< Joel 3 >
1 For, behold, in those days and in that time, when I will have converted the captivity of Judah and Jerusalem,
१“क्योंकि सुनो, जिन दिनों में और जिस समय मैं यहूदा और यरूशलेमवासियों को बँधुवाई से लौटा ले आऊँगा,
2 I will gather all the Gentiles, and will lead them into the valley of Jehoshaphat. And there I will dispute with them over my people, and over Israel, my inheritance, for they have scattered them among the nations and have divided my land.
२उस समय मैं सब जातियों को इकट्ठा करके यहोशापात की तराई में ले जाऊँगा, और वहाँ उनके साथ अपनी प्रजा अर्थात् अपने निज भाग इस्राएल के विषय में जिसे उन्होंने जाति-जाति में तितर-बितर करके मेरे देश को बाँट लिया है, उनसे मुकद्दमा लड़ूँगा।
3 And they have cast lots over my people; and the boy they have placed in the brothel, and the girl they have sold for wine, so that they might drink.
३उन्होंने तो मेरी प्रजा पर चिट्ठी डाली, और एक लड़का वेश्या के बदले में दे दिया, और एक लड़की बेचकर दाखमधु पीया है।
4 Truly, what is there between you and me, Tyre and Sidon and all the distant places of the Philistines? How will you take vengeance on me? And if you were to revenge yourselves against me, I would deliver a repayment to you, quickly and soon, upon your head.
४“हे सोर, और सीदोन और पलिश्तीन के सब प्रदेशों, तुम को मुझसे क्या काम? क्या तुम मुझ को बदला दोगे? यदि तुम मुझे बदला भी दो, तो मैं शीघ्र ही तुम्हारा दिया हुआ बदला, तुम्हारे ही सिर पर डाल दूँगा।
5 For you have carried away my silver and gold. And my desirable and most beautiful, you have taken into your shrines.
५क्योंकि तुम ने मेरा चाँदी सोना ले लिया, और मेरी अच्छी और मनभावनी वस्तुएँ अपने मन्दिरों में ले जाकर रखी हैं;
6 And you, sons of Judah and sons of Jerusalem, you have sold the sons of the Greeks, so that you might drive them far from their own territory.
६और यहूदियों और यरूशलेमियों को यूनानियों के हाथ इसलिए बेच डाला है कि वे अपने देश से दूर किए जाएँ।
7 Behold, I will raise them up from the place into which you have sold them, and I will turn back your retribution on your own head.
७इसलिए सुनो, मैं उनको उस स्थान से, जहाँ के जानेवालों के हाथ तुम ने उनको बेच दिया, बुलाने पर हूँ, और तुम्हारा दिया हुआ बदला, तुम्हारे ही सिर पर डाल दूँगा।
8 And I will sell your sons and your daughters into the hands of the sons of Judah, and they will sell them to the Sabeans, a distant nation, for the Lord has spoken.
८मैं तुम्हारे बेटे-बेटियों को यहूदियों के हाथ बिकवा दूँगा, और वे उनको शबाइयों के हाथ बेच देंगे जो दूर देश के रहनेवाले हैं; क्योंकि यहोवा ने यह कहा है।”
9 Proclaim this among the Gentiles: “Sanctify a war, raise up the strong. Approach, ascend, all men of war.
९जाति-जाति में यह प्रचार करो, युद्ध की तैयारी करो, अपने शूरवीरों को उभारो। सब योद्धा निकट आकर लड़ने को चढ़ें।
10 Cut your ploughs into swords and your hoes into spears. Let the weak say, ‘For I am strong.’
१०अपने-अपने हल की फाल को पीटकर तलवार, और अपनी-अपनी हँसिया को पीटकर बर्छी बनाओ; जो बलहीन हो वह भी कहे, मैं वीर हूँ।
11 Break out and advance, all nations of the world, and gather together. There the Lord will cause all your strong ones to meet death.”
११हे चारों ओर के जाति-जाति के लोगों, फुर्ती करके आओ और इकट्ठे हो जाओ। हे यहोवा, तू भी अपने शूरवीरों को वहाँ ले जा।
12 Let them arise and ascend to the valley of Jehoshaphat. For there I will sit, so as to judge all the nations of the world.
१२जाति-जाति के लोग उभरकर चढ़ जाएँ और यहोशापात की तराई में जाएँ, क्योंकि वहाँ मैं चारों ओर की सारी जातियों का न्याय करने को बैठूँगा।
13 Send forth the sickles, because the harvest has matured. Advance and descend, for the press is full, the pressing room is overflowing. For their malice has been increasing.
१३हँसुआ लगाओ, क्योंकि खेत पक गया है। आओ, दाख रौंदो, क्योंकि हौज भर गया है। रसकुण्ड उमड़ने लगे, क्योंकि उनकी बुराई बहुत बड़ी है।
14 Nations, nations in the valley of being cut to pieces: for the day of the Lord fittingly takes place in the valley of being cut to pieces.
१४निबटारे की तराई में भीड़ की भीड़ है! क्योंकि निबटारे की तराई में यहोवा का दिन निकट है।
15 The sun and the moon have been darkened, and the stars have withdrawn their splendor.
१५सूर्य और चन्द्रमा अपना-अपना प्रकाश न देंगे, और न तारे चमकेंगे।
16 And the Lord will roar from Zion and utter his voice from Jerusalem. And the heavens and the earth will be moved. And the Lord will be the hope of his people and the strength of the sons of Israel.
१६और यहोवा सिय्योन से गरजेगा, और यरूशलेम से बड़ा शब्द सुनाएगा; और आकाश और पृथ्वी थरथारएँगे। परन्तु यहोवा अपनी प्रजा के लिये शरणस्थान और इस्राएलियों के लिये गढ़ ठहरेगा।
17 And you will know that I am the Lord your God, dwelling on Zion, my holy mountain. And Jerusalem will be holy, and strangers will not cross through it anymore.
१७इस प्रकार तुम जानोगे कि यहोवा जो अपने पवित्र पर्वत सिय्योन पर वास किए रहता है, वही हमारा परमेश्वर है। और यरूशलेम पवित्र ठहरेगा, और परदेशी उसमें होकर फिर न जाने पाएँगे।
18 And it will happen, in that day, that the mountains will drip sweetness, and the hills will flow with milk. And the waters will pass through all the rivers of Judah. And a fountain will go forth from the house of the Lord, and it will irrigate the desert of thorns.
१८और उस समय पहाड़ों से नया दाखमधु टपकने लगेगा, और टीलों से दूध बहने लगेगा, और यहूदा देश के सब नाले जल से भर जाएँगे; और यहोवा के भवन में से एक सोता फूट निकलेगा, जिससे शित्तीम की घाटी सींची जाएगी।
19 Egypt will be in desolation, and Edom will be a wilderness destroyed, because of what they have unfairly done to the sons of Judah, and because they have shed innocent blood in their land.
१९यहूदियों पर उपद्रव करने के कारण, मिस्र उजाड़ और एदोम उजड़ा हुआ मरुस्थल हो जाएगा, क्योंकि उन्होंने उनके देश में निर्दोष की हत्या की थी।
20 And Judea will be inhabited forever, and Jerusalem for generation upon generation.
२०परन्तु यहूदा सर्वदा और यरूशलेम पीढ़ी-पीढ़ी तक बना रहेगा।
21 And I will cleanse their blood, which I had not cleansed. And the Lord will remain in Zion.
२१क्योंकि उनका खून, जो अब तक मैंने पवित्र नहीं ठहराया था, उसे अब पवित्र ठहराऊँगा, क्योंकि यहोवा सिय्योन में वास किए रहता है।