< Leviticus 15 >

1 And Jehovah spoke to Moses and to Aaron, saying,
फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
2 Speak unto the children of Israel, and say unto them, If any man have a flux from his flesh, because of his flux he is unclean.
“इस्राएलियों से कहो कि जिस-जिस पुरुष के प्रमेह हो, तो वह प्रमेह के कारण से अशुद्ध ठहरे।
3 And this shall be his uncleanness in his flux: whether his flesh run with his flux, or his flesh be closed from his flux, it is his uncleanness.
वह चाहे बहता रहे, चाहे बहना बन्द भी हो, तो भी उसकी अशुद्धता बनी रहेगी।
4 Every bed whereon he lieth that hath the flux shall be unclean; and every object on which he sitteth shall be unclean.
जिसके प्रमेह हो वह जिस-जिस बिछौने पर लेटे वह अशुद्ध ठहरे, और जिस-जिस वस्तु पर वह बैठे वह भी अशुद्ध ठहरे।
5 And whoever toucheth his bed shall wash his garments, and bathe in water, and be unclean until the even.
और जो कोई उसके बिछौने को छूए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और साँझ तक अशुद्ध ठहरा रहे।
6 And he that sitteth on any object whereon he sat that hath the flux shall wash his garments, and bathe in water, and be unclean until the even.
और जिसके प्रमेह हो और वह जिस वस्तु पर बैठा हो, उस पर जो कोई बैठे वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और साँझ तक अशुद्ध ठहरा रहे।
7 And he that toucheth the flesh of him that hath the flux shall wash his garments, and bathe in water, and be unclean until the even.
और जिसके प्रमेह हो उससे जो कोई छू जाए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे और साँझ तक अशुद्ध रहे।
8 And if he that hath the flux spit upon him that is clean, then he shall wash his garments, and bathe in water, and be unclean until the even.
और जिसके प्रमेह हो यदि वह किसी शुद्ध मनुष्य पर थूके, तो वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे।
9 And what carriage soever he rideth upon that hath the flux shall be unclean.
और जिसके प्रमेह हो वह सवारी की जिस वस्तु पर बैठे वह अशुद्ध ठहरे।
10 And whoever toucheth anything that was under him shall be unclean until the even; and he that carrieth them shall wash his garments, and bathe in water, and be unclean until the even.
१०और जो कोई किसी वस्तु को जो उसके नीचे रही हो छूए, वह साँझ तक अशुद्ध रहें; और जो कोई ऐसी किसी वस्तु को उठाए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे।
11 And whomsoever he toucheth who hath the flux and hath not rinsed his hands in water — he shall wash his garments, and bathe in water, and be unclean until the even.
११और जिसके प्रमेह हो वह जिस किसी को बिना हाथ धोए छूए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे।
12 And the vessel of earth that he toucheth who hath the flux shall be broken; and every vessel of wood shall be rinsed in water.
१२और जिसके प्रमेह हो वह मिट्टी के जिस किसी पात्र को छूए वह तोड़ डाला जाए, और काठ के सब प्रकार के पात्र जल से धोए जाएँ।
13 And when he that hath a flux is clean of his flux, then he shall count seven days for his cleansing, and wash his clothes, and bathe his flesh in running water, and he shall be clean.
१३“फिर जिसके प्रमेह हो वह जब अपने रोग से चंगा हो जाए, तब से शुद्ध ठहरने के सात दिन गिन ले, और उनके बीतने पर अपने वस्त्रों को धोकर बहते हुए जल से स्नान करे; तब वह शुद्ध ठहरेगा।
14 And on the eighth day he shall take two turtle-doves, or two young pigeons, and come before Jehovah unto the entrance of the tent of meeting, and give them unto the priest.
१४और आठवें दिन वह दो पंडुक या कबूतरी के दो बच्चे लेकर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सम्मुख जाकर उन्हें याजक को दे।
15 And the priest shall offer them, one as a sin-offering, and one as a burnt-offering; and the priest shall make atonement for him before Jehovah for his flux.
१५तब याजक उनमें से एक को पापबलि; और दूसरे को होमबलि के लिये भेंट चढ़ाए; और याजक उसके लिये उसके प्रमेह के कारण यहोवा के सामने प्रायश्चित करे।
16 And if any man's seed of copulation pass from him, then he shall bathe his whole flesh in water, and be unclean until the even.
१६“फिर यदि किसी पुरुष का वीर्य स्खलित हो जाए, तो वह अपने सारे शरीर को जल से धोए, और साँझ तक अशुद्ध रहे।
17 And every garment, and every skin, whereon the seed of copulation shall be, shall be washed with water, and be unclean until the even.
१७और जिस किसी वस्त्र या चमड़े पर वह वीर्य पड़े वह जल से धोया जाए, और साँझ तक अशुद्ध रहे।
18 And a woman with whom a man lieth with seed of copulation — they shall bathe in water, and be unclean until the even.
१८और जब कोई पुरुष स्त्री से प्रसंग करे तो वे दोनों जल से स्नान करें, और साँझ तक अशुद्ध रहें।
19 And if a woman have a flux, and her flux in her flesh be blood, she shall be seven days in her separation, and whoever toucheth her shall be unclean until the even.
१९“फिर जब कोई स्त्री ऋतुमती रहे, तो वह सात दिन तक अशुद्ध ठहरी रहे, और जो कोई उसको छूए वह साँझ तक अशुद्ध रहे।
20 And everything that she lieth upon in her separation shall be unclean; and everything that she sitteth upon shall be unclean.
२०और जब तक वह अशुद्ध रहे तब तक जिस-जिस वस्तु पर वह लेटे, और जिस-जिस वस्तु पर वह बैठे वे सब अशुद्ध ठहरें।
21 And whoever toucheth her bed shall wash his garments, and bathe in water, and be unclean until the even.
२१और जो कोई उसके बिछौने को छूए वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे।
22 And whoever toucheth any object that she sat upon shall wash his garments, and bathe in water, and be unclean until the even.
२२और जो कोई किसी वस्तु को छूए जिस पर वह बैठी हो वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे।
23 And if it be on the bed, or on anything whereon she sitteth, when he toucheth it, he shall be unclean until the even.
२३और यदि बिछौने या और किसी वस्तु पर जिस पर वह बैठी हो छूने के समय उसका रूधिर लगा हो, तो छूनेवाले साँझ तक अशुद्ध रहे।
24 And if a man lie with her at all, and the uncleanness of her separation come upon him, he shall be unclean seven days; and every bed whereon he lieth shall be unclean.
२४और यदि कोई पुरुष उससे प्रसंग करे, और उसका रूधिर उसके लग जाए, तो वह पुरुष सात दिन तक अशुद्ध रहे, और जिस-जिस बिछौने पर वह लेटे वे सब अशुद्ध ठहरें।
25 And if a woman have her flux of blood many days out of the time of her separation, or if she have the flux beyond the time of her separation, all the days of the flux of her uncleanness shall she be as [in] the days of her separation: she is unclean.
२५“फिर यदि किसी स्त्री के अपने मासिक धर्म के नियुक्त समय से अधिक दिन तक रूधिर बहता रहे, या उस नियुक्त समय से अधिक समय तक ऋतुमती रहे, तो जब तक वह ऐसी दशा में रहे तब तक वह अशुद्ध ठहरी रहे।
26 Every bed whereon she lieth all the days of her flux shall be unto her as the bed of her separation; and every object on which she sitteth shall be unclean, according to the uncleanness of her separation.
२६उसके ऋतुमती रहने के सब दिनों में जिस-जिस बिछौने पर वह लेटे वे सब उसके मासिक धर्म के बिछौने के समान ठहरें; और जिस-जिस वस्तु पर वह बैठे वे भी उसके ऋतुमती रहने के दिनों के समान अशुद्ध ठहरें।
27 And whoever toucheth them shall be unclean, and shall wash his clothes, and bathe in water, and be unclean until the even.
२७और जो कोई उन वस्तुओं को छूए वह अशुद्ध ठहरे, इसलिए वह अपने वस्त्रों को धोकर जल से स्नान करे, और साँझ तक अशुद्ध रहे।
28 And if she be cleansed of her flux then she shall count seven days, and after that she shall be clean.
२८और जब वह स्त्री अपने ऋतुमती से शुद्ध हो जाए, तब से वह सात दिन गिन ले, और उन दिनों के बीतने पर वह शुद्ध ठहरे।
29 And on the eighth day she shall take two turtle-doves, or two young pigeons, and bring them unto the priest, unto the entrance of the tent of meeting.
२९फिर आठवें दिन वह दो पंडुक या कबूतरी के दो बच्चे लेकर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर याजक के पास जाए।
30 And the priest shall offer the one as a sin-offering, and the other as a burnt-offering; and the priest shall make atonement for her before Jehovah for the flux of her uncleanness.
३०तब याजक एक को पापबलि और दूसरे को होमबलि के लिये चढ़ाए; और याजक उसके लिये उसके मासिक धर्म की अशुद्धता के कारण यहोवा के सामने प्रायश्चित करे।
31 And ye shall separate the children of Israel from their uncleanness, that they die not in their uncleanness, when they defile my tabernacle that is in their midst.
३१“इस प्रकार से तुम इस्राएलियों को उनकी अशुद्धता से अलग रखा करो, कहीं ऐसा न हो कि वे यहोवा के निवास को जो उनके बीच में है अशुद्ध करके अपनी अशुद्धता में फँसकर मर जाएँ।”
32 This is the law for him that hath a flux, and for the one whose seed of copulation goeth from him, and who is defiled therewith:
३२जिसके प्रमेह हो और जो पुरुष वीर्य स्खलित होने से अशुद्ध हो;
33 and for a woman who is sick in her separation, and for him that hath his flux; for the man and for the woman, and for him that lieth with her that is unclean.
३३और जो स्त्री ऋतुमती हो; और क्या पुरुष क्या स्त्री, जिस किसी के धातुरोग हो, और जो पुरुष अशुद्ध स्त्री के साथ प्रसंग करे, इन सभी के लिये यही व्यवस्था है।

< Leviticus 15 >