वरन् सत्यानाश करने से हर्ष होगा; और जिस भूमि के अधिकारी होने को तुम जा रहे हो उस पर से तुम उखाड़े जाओगे।
64 And the Lord shall scatter thee among all people, from the one ende of the worlde vnto the other, and there thou shalt serue other gods, which thou hast not knowen nor thy fathers, euen wood and stone.
६४और यहोवा तुझको पृथ्वी के इस छोर से लेकर उस छोर तक के सब देशों के लोगों में तितर-बितर करेगा; और वहाँ रहकर तू अपने और अपने पुरखाओं के अनजाने काठ और पत्थर के दूसरे देवताओं की उपासना करेगा।
65 Also among these nations thou shalt finde no rest, neither shall the sole of thy foote haue rest: for the Lord shall giue thee there a trembling heart, and looking to returne till thine eyes fall out, and a sorowfull minde.
६५और उन जातियों में तू कभी चैन न पाएगा, और न तेरे पाँव को ठिकाना मिलेगा; क्योंकि वहाँ यहोवा ऐसा करेगा कि तेरा हृदय काँपता रहेगा, और तेरी आँखें धुँधली पड़ जाएँगी, और तेरा मन व्याकुल रहेगा;
66 And thy life shall hang before thee, and thou shalt feare both night and day, and shalt haue none assurance of thy life.
६६और तुझको जीवन का नित्य सन्देह रहेगा; और तू दिन-रात थरथराता रहेगा, और तेरे जीवन का कुछ भरोसा न रहेगा।
67 In the morning thou shalt say, Woulde God it were euening, and at the euening thou shalt say, Would God it were morning, for ye feare of thine heart, which thou shalt feare, and for the sight of thine eyes, which thou shalt see.
६७तेरे मन में जो भय बना रहेगा, और तेरी आँखों को जो कुछ दिखता रहेगा, उसके कारण तू भोर को आह मारकर कहेगा, ‘साँझ कब होगी!’ और साँझ को आह मारकर कहेगा, ‘भोर कब होगा!’
68 And the Lord shall bring thee into Egypt againe with shippes by the way, whereof I saide vnto thee, Thou shalt see it no more againe: and there yee shall sell your selues vnto your enemies for bondmen and bondwomen, and there shalbe no byer.
६८और यहोवा तुझको नावों पर चढ़ाकर मिस्र में उस मार्ग से लौटा देगा, जिसके विषय में मैंने तुझ से कहा था, कि वह फिर तेरे देखने में न आएगा; और वहाँ तुम अपने शत्रुओं के हाथ दास-दासी होने के लिये बिकाऊ तो रहोगे, परन्तु तुम्हारा कोई ग्राहक न होगा।”

< Deuteronomy 28 >