< Numbers 34 >
1 And the Lord spoke to Moses, saying:
इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
2 Command the children of Israel, and then shalt say to them: When you are entered into the land of Chanaan, and it shall be fallen into your possession by lot, it shall be bounded by these limits:
“तुम इस्राएलियों को यह आदेश दो: ‘जब तुम कनान देश में प्रवेश करो, तो यही वह देश होगा, जो तुम्हारे उत्तराधिकार के लिए ठहराया गया है—हां, कनान देश उसकी सीमाओं सहित:
3 The south side shall begin from the wilderness of Sin, which is by Edom: and shall have the most salt sea for its furthest limits eastward:
“‘तुम्हारे देश का दक्षिण क्षेत्र ज़िन के निर्जन प्रदेश से एदोम की सीमा तक पूर्व में लवण-सागर तक होगी.
4 Which limits shall go round on the south side by the ascent of the Scorpion and so into Senna, and reach toward the south as far as Cadesbarne, from whence the frontiers shall go out to the town called Adar, and shall reach as far as Asemona.
तब तुम्हारी सीमा मुड़कर दक्षिण से अक्रब्बीम की चढ़ाई की ओर होगी और ज़िन की दिशा में बढ़ती जाएगी और इसका अंत होगा कादेश-बरनेअ का दक्षिण. यह हाज़ार अद्दार पहुंचकर आज़मोन से
5 And the limits shall fetch a compass from Asemona to the torrent of Egypt, and shall end in the shore of the great sea.
मिस्र की नदी की ओर हो जाएगी और सागर तट पर जाकर खत्म हो जाएगी.
6 And the west side shall begin from the great sea, and the same shall be the end thereof.
पश्चिमी सीमा के विषय में, महासागर अर्थात् इसका सारा तट यही तुम्हारी पश्चिमी सीमा होगी.
7 But toward the north side the borders shall begin from the great sea, reaching to the most high mountain,
तुम्हारी उत्तरी सीमा: तुम अपनी सीमा रेखा भूमध्य-सागर से लेकर होर पर्वत तक डालोगे.
8 From which they shall come to Emath, as far as the borders of Sedada:
तब तुम होर पर्वत से लबो-हामाथ तक सीमा रेखा डालोगे और सीमा का समापन होगा ज़ेदाद पर.
9 And the limits shall go as far as Zephrona, and the village of Enan. These shall be the borders on the north side.
सीमा रेखा ज़िफरोन की दिशा में आगे बढ़ेगी और इसका समापन होगा हाज़ार-एनान पर; यह होगी तुम्हारी उत्तरी सीमा.
10 From thence they shall mark out the bounds towards the east side from the village of Enan unto Sephama.
पूर्वी सीमा के लिए तुम हाज़ार-एनान से शेफम तक रेखा डालोगे,
11 And from Sephama the bounds shall go down to Rebla over against the fountain of Daphnis: from thence they shall come eastward to the sea of Cenereth,
सीमा रेखा शेफम से रिबलाह, जो एइन के पूर्व में है, की दिशा में बढ़ेगी. यह सीमा नीचे की ओर आगे बढ़कर किन्नेरेथ झील की ढलान पर पहुंचेगी.
12 And shall reach as far as the Jordan, and at the last shall be closed in by the most salt sea. This shall be your land with its borders round about.
फिर सीमा यरदन की दिशा में जाएगी और लवण-सागर पर जा समाप्त हो जाएगी. “‘यही होगी हर एक दिशा से सीमाओं के अनुसार तुम्हें दिया गया वह देश.’”
13 And Moses commanded the children of Israel, saying: This shall be the land which you shall possess by lot, and which the Lord hath commanded to be given to the nine tribes, and to the half tribe.
फिर मोशेह ने इस्राएलियों को यह आदेश दिया: “यही है, वह देश, जिसका बंटवारा तुम्हें पासा फेंककर अधिकार के लिए करना है, जिसे याहवेह ने साढ़े नौ गोत्रों को देने का आदेश दिया है.
14 For the tribe of the children of Ruben by their families, and the tribe of the children of Gad according to the number of their kindreds, and half of the tribe of Manasses,
रियूबेन गोत्र के वंशजों ने अपने पितरों के कुलों के अनुसार अपना अंश प्राप्त कर लिया है, वैसे ही गाद गोत्र के वंशजों ने और मनश्शेह के आधे गोत्र ने भी अपना अंश प्राप्त कर लिया है.
15 That is, two tribes and a half, have received their portion beyond the Jordan over against Jericho at the east side.
यरदन के इसी ओर, येरीख़ो के सामने भूमि के भाग पर सूर्योदय की दिशा, पूर्व में, इन ढाई गोत्रों ने अपना अपना निर्धारित भाग प्राप्त कर लिया है.”
16 And the Lord said to Moses:
याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
17 These are the names of the men, that shall divide the land unto you: Eleazar the priest, and Josue the son of Nun,
“मीरास के रूप में भूमि बांटने के लिए चुने गए व्यक्ति ये हैं: पुरोहित एलिएज़र तथा नून के पुत्र यहोशू.
18 And one prince of every tribe,
मीरास बांटने के लिए तुम हर एक गोत्र में से एक प्रधान चुनोगे.
19 Whose names are these: Of the tribe of Juda, Caleb the son of Jephone.
“चुने गए व्यक्ति ये हैं: “यूदाह गोत्र से येफुन्नेह का पुत्र कालेब;
20 Of the tribe of Simeon, Samuel the son of Ammiud.
शिमओन के वंशजों में से अम्मीहूद का पुत्र शमुएल;
21 Of the tribe of Benjamin, Elidad the son of Chaselon.
बिन्यामिन के वंशजों में से कीसलोन का पुत्र एलिदाद;
22 Of the tribe of the children of Dan, Bocci the son of Jogli.
दान के वंशजों में से योगली का पुत्र बुक्की प्रधान था;
23 Of the children of Joseph of the tribe of Manasses, Hanniel the son of Ephod.
योसेफ़ के वंशजों में से, मनश्शेह के वंशजों का प्रधान था एफ़ोद का पुत्र हन्निएल;
24 Of the tribe of Ephraim, Camuel the son of Sephtan.
योसेफ़ के पुत्र एफ्राईम के गोत्र में से नेता शिफतन के पुत्र केमुएल थे;
25 Of the tribe of Zabulon, Elisaphan the son of Pharnach.
एफ्राईम के वंशजों में से प्रधान था पारनाख का पुत्र एलिज़ाफ़ान;
26 Of the tribe of Issachar, Phaltiel the prince, the son of Ozan.
इस्साखार के वंशजों में से चुना गया प्रधान था, अज्जान का पुत्र पालतिएल;
27 Of the tribe of Aser, Ahiud the son of Salomi.
आशेर के वंशजों से चुना गया प्रधान था शेलोमी का पुत्र अहीहूद;
28 Of the tribe of Nephtali: Phedael the son of Ammiud.
नफताली के वंशजों में से चुना गया प्रधान था अम्मीहूद का पुत्र पेदेहेल.”
29 These are they whom the Lord hath commanded to divide the land of Chanaan to the children of Israel.
ये सब वे हैं, जिन्हें इस्राएलियों को कनान देश में मीरास की भूमि बांटने का आदेश दिया गया था.