< Ezekiel 42 >
1 The man took me out through the north gate to the outer courtyard into the rooms on the far side of the Temple courtyard by the northern external wall.
१फिर वह पुरुष मुझे बाहरी आँगन में उत्तर की ओर ले गया, और मुझे उन दो कोठरियों के पास लाया जो भवन के आँगन के सामने और उसके उत्तर की ओर थीं।
2 The building with the north-facing door was a hundred cubits long and fifty cubits wide.
२सौ हाथ की दूरी पर उत्तरी द्वार था, और चौड़ाई पचास हाथ की थी।
3 It had three floors of open halls on both sides, one facing the twenty-cubit area of the inner courtyard and one facing the pavement of the outer courtyard.
३भीतरी आँगन के बीस हाथ सामने और बाहरी आँगन के फर्श के सामने तीनों महलों में छज्जे थे।
4 In front of the rooms was an inside walkway ten cubits wide and a hundred cubits long. Their doors opened to the north.
४कोठरियों के सामने भीतर की ओर जानेवाला दस हाथ चौड़ा एक मार्ग था; और हाथ भर का एक और मार्ग था; और कोठरियों के द्वार उत्तर की ओर थे।
5 The upper rooms were smaller because of the space taken up by the open halls on the lower and middle levels of the building.
५ऊपरी कोठरियाँ छोटी थीं, अर्थात् छज्जों के कारण वे निचली और बिचली कोठरियों से छोटी थीं।
6 Since they didn't have pillars like the courtyards, the upper rooms were set farther back than the lower and middle levels.
६क्योंकि वे तीन मंजिला थीं, और आँगनों के समान उनके खम्भे न थे; इस कारण ऊपरी कोठरियाँ निचली और बिचली कोठरियों से छोटी थीं।
7 An external wall ran in front of the rooms for fifty cubits long parallel to the outer courtyard.
७जो दीवार कोठरियों के बाहर उनके पास-पास थी अर्थात् कोठरियों के सामने बाहरी आँगन की ओर थी, उसकी लम्बाई पचास हाथ की थी।
8 The rooms on the outer courtyard extended for fifty cubits, but those that faced the Temple were a hundred cubits long.
८क्योंकि बाहरी आँगन की कोठरियाँ पचास हाथ लम्बी थीं, और मन्दिर के सामने की ओर सौ हाथ की थी।
9 Below these rooms was an entrance on the east side coming from the outer courtyard.
९इन कोठरियों के नीचे पूर्व की ओर मार्ग था, जहाँ लोग बाहरी आँगन से इनमें जाते थे।
10 Along the wall on the south side of the outer courtyard were rooms next to the courtyard and opposite the building.
१०आँगन की दीवार की चौड़ाई में पूर्व की ओर अलग स्थान और भवन दोनों के सामने कोठरियाँ थीं।
11 There was a walkway in front of them, just like the rooms on the north side. These rooms had the same length and width, the same doors, floor plan, and exits.
११उनके सामने का मार्ग उत्तरी कोठरियों के मार्ग–सा था; उनकी लम्बाई-चौड़ाई बराबर थी और निकास और ढंग उनके द्वार के से थे।
12 Similarly there was an entrance under the rooms on the south side of the building, coming from the east side.
१२दक्षिणी कोठरियों के द्वारों के अनुसार मार्ग के सिरे पर द्वार था, अर्थात् पूर्व की ओर की दीवार के सामने, जहाँ से लोग उनमें प्रवेश करते थे।
13 The man told me, “The north and south rooms that face the Temple courtyard are holy rooms where the priests who go before the Lord will eat the most holy offerings. They will place the most holy offerings there because the place is holy, and include the grain offerings, the sin offerings, and the guilt offerings.
१३फिर उसने मुझसे कहा, “ये उत्तरी और दक्षिणी कोठरियाँ जो आँगन के सामने हैं, वे ही पवित्र कोठरियाँ हैं, जिनमें यहोवा के समीप जानेवाले याजक परमपवित्र वस्तुएँ खाया करेंगे; वे परमपवित्र वस्तुएँ, और अन्नबलि, और पापबलि, और दोषबलि, वहीं रखेंगे; क्योंकि वह स्थान पवित्र है।
14 Once the priests have entered these rooms, they are not to go to the outer courtyard before leaving their priestly clothes, because these are holy. They must change into other clothes before go where the ordinary people are.”
१४जब जब याजक लोग भीतर जाएँगे, तब-तब निकलने के समय वे पवित्रस्थान से बाहरी आँगन में ऐसे ही न निकलेंगे, अर्थात् वे पहले अपनी सेवा टहल के वस्त्र पवित्रस्थान में रख देंगे; क्योंकि ये कोठरियाँ पवित्र हैं। तब वे दूसरे वस्त्र पहनकर साधारण लोगों के स्थान में जाएँगे।”
15 After the man finished measuring inside of the Temple area, he took me out through the east gate, and he measured the surrounding area as well.
१५जब वह भीतरी भवन को माप चुका, तब मुझे पूर्व दिशा के फाटक के मार्ग से बाहर ले जाकर बाहर का स्थान चारों ओर मापने लगा।
16 Using the measuring rod he measured the east side. It was five hundred cubits long.
१६उसने पूर्वी ओर को मापने के बाँस से मापकर पाँच सौ बाँस का पाया।
17 He measured the north side. It was five hundred cubits long.
१७तब उसने उत्तरी ओर को मापने के बाँस से मापकर पाँच सौ बाँस का पाया।
18 He measured the south side. It was five hundred cubits long.
१८तब उसने दक्षिणी ओर को मापने के बाँस से मापकर पाँच सौ बाँस का पाया।
19 And he came around and measured the west side. It was five hundred cubits long.
१९और पश्चिमी ओर को मुड़कर उसने मापने के बाँस से मापकर उसे पाँच सौ बाँस का पाया।
20 So he measured all four sides. There was a wall surrounding it, five hundred cubits long and five hundred cubits wide, separating the holy from the common.
२०उसने उस स्थान की चारों सीमाएँ मापी, और उसके चारों ओर एक दीवार थी, वह पाँच सौ बाँस लम्बी और पाँच सौ बाँस चौड़ी थी, और इसलिए बनी थी कि पवित्र और सर्वसाधारण को अलग-अलग करे।