< Psalms 40 >

1 To the chief Musician. Of David. A Psalm. I waited patiently for Jehovah; and he inclined unto me, and heard my cry.
मैंने सब्र से ख़ुदावन्द पर उम्मीद रख्खी उसने मेरी तरफ़ माइल होकर मेरी फ़रियाद सुनी।
2 And he brought me up out of the pit of destruction, out of the miry clay, and set my feet upon a rock; he hath established my goings:
उसने मुझे हौलनाक गढ़े और दलदल की कीचड़ में से निकाला, और उसने मेरे पाँव चट्टान पर रख्खे और मेरी चाल चलन क़ाईम की
3 And he hath put a new song in my mouth, praise unto our God. Many shall see it, and fear, and shall confide in Jehovah.
उसने हमारे ख़ुदा की सिताइश का नया हम्द मेरे मुँह में डाला। बहुत से देखेंगे और डरेंगे, और ख़ुदावन्द पर भरोसा करेंगे।
4 Blessed is the man that hath made Jehovah his confidence, and turneth not to the proud, and to such as turn aside to lies.
मुबारक है वह आदमी, जो ख़ुदावन्द पर भरोसा करता है, और मग़रूर और झूठे दोस्तों की तरफ़ माइल नहीं होता।
5 Thou, O Jehovah my God, hast multiplied thy marvellous works, and thy thoughts toward us: they cannot be reckoned up in order unto thee; would I declare and speak [them], they are more than can be numbered.
ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा! जो 'अजीब काम तूने किए, और तेरे ख़याल जो हमारी तरफ़ हैं, वह बहुत से हैं। मैं उनको तेरे सामने तरतीब नहीं दे सकता; अगर मैं उनका ज़िक्र और बयान करना चाहूँ तो वह शुमार से बाहर हैं।
6 Sacrifice and oblation thou didst not desire: ears hast thou prepared me. Burnt-offering and sin-offering hast thou not demanded;
क़ुर्बानी और नज़्र को तू पसंद नहीं करता, तूने मेरे कान खोल दिए हैं। सोख़्तनी क़ुर्बानी तूने तलब नहीं की।
7 Then said I, Behold, I come, in the volume of the book it is written of me —
तब मैंने कहा, “देख! मैं आया हूँ। किताब के तूमार में मेरे बारे लिखा है।
8 To do thy good pleasure, my God, is my delight, and thy law is within my heart.
ऐ मेरे ख़ुदा, मेरी ख़ुशी तेरी मर्ज़ी पूरी करने में है; बल्कि तेरी शरी'अत मेरे दिल में है।”
9 I have published righteousness in the great congregation: behold, I have not withheld my lips, Jehovah, thou knowest.
मैंने बड़े मजमे' में सदाक़त की बशारत दी है; देख! मैं अपना मुँह बंद नहीं करूँगा, ऐ ख़ुदावन्द! तू जानता है।
10 I have not hidden thy righteousness within my heart; I have declared thy faithfulness and thy salvation: I have not concealed thy loving-kindness and thy truth from the great congregation.
मैंने तेरी सदाक़त अपने दिल में छिपा नहीं रखी; मैंने तेरी वफ़ादारी और नजात का इज़हार किया है; मैंने तेरी शफ़क़त और सच्चाई बड़े मजमा' से नहीं छिपाई।
11 Withhold not thou, Jehovah, thy tender mercies from me; let thy loving-kindness and thy truth continually preserve me.
ऐ ख़ुदावन्द! तू मुझ पर रहम करने में दरेग़ न कर; तेरी शफ़क़त और सच्चाई बराबर मेरी हिफ़ाज़त करें!
12 For innumerable evils have compassed me about: mine iniquities have taken hold upon me, so that I cannot see; they are more than the hairs of my head: and my heart hath failed me.
क्यूँकि बेशुमार बुराइयों ने मुझे घेर लिया है; मेरी बदी ने मुझे आ पकड़ा है, ऐसा कि मैं आँख नहीं उठा सकता; वह मेरे सिर के बालों से भी ज़्यादा हैं: इसलिए मेरा जी छूट गया।
13 Be pleased, O Jehovah, to deliver me; Jehovah, make haste to my help.
ऐ ख़ुदावन्द! मेहरबानी करके मुझे छुड़ा। ऐ ख़ुदावन्द! मेरी मदद के लिए जल्दी कर।
14 Let them be ashamed and brought to confusion together that seek after my soul to destroy it; let them be turned backward and confounded that take pleasure in mine adversity;
जो मेरी जान को हलाक करने के दर पै हैं, वह सब शर्मिन्दा और ख़जिल हों; जो मेरे नुक्सान से ख़ुश हैं, वह पस्पा और रुस्वा हो।
15 Let them be desolate, because of their shame, that say unto me, Aha! Aha!
जो मुझ पर अहा हा हा करते हैं, वह अपनी रुस्वाई की वजह से तबाह हो जाएँ।
16 Let all those that seek thee be glad and rejoice in thee; let such as love thy salvation say continually, Jehovah be magnified!
तेरे सब तालिब तुझ में ख़ुश — ओ — खुर्रम हों; तेरी नजात के आशिक हमेशा कहा करें “ख़ुदावन्द की तम्जीद हो!”
17 But I am afflicted and needy: the Lord thinketh upon me. Thou art my help and my deliverer: my God, make no delay.
लेकिन मैं ग़रीब और मोहताज हूँ, ख़ुदावन्द मेरी फ़िक्र करता है। मेरा मददगार और छुड़ाने वाला तू ही है; ऐ मेरे ख़ुदा! देर न कर।

< Psalms 40 >