< Isaiah 32 >

1 Behold, a king shall reign in righteousness, and princes shall rule in judgment.
देख एक बादशाह सदाक़त से सल्तनत करेगा और शहज़ादे 'अदालत से हुक्मरानी करेंगे।
2 And a man shall be as a hiding-place from the wind, and a covert from the storm; as brooks of water in a dry place, as the shadow of a great rock in a thirsty land.
और एक शख़्स ऑधी से पनाहगाह की तरह होगा, और तूफ़ान से छिपने की जगह; और ख़ुश्क ज़मीन में पानी की नदियों की तरह और मान्दिगी की ज़मीन में बड़ी चट्टान के साये की तरह होगा
3 And the eyes of them that see shall not be dim, and the ears of them that hear shall hearken;
उस वक़्त देखनेवालों की आँखें धुन्धली न होंगी, और सुननेवालों के कान सुनने वाले होंगे।
4 and the heart of the rash shall understand knowledge, and the tongue of the stammerers shall be ready to speak plainly.
जल्दबाज़ का दिल इरफ़ान हासिल करेगा, और लुकनती की ज़बान साफ़ बोलने में मुस्त'इद होगी।
5 The vile man shall be no more called noble, nor the churl said to be bountiful:
तब बेवक़ूफ़ बा — मुरव्वत न कहलाएगा और बख़ील को कोई सखी न कहेगा।
6 for the vile man will speak villainy, and his heart will work iniquity, to practise hypocrisy, and to utter error against Jehovah, to make empty the soul of the hungry, and to cause the drink of the thirsty to fail.
क्यूँकि बेवक़ूफ़ हिमाक़त की बातें करेगा और उसका दिल बदी का मंसूबा बाँधेगा कि बेदीनी करे और ख़ुदावन्द के ख़िलाफ़ दरोग़गोई करे और भूके के पेट को ख़ाली करे और प्यासे को पानी से महरूम रख्खे
7 The instruments also of the churl are evil: he deviseth wicked devices to destroy the meek with lying words, even when the needy speaketh right.
और बख़ील के हथियार ज़बून हैं; वह बुरे मंसूबे बाँधा करता है ताकि झूटी बातों से ग़रीब को और मोहताज को, जब कि वह हक़ बयान करता हो, हलाक करे।
8 But the noble deviseth noble things; and to noble things doth he stand.
लेकिन साहब — ए — मुरव्वत सख़ावत की बातें सोचता है, और वह सख़ावत के कामों में साबित क़दम रहेगा।
9 Rise up, ye women that are at ease, hear my voice; ye careless daughters, give ear unto my speech.
ऐ 'औरतों तुम जो आराम में हो, उठो मेरी आवाज़ सुनो; ऐ बे परवा बेटियो, मेरी बातों पर कान लगाओ।
10 In a year and [some] days shall ye be troubled, ye careless women; for the vintage shall fail, the ingathering shall not come.
ऐ बे परवाह 'औरतो, साल से कुछ ज़्यादा 'अर्से में तुम बेआराम हो जाओगी; क्यूँकि अंगूर की फ़स्ल जाती रहेगी फल जमा' करने की नौबत न आयेगी।
11 Tremble, ye women that are at ease; be troubled, ye careless ones; strip you, and make you bare, and gird [sackcloth] on your loins!
ऐ 'औरतों तुम जो आराम में हो थरथराओ, ऐ बेपर्वाओ मुज़्तरिब हो कपड़े उतार कर बरहना हो जाओ, कमर पर टाट बाँधो।
12 They shall smite on the breasts [in lamentation] for the pleasant fields, for the fruitful vineyards.
वह दिल पज़ीर खेतों और मेवादार ताकों के लिए छाती पीटेंगी।
13 Upon the land of my people shall come up thistles [and] briars, yea, upon all the houses of joy in the joyous city.
मेरे लोगों की सर ज़मीन में काँटे और झाड़ियाँ होंगी बल्कि ख़ुशवक़्त शहर के तमाम ख़ुश घरों में भी।
14 For the palace shall be deserted, the multitude of the city shall be forsaken; hill and watchtower shall be caves for ever, a joy of wild asses, a pasture of flocks;
क्यूँकि क़स्र ख़ाली हो जाएगा, और आबाद शहर तर्क किया जाएगा; 'ओफल और दीद बानी का बुर्ज हमेशा तक मांद बनकर गोख़रों की आरामगाहें और गल्लों की चरागाहें होंगे।
15 until the Spirit be poured upon us from on high, and the wilderness become a fruitful field, and the fruitful field be counted for a forest.
ता वक़्त ये कि आलम — ए — बाला से हम पर रूह नाज़िल न हो और वीरान शादाब मैदान न बने, और शादाब मैदान जंगल न गिना जाए।
16 And judgment shall inhabit the wilderness, and righteousness dwell in the fruitful field.
तब वीरान में 'अद्ल बसेगा और सदाक़त शादाब मैदान में रहा करेगी।
17 And the work of righteousness shall be peace; and the effect of righteousness, quietness and assurance for ever.
और सदाक़त का अंजाम सुलह होगा, और सदाक़त का फल हमेशा आराम — ओ — इत्मीनान होगा
18 And my people shall dwell in a peaceable habitation, and in sure dwellings, and in quiet resting-places.
और मेरे लोग सलामती के मकानों में और बेख़तर घरों में, और आसूदगी और आसाइश के काशानों में रहेंगे।
19 And it shall hail, coming down on the forest; and the city shall be low in a low place.
लेकिन जंगल की बर्बादी के वक़्त ओले पड़ेंगे औए शहर बिलकुल पस्त हो जायेगा।
20 Blessed are ye that sow beside all waters, that send forth the feet of the ox and the ass.
तुम ख़ुशनसीब हो, जो सब नहरों के आसपास बोते हो और बैलों और गधों को उधर ले जाते हो।

< Isaiah 32 >