< Hebrews 9 >

1 The former system had instructions as to how to worship, and an earthly sanctuary.
इब, उस पैहल्ड़े करार म्ह भी सेवा के नियम थे, अर इसी पवित्र जगहां थी, जो इस दुनिया की थी।
2 The first room in the Tabernacle housed the candlestick, the table, and the sacred bread. This was called the Holy Place.
यानी के एक तम्बू बणाया गया जिस म्ह दो कमरे थे, पैहले कमरे म्ह दीवट, मेज अर मेज कै उप्पर भेंट की चढ़ाई होई रोटियाँ थी, अर वा पवित्र जगहां कुह्वावै सै।
3 Past the second veil in the Tabernacle was the room called the Most Holy Place.
ओड़ै एक परदा था उस परदे कै पाच्छै दुसरा कमरा था, जो परमपवित्र जगहां कुह्वावै सै।
4 This contained the golden altar of incense, the gold-covered “agreement chest.” Inside this were the golden pot containing manna, Aaron's rod that had produced buds, and the stone inscriptions of the agreement.
उस दुसरे कमरे म्ह सोन्ने की धूपदानी, अर चौगरदेकै सोन्ने तै मन्ढया होया करार का सन्दूक था, अर उस म्ह मन्ना तै भरया होया सोने का मर्तबान भी था, अर हारुन की छड़ी जिस म्ह फूल फळ आ गये थे, अर करार की पत्थर की पटियाँ भी थी।
5 Above this were the glorious angel cherubim covering the place of reconciliation. We can't discuss all of this in detail now.
इसकै अलावा सन्दूक कै उप्पर दोन्नु ओड़ तेजोमय करुब थे, जो प्रायश्चित के ढक्कण जिस ताहीं प्रायश्चित के दिन पापबलि के लहू तै छिड़क दिया जावै था। इनका एक-एक करकै जिक्र करण का इब्बै बखत न्ही सै।
6 Once all of this had been set up, the priests would go in regularly to the first room of the Tabernacle to perform their duties.
ये चीज इस तरियां तै धरी गई थी। उस पैहल्ड़े कमरे म्ह परमेसवर की आराधना करण कै खात्तर याजक हरेक दिन पैहले कमरे म्ह जाया करै था।
7 But only the high priest went into the second room, and only once a year. Even then he had to make a sacrifice involving blood, which he offered for himself and for the people's sins of ignorance.
पर दुसरे कमरे म्ह यानी घणी पवित्र जगहां म्ह, सिर्फ महायाजक साल भर म्ह एक ए बर जावै सै, अर बलिदान के जानवर का लहू लिये जाया करै था, जिस ताहीं वो अपणे खात्तर अर माणसां की भूल-चूक म्ह करया पापां खात्तर भेंट चढ़ावै सै।
8 By this the Holy Spirit indicated that the way into the true Most Holy Place hadn't been revealed while the first Tabernacle still existed.
इसतै पवित्र आत्मा योए दिखावै सै, के पुराणे करार के मुताबिक दुसरा कमरा यानी घणी पवित्र जगहां जो सुर्ग म्ह सै, जित्त परमेसवर रहवै था, ओड़ तक पुहचण का रास्ता बन्द था।
9 This is an illustration for us in the present, showing us that the gifts and sacrifices that are offered can't make the worshiper's conscience clear.
यो तम्बू आज कै दिन का एक उदाहरण सै, जिस म्ह याजक भेंट अर बलिदान चढ़ावै सै, जिब माणस बलिदान की भेट लेकै आवै थे, तो उनकी अन्तरात्मा समझ न्ही पावै थी, के इब उसके पाप माफ होए सै या न्ही।
10 They're just religious regulations—about food and drink, and various ceremonies involving washing—which were put in place until the time of God's new way of relating to him.
क्यूँके ये उपहार अर बलिदान सिर्फ खाण-पीण की चिज्जां, अर कई ढाळ की शुद्ध करण की शारीरिक विधियाँ, तब तक थी, जिब तक परमेसवर कोए नई विधि न्ही देता।
11 Christ has come as a high priest of all the good experiences we now have. He went into the greater, more complete Tabernacle that wasn't made by human hands—not part of this created world.
पर जिब मसीह म्हारा महायाजक बणकै आया, तो अपणे साथ बढ़िया-बढ़िया चीज लेकै आया जो इब भी मौजूद सै, जिब वो दिख्या तो वो परमेसवर की मौजूदगी म्ह चला गया, यो तम्बू हाथ का बणाया होया कोनी यानिके इस सृष्टि का कोनी।
12 He didn't enter through the blood of goats and calves, but through his own blood. He entered once, for all time, into the Most Holy Place, setting us free forever. (aiōnios g166)
जिब मसीह तम्बू म्ह चला गया तो वो सब खात्तर सब तै पवित्र जगहां म्ह दाखल होया, उसनै बलिदान के रूप म्ह बकरयां अर बाछड़याँ का लहू न्ही लिया, बल्के उसनै अपणा लहू लिया, ताके हम अनन्त छुटकारा पा सकै। (aiōnios g166)
13 For if the blood of goats and bulls and the ashes of a cow sprinkled on those who are ritually unclean make the body ceremonially clean,
क्यूँके जै मूसा नबी के नियम-कायदा के मुताबिक जिब बकरयां अर बळ्धां का लहू अर बाछड़े की राख का अपवित्र माणसां पै छिड़के जाण की विधि के मुताबिक, अशुद्धता दूर हो जावै सै।
14 how much more does the blood of Christ—who offered himself in his sinless life to God through the eternal Spirit—clean your consciences from your past sinful lives so you can serve the living God? (aiōnios g166)
तो मसीह का बेकसूर लहू जो म्हारी अन्तरात्मा नै, म्हारे पाप, जो म्हारी मौत की बजह बणै सै, उनतै शुद्ध करै सै, ताके हम जिन्दे परमेसवर की आराधना कर सका। पवित्र आत्मा की शक्ति के जरिये मसीह नै म्हारे ताहीं अपणे पापां खात्तर एक सम्पूर्ण बलिदान के रूप म्ह परमेसवर ताहीं अपणे-आप ताहीं दे दिया। (aiōnios g166)
15 This is why he is the mediator of a new agreed relationship. Since a death has occurred to set them free from the sins committed under the first agreed relationship, now those who are called can receive the promise of an eternal inheritance. (aiōnios g166)
इस कारण मसीह परमेसवर अर माणसां के बीच म्ह नये करार का बिचोल्ला सै, ताके जो माणस परमेसवर के जरिये बुलाये गये सै, वो सनातन आशीषें पा सकै, जिसका परमेसवर नै वादा करया सै, क्यूँके पैहल्ड़े करार के अधीन रहन्दे होए जितने माणसां नै पाप कराया, उन ताहीं छुड़ाण खात्तर यीशु नै अपणी जान दे दी। (aiōnios g166)
16 For a will to be implemented, the person who made it must be dead.
करार एक वसियत के समान हो सै। एक वसियत के नियम नै लाग्गू करण खात्तर यो साबित करणा जरूरी होवै सै, के जिसनै वा वसियत बणाई हो, वो मर चुक्या हो।
17 A will is only valid when there's been a death—and is never applied while the person who made it is still alive.
क्यूँके एक वसियत जिब्बे लाग्गू हो सकै सै, जिब उसके बणाण आळा की मौत होगी हो। वो जिब तक लाग्गू न्ही होन्दी जिब ताहीं उसका बणाण आळा जिन्दा हो।
18 That's why the first agreement was established with blood.
इस कारण पैहल्ड़ा करार का नियम जानवरां के लहू ताहीं बहाए जाण पै लाग्गू होवै था।
19 After Moses had given all the commandments of the law to everyone, he took the blood of calves and goats, and together with water, scarlet wool, and hyssop, sprinkled the book itself and all the people.
क्यूँके जिब मूसा नबी सारे माणसां नै नियम-कायदे का हरेक हुकम सुणा चुक्या तो उसनै बकरयां अर बाछड़याँ का लहू लेकै, पाणी म्ह मिला लिया अर लाल ऊन अर जूफा (झाड़ी) की छड़ी कै गेल्या, उस नियम-कायदे की किताब अर सारे माणसां पै छिड़क दिया
20 He said to them, “This is the blood of the agreed relationship that God has told you he wants with you.”
अर कह्या, “के यो लहू परमेसवर के साथ करे गये करार नै पक्का करै सै, जिसका हुकम परमेसवर नै थारे खात्तर दिया सै।”
21 Moses sprinkled the blood in the same way on the Tabernacle and everything used in worship.
अर इस्से तरियां तै उसनै तम्बू अर सेवा के सारे समान पै लहू छिड़क्या, जित्त सारे माणस आराधना करण लागरे थे।
22 According to ceremonial law, almost everything is made clean with blood, and without shedding blood nothing is made ritually free from the stain of sin.
सच तो यो सै के नियम-कायदे कै मुताबिक आमतौर पै सारी चीज लहू कै जरिये शुद्ध करी जावै सै, मसीह नै जो लहू बहाया उसके बगैर पापां की माफी कोन्या।
23 So if the copies of what is in heaven needed to be cleansed in this way, the things in heaven needed cleansing by better sacrifices.
यो जरूरी सै के तम्बू अर उसकी सारी चीज, जो सुर्ग की चिज्जां का हुबहू सै, इन जानवरां का लहू सै, जो शुद्ध करया जा, पर सुर्ग की चीज नै शुद्ध करण कै खात्तर बढ़िया बलिदानां की जरूरत थी।
24 For Christ hasn't entered a Most Holy Place constructed by human beings that is only a pattern of the original. He has entered heaven itself, and now appears on our behalf, speaking for us in God's presence.
क्यूँके मसीह जिस पवित्र जगहां म्ह दाखल होया, वो माणसां के हाथ की बणाई होई न्ही थी, वो असली तम्बू की सिर्फ एक नकल सै, बल्के वो सीध्धा सुर्ग गया अर इब म्हारी मदद करण खात्तर परमेसवर कै साथ सै।
25 This was not to repeatedly offer himself, like a high priest has to enter the Most Holy Place year after year, offering blood that is not his own.
वो सुर्ग म्ह इस करकै दाखल होया के माणसां के पापां के कारण बारबार अपणे-आपनै बलिदान करै, जिस तरियां महायाजक हरेक साल दुसरे का लहू लिए पवित्र जगहां म्ह दाखल होया करै था,
26 Otherwise Christ would have had to suffer many times since the creation of the world. No: just this one time at the end of the present age he came to remove sin by sacrificing himself. (aiōn g165)
जै इसा करणा जरूरी था तो दुनिया की शरुआत तै लेकै इब तक उसनै बार-बार दुख ठाणा पड़दा, पर इब युग कै आखरी म्ह वो एक ए बर जाहिर होया सै, ताके अपणे क्रूस पै बलिदान कै जरिये पाप ताहीं दूर कर देवै। (aiōn g165)
27 Just as human beings die only once, and then are judged,
अर जिस तरियां माणसां कै खात्तर एक बर मरणा अर उसकै पाच्छै न्याय का होणा तय सै,
28 so too for Christ—having been sacrificed once to take away the sins of many people, he will come again, not to deal with sin, but to save those who wait for him.
उस्से तरियां ए मसीह भी माणसां के पापां की माफी खात्तर एक बर धरती पै आया अर सूळी पै अपणी जान दे दी, अर जो माणस उसकी बोहड़ण की बाट देक्खै सै, उनकै उद्धार कै खात्तर दुसरी बर बिना पाप उठाए होए दिखैगा।

< Hebrews 9 >