< Psalms 21 >
1 Unto the end. A psalm for David. In thy strength, O Lord, the king shall joy; and in thy salvation he shall rejoice exceedingly.
ऐ ख़ुदावन्द! तेरी ताक़त से बादशाह खु़श होगा; और तेरी नजात से उसे बहुत ख़ुशी होगी।
2 Thou hast given him his heart’s desire: and hast not withholden from him the will of his lips.
तूने उसके दिल की आरज़ू पूरी की है, और उसके मुँह की दरख़्वास्त को नामंजूर नहीं किया। (सिलाह)
3 For thou hast prevented him with blessings of sweetness: thou hast set on his head a crown of precious stones.
क्यूँकि तू उसे 'उम्दा बरकतें बख़्शने में पेश कदमी करता, और ख़ालिस सोने का ताज उसके सिर पर रखता है।
4 He asked life of thee: and thou hast given him length of days for ever and ever.
उसने तुझ से ज़िन्दगी चाही और तूने बख़्शी; बल्कि उम्र की दराज़ी हमेशा के लिए।
5 His glory is great in thy salvation: glory and great beauty shalt thou lay upon him.
तेरी नजात की वजह से उसकी शौकत 'अज़ीम है; तू उसे हश्मत — ओ — जलाल से आरास्ता करता है।
6 For thou shalt give him to be a blessing for ever and ever: thou shalt make him joyful in gladness with thy countenance.
क्यूँकि तू हमेशा के लिए उसे बरकतों से मालामाल करता है; और अपने सामने उसे ख़ुश — ओ — ख़ुर्रम रखता है।
7 For the king hopeth in the Lord: and through the mercy of the most High he shall not be moved.
क्यूँकि बादशाह का भरोसा ख़ुदावन्द पर है; और हक़ता'ला की शफ़क़त की बदौलत उसे हरगिज़ जुम्बिश न होगी।
8 Let thy hand be found by all thy enemies: let thy right hand find out all them that hate thee.
तेरा हाथ तेरे सब दुश्मनों को ढूंड निकालेगा, तेरा दहना हाथ तुझ से कीना रखने वालों का पता लगा लेगा।
9 Thou shalt make them as an oven of fire, in the time of thy anger: the Lord shall trouble them in his wrath, and fire shall devour them.
तू अपने क़हर के वक़्त उनको जलते तनूर की तरह कर देगा। ख़ुदावन्द अपने ग़ज़ब में उनको निगल जाएगा, और आग उनको खा जाएगी।
10 Their fruit shalt thou destroy from the earth: and their seed from among the children of men.
तू उनके फल को ज़मीन पर से बर्बाद कर देगा, और उनकी नसल को बनी आदम में से।
11 For they have intended evils against thee: they have devised counsels which they have not been able to establish.
क्यूँकि उन्होंने तुझ से बदी करना चाहा, उन्होंने ऐसा मन्सूबा बाँधा जिसे वह पूरा नहीं कर सकते।
12 For thou shalt make them turn their back: in thy remnants thou shalt prepare their face.
क्यूँकि तू उनका मुँह फेर देगा, तू उनके मुक़ाबले में अपने चिल्ले चढ़ाएगा।
13 Be thou exalted, O Lord, in thy own strength: we will sing and praise thy power.
ऐ ख़ुदावन्द, तू अपनी ही ताक़त में सरबुलन्द हो! और हम गाकर तेरी क़ुदरत की सिताइश करेंगे।