< Michaeas 4 >
1 And at the last days the mountain of the Lord shall be manifest, established on the tops of the mountains, and it shall be exalted above the hills; and the peoples shall hasten to it.
१अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊँचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे।
2 And many nations shall go, and say, Come, let us go up to the mountain of the Lord, and to the house of the God of Jacob; and they shall shew us his way, and we will walk in his paths: for out of Sion shall go forth a law, and the word of the Lord from Jerusalem.
२और बहुत जातियों के लोग जाएँगे, और आपस में कहेंगे, “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।
3 And he shall judge among many peoples, and shall rebuke strong nations afar off; and they shall beat their swords into ploughshares, and their spears into sickles; and nation shall no more lift up sword against nation, neither shall they learn to war any more.
३वह बहुत देशों के लोगों का न्याय करेगा, और दूर-दूर तक की सामर्थी जातियों के झगड़ों को मिटाएगा; इसलिए वे अपनी तलवारें पीटकर हल के फाल, और अपने भालों से हँसिया बनाएँगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध तलवार फिर न चलाएगी;
4 And every one shall rest under his vine, and every one under his fig-tree; and there shall be none to alarm [them]: for the mouth of the Lord Almighty has spoken these [words].
४और लोग आगे को युद्ध विद्या न सीखेंगे। परन्तु वे अपनी-अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले बैठा करेंगे, और कोई उनको न डराएगा; सेनाओं के यहोवा ने यही वचन दिया है।
5 For all [other] nations shall walk everyone in his own way, but we will walk in the name of the Lord our God for ever and ever.
५सब राज्यों के लोग तो अपने-अपने देवता का नाम लेकर चलते हैं, परन्तु हम लोग अपने परमेश्वर यहोवा का नाम लेकर सदा सर्वदा चलते रहेंगे।
6 In that day, saith the Lord, I will gather her that is bruised, and will receive her that is cast out, and those whom I rejected.
६यहोवा की यह वाणी है, उस समय मैं प्रजा के लँगड़ों को, और जबरन निकाले हुओं को, और जिनको मैंने दुःख दिया है उन सब को इकट्ठे करूँगा।
7 And I will make her that was bruised a remnant, and her that was rejected a mighty nation: and the Lord shall reign over them in mount Sion from henceforth, even for ever.
७और लँगड़ों को मैं बचा रखूँगा, और दूर किए हुओं को एक सामर्थी जाति कर दूँगा; और यहोवा उन पर सिय्योन पर्वत के ऊपर से सदा राज्य करता रहेगा।
8 And thou, dark tower of the flock, daughter of Sion, on thee the dominion shall come and enter in, [even] the first kingdom from Babylon to the daughter of Jerusalem.
८और हे एदेर के गुम्मट, हे सिय्योन की पहाड़ी, पहली प्रभुता अर्थात् यरूशलेम का राज्य तुझे मिलेगा।
9 And now, why hast thou known calamities? was there not a king to thee? or has thy counsel perished that pangs as of a woman in travail have seized upon thee?
९अब तू क्यों चिल्लाती है? क्या तुझ में कोई राजा नहीं रहा? क्या तेरा युक्ति करनेवाला नष्ट हो गया, जिससे जच्चा स्त्री के समान तुझे पीड़ा उठती है?
10 Be in pain, and strengthen thyself, and draw near, O daughter of Sion, as a woman in travail: for now thou shalt go forth out of the city, and shalt lodge in the plain, and shalt reach even to Babylon: thence shall the Lord thy God deliver thee, and thence shall he redeem thee out of the hand of thine enemies.
१०हे सिय्योन की बेटी, जच्चा स्त्री के समान पीड़ा उठाकर उत्पन्न कर; क्योंकि अब तू गढ़ी में से निकलकर मैदान में बसेगी, वरन् बाबेल तक जाएगी; वहीं तू छुड़ाई जाएगी, अर्थात् वहीं यहोवा तुझे तेरे शत्रुओं के वश में से छुड़ा लेगा।
11 And now have many nations gathered against thee, saying, We will rejoice, and our eyes shall look upon Sion.
११अब बहुत सी जातियाँ तेरे विरुद्ध इकट्ठी होकर तेरे विषय में कहेंगी, “सिय्योन अपवित्र की जाए, और हम अपनी आँखों से उसको निहारें।”
12 But they know not the thought of the Lord, and have not understood his counsel: for he has gathered them as sheaves of the floor.
१२परन्तु वे यहोवा की कल्पनाएँ नहीं जानते, न उसकी युक्ति समझते हैं, कि वह उन्हें ऐसा बटोर लेगा जैसे खलिहान में पूले बटोरे जाते हैं।
13 Arise, and thresh them, O daughter of Sion: for I will make thine horns iron, and I will make thine hoofs brass: and thou shalt utterly destroy many nations, and shalt consecrate their abundance to the Lord, and their strength to the Lord of all the earth.
१३हे सिय्योन, उठ और दाँवनी कर, मैं तेरे सींगों को लोहे के, और तेरे खुरों को पीतल के बना दूँगा; और तू बहुत सी जातियों को चूर-चूर करेगी, ओर उनकी कमाई यहोवा को और उनकी धन-सम्पत्ति पृथ्वी के प्रभु के लिये अर्पण करेगी।