< Psalms 124 >
1 If it had not been that the Lord was with us, let Israel now say:
अब इस्राईल यूँ कहे, अगर ख़ुदावन्द हमारी तरफ़ न होता,
2 If it had not been that the Lord was with us, When men rose up against us,
अगर ख़ुदावन्द उस वक़्त हमारी तरफ़ न होता, जब लोग हमारे ख़िलाफ़ उठे,
3 Perhaps they had swallowed us up alive. When their fury was enkindled against us,
तो जब उनका क़हर हम पर भड़का था, वह हम को ज़िन्दा ही निगल जाते।
4 Perhaps the waters had swallowed us up.
उस वक़्त पानी हम को डुबो देता, और सैलाब हमारी जान पर से गुज़र जाता।
5 Our soul hath passed through a torrent: perhaps our soul had passed through a water insupportable.
उस वक़्त मौजज़न, पानी हमारी जान पर से गुज़र जाता।
6 Blessed be the Lord, who hath not given us to be a prey to their teeth.
ख़ुदावन्द मुबारक हो, जिसने हमें उनके दाँतों का शिकार न होने दिया।
7 Our soul hath been delivered as a sparrow out of the snare of the followers. The snare is broken, and we are delivered.
हमारी जान चिड़िया की तरह चिड़ीमारों के जाल से बच निकली, जाल तो टूट गया और हम बच निकले।
8 Our help is in the name of the Lord, who made heaven and earth.
हमारी मदद ख़ुदावन्द के नाम से है, जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया।