< Isaiah 2 >

1 This is the vision that Isaiah, son of Amoz, saw about Judah and Jerusalem.
वह बात जो यसा'याह बिन आमूस ने यहूदाह और येरूशलेम के हक़ में ख़्वाब में देखा।
2 In the last days the mountain where the Lord's Temple stands will be recognized as the highest of all mountains, rising above other hills. Many from the other nations will travel to it.
आख़िरी दिनों में यूँ होगा कि ख़ुदावन्द के घर का पहाड़ पहाड़ों की चोटी पर क़ाईम किया जाएगा, और टीलों से बुलन्द होगा, और सब क़ौमें वहाँ पहुँचेंगी;
3 People will come and say, “Let's go up to the mountain of the Lord, to the Temple of the God of Jacob. There God will teach us his ways and we will follow his directions. God's teachings will spread out from Zion, his word from Jerusalem.”
बल्कि बहुत सी उम्मतें आयेंगी और कहेंगी “आओ ख़ुदावन्द के पहाड़ पर चढ़ें, या'नी या'क़ूब के ख़ुदा के घर में दाख़िल हों और वह अपनी राहें हम को बताएगा, और हम उसके रास्तों पर चलेंगे।” क्यूँकि शरी'अत सिय्यून से, और ख़ुदावन्द का कलाम येरूशलेम से सादिर होगा।
4 The Lord will decide the cases of the nations; he will settle arguments between nations. They will hammer their swords and turn them into plough blades, and their spears into pruning hooks. Nations will not fight against each other anymore; they will no longer learn methods of warfare.
और वह क़ौमों के बीच 'अदालत करेगा और बहुत सी उम्मतों को डांटेगा और वह अपनी तलवारों को तोड़ कर फालें, और अपने भालों को हँसुए बना डालेंगे और क़ौम क़ौम पर तलवार न चलाएगी और वह फिर कभी जंग करना न सींखेंगे।
5 Come, you Israelites, let's walk in the Lord's light.
ऐ या'क़ूब के घराने, आओ हम ख़ुदावन्द की रोशनी में चलें।
6 For you, Lord, have given up on your people the Israelites, because they have adopted pagan practices from the East, they use spells like the Philistines, and make friends with foreigners.
तूने तो अपने लोगों या'नी या'क़ूब के घराने को छोड़ दिया, इसलिए कि वह अहल — ए — मशरिक़ की रसूम से पुर हैं और फ़िलिस्तियों की तरह शगुन लेते हैं और बेगानों की औलाद के साथ हाथ पर हाथ मारते हैं।
7 Their country is full of silver and gold, and endless wealth. Their land is full of horses; and they have an endless amount of chariots.
और उनका मुल्क सोने — चाँदी से मालामाल है, और उनके ख़ज़ाने बे शुमार हैं और उनका मुल्क घोड़ों से भरा है, उनके रथों का कुछ शुमार नहीं।
8 Their country is full of idols; they bow down and worship what they have made themselves—produced by their own hands!
उनकी सरज़मीन बुतों से भी पुर है वह अपने ही हाथों की सन'अत, या'नी अपनी ही उगलियों की कारीगरी को सिज्दा करते हैं।
9 These people will be brought down and humiliated—Lord, don't forgive them!
इस वजह से छोटा आदमी पस्त किया जाता है, और बड़ा आदमी ज़लील होता है; और तू उनको हरगिज़ मुआफ़ न करेगा।
10 Run away into rock caves, hide underground from the terrifying presence of the Lord, from the glory of his majesty.
ख़ुदावन्द के ख़ौफ़ से और उसके जलाल की शौकत से, चट्टान में घुस जा और ख़ाक में छिप जा।
11 Those who look with arrogance will be brought low; those who are proud will be humbled. On that day only the Lord will be lifted high.
इंसान की ऊँची निगाह नीची की जाएगी और बनी आदम का तकब्बुर पस्त हो जाएगा; और उस रोज़ ख़ुदावन्द ही सरबलन्द होगा।
12 The Lord has set aside a day when he will deal with the proud and arrogant. He will end all self-glorification, bringing it down.
क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़्वाज का दिन तमाम मग़रूरों बुलन्द नज़रों और मुतकब्बिरों पर आएगा और वह पस्त किए जाएँगे;
13 He will cut down the cedars of Lebanon, tall and high, and all the great oaks of Bashan,
और लुबनान के सब देवदारों पर जो बुलन्द और ऊँचे हैं और बसन के सब बलूतों पर।
14 He will bring down the tall mountains and the high hills.
और सब ऊँचे पहाड़ों और सब बुलन्द टीलों पर,
15 He will tear down every high tower and every defensive wall.
और हर एक ऊँचे बुर्ज पर, और हर एक फ़सीली दीवार पर,
16 He will wipe out all the commercial ships of Tarshish as well as the pleasure vessels.
और तरसीस के सब जहाज़ों पर, ग़रज़ हर एक ख़ुशनुमा मन्ज़र पर;
17 The arrogant will be humbled; the proud will be brought low. On that day only the Lord will be lifted high.
और आदमी का तकब्बुर ज़ेर किया जाएगा और लोगों की बुलंद बीनी पस्त की जायेगी और उस रोज़ ख़ुदावन्द ही सरबलन्द होगा।
18 Idols will completely vanish away.
तमाम बुत बिल्कुल फ़ना हो जायेंगे
19 People will run away into rock caves and holes in the ground to try and hide from the terrifying presence of the Lord, from the glory of his majesty, when he arrives to shake the earth.
और जब ख़ुदावन्द उठेगा कि ज़मीन को शिद्दत से हिलाए, तो लोग उसके डर से और उसके जलाल की शौकत से पहाड़ों के ग़ारों और ज़मीन के शिगाफ़ों में घुसेंगे।
20 On that day the people will take the idols of silver and gold that they made to worship and throw them away to the rats and the bats.
उस रोज़ लोग अपनी सोने — चाँदी की मूरतों को जो उन्होंने इबादत के लिए बनाई, छछुन्दारों और चमगादड़ों के आगे फेंक देंगे।
21 They will run to cracks in the rocks and gaps on the cliffs to try and hide from the terrifying presence of the Lord, from the glory of his majesty, when he arrives to shake the earth.
ताकि जब ख़ुदावन्द ज़मीन को शिद्दत से हिलाने के लिए उठे, तो उसके ख़ौफ़ से और उसके जलाल की शौकत से चट्टानों के ग़ारों और नाहमवार पत्थरों के शिगाफ़ों में घुस जाएँ।
22 Don't bother trusting human beings who only live for a while. How much do they count?
तब तुम इंसान से जिसका दम उसके नथनों में है बाज़ रहो, क्यूँकि उसकी क्या क़द्र है?

< Isaiah 2 >