< Judges 10 >

1 And after Abimelech Thola the son of Phua rose up to save Israel, [being] the son of his father's brother, a man of Issachar; and he lived in Samir in mount Ephraim.
अबीमेलेक के बाद इस्राएल को छुड़ाने के लिये तोला नामक एक इस्साकारी उठा, वह दोदो का पोता और पूआ का पुत्र था; और एप्रैम के पहाड़ी देश के शामीर नगर में रहता था।
2 And he judged Israel twenty-three years, and died, and was buried in Samir.
वह तेईस वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा। तब मर गया, और उसको शामीर में मिट्टी दी गई।
3 And after him arose Jair of Galaad, and he judged Israel twenty-two years.
उसके बाद गिलादी याईर उठा, वह बाईस वर्ष तक इस्राएल का न्याय करता रहा।
4 And he had thirty-two sons riding on thirty-two colts, and they had thirty-two cities; and they called them Jair's towns until this day in the land of Galaad.
और उसके तीस पुत्र थे जो गदहियों के तीस बच्चों पर सवार हुआ करते थे; और उनके तीस नगर भी थे जो गिलाद देश में हैं, और आज तक हब्बोत्याईर कहलाते हैं।
5 And Jair died, and was buried in Rhamnon.
और याईर मर गया, और उसको कामोन में मिट्टी दी गई।
6 And the children of Israel did evil again in the sight of the Lord, and served Baalim, and Astaroth, and the gods of Aram, and the gods of Sidon, and the gods of Moab, and the gods of the children of Ammon, and the gods of the Phylistines; and they forsook the Lord, and did not serve him.
तब इस्राएलियों ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, अर्थात् बाल देवताओं और अश्तोरेत देवियों और अराम, सीदोन, मोआब, अम्मोनियों, और पलिश्तियों के देवताओं की उपासना करने लगे; और यहोवा को त्याग दिया, और उसकी उपासना न की।
7 And the Lord was very angry with Israel, and sold them into the hands of the Phylistines, and into the hand of the children of Ammon.
तब यहोवा का क्रोध इस्राएल पर भड़का, और उसने उन्हें पलिश्तियों और अम्मोनियों के अधीन कर दिया,
8 And they afflicted and bruised the children of Israel at that time eighteen years, all the children of Israel beyond Jordan in the land of the Amorite in Galaad.
और उस वर्ष ये इस्राएलियों को सताते और पीसते रहे। वरन् यरदन पार एमोरियों के देश गिलाद में रहनेवाले सब इस्राएलियों पर अठारह वर्ष तक अंधेर करते रहे।
9 And the children of Ammon went over Jordan to fight with Juda, and Benjamin, and with Ephraim; and the children of Israel were greatly afflicted.
अम्मोनी यहूदा और बिन्यामीन से और एप्रैम के घराने से लड़ने को यरदन पार जाते थे, यहाँ तक कि इस्राएल बड़े संकट में पड़ गया।
10 And the children of Israel cried to the Lord, saying, We have sinned against you, because we have forsaken God, and served Baalim.
१०तब इस्राएलियों ने यह कहकर यहोवा की दुहाई दी, “हमने जो अपने परमेश्वर को त्याग कर बाल देवताओं की उपासना की है, यह हमने तेरे विरुद्ध महापाप किया है।”
11 And the Lord said to the children of Israel, Did I not [save you] from Egypt and from the Amorite, and from the children of Ammon, and from the Phylistines,
११यहोवा ने इस्राएलियों से कहा, “क्या मैंने तुम को मिस्रियों, एमोरियों, अम्मोनियों, और पलिश्तियों के हाथ से न छुड़ाया था?
12 and from the Sidonians, and Amalec, and Madiam, who afflicted you? and you cried to me, and I saved you out of their hand?
१२फिर जब सीदोनी, और अमालेकी, और माओनी लोगों ने तुम पर अंधेर किया; और तुम ने मेरी दुहाई दी, तब मैंने तुम को उनके हाथ से भी न छुड़ाया?
13 Yet you forsook me and served other gods; therefore I will not save you any more.
१३तो भी तुम ने मुझे त्याग कर पराए देवताओं की उपासना की है; इसलिए मैं फिर तुम को न छुड़ाऊँगा।
14 Go, and cry to the gods whom you have chosen to yourselves, and let them save you in the time of your affliction.
१४जाओ, अपने माने हुए देवताओं की दुहाई दो; तुम्हारे संकट के समय वे ही तुम्हें छुड़ाएँ।”
15 And the children of Israel said to the Lord, We have sinned: do you to us according to all [that is] good in your eyes; only deliver us this day.
१५इस्राएलियों ने यहोवा से कहा, “हमने पाप किया है; इसलिए जो कुछ तेरी दृष्टि में भला हो वही हम से कर; परन्तु अभी हमें छुड़ा।”
16 And they put away the strange gods from the midst of them, and served the Lord only, and his soul was pained for the trouble of Israel.
१६तब वे पराए देवताओं को अपने मध्य में से दूर करके यहोवा की उपासना करने लगे; और वह इस्राएलियों के कष्ट के कारण खेदित हुआ।
17 And the children of Ammon went up, and encamped in Galaad; and the children of Israel were gathered together and encamped on the hill.
१७तब अम्मोनियों ने इकट्ठे होकर गिलाद में अपने डेरे डाले; और इस्राएलियों ने भी इकट्ठे होकर मिस्पा में अपने डेरे डाले।
18 And the people the princes of Galaad said every man to his neighbour, Who [is] he that shall begin to fight against the children of Ammon? he shall even be head over all that dwell in Galaad.
१८तब गिलाद के हाकिम एक दूसरे से कहने लगे, “कौन पुरुष अम्मोनियों से संग्राम आरम्भ करेगा? वही गिलाद के सब निवासियों का प्रधान ठहरेगा।”

< Judges 10 >