< Jeremias 41 >

1 The word that came to Jeremias from the Lord (now Nabuchodonosor king of Babylon, and all his army, and all the country of his dominion, were warring against Jerusalem, and against all the cities of Juda, ) saying,
सातवें महीने में ऐसा हुआ कि इश्माएल जो नतन्याह का पुत्र और एलीशामा का पोता और राजवंश का और राजा के प्रधान पुरुषों में से था, वह दस जन संग लेकर मिस्पा में अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास आया। वहाँ मिस्पा में उन्होंने एक संग भोजन किया।
2 Thus has the Lord said; Go to Sedekias king of Juda, and thou shalt say to him, Thus has the Lord said, This city shall certainly be delivered into the hands of the king of Babylon, and he shall take it, and shall burn it with fire:
तब नतन्याह के पुत्र इश्माएल और उसके संग के दस जनों ने उठकर गदल्याह को, जो अहीकाम का पुत्र और शापान का पोता था, और जिसे बाबेल के राजा ने देश का अधिकारी ठहराया था, उसे तलवार से ऐसा मारा कि वह मर गया।
3 and thou shalt not escape out of his hand, but shalt certainly be taken, and shalt be given into his hands; and thine eyes shall see his eyes, and thou shalt enter into Babylon.
इश्माएल ने गदल्याह के संग जितने यहूदी मिस्पा में थे, और जो कसदी योद्धा वहाँ मिले, उन सभी को मार डाला।
4 But hear the word of the Lord, O Sedekias king of Juda; Thus saith the Lord,
गदल्याह को मार डालने के दूसरे दिन जब कोई इसे न जानता था,
5 Thou shalt die in peace: and as they wept for thy fathers that reigned before thee, they shall weep also for thee, [saying], Ah lord! and they shall lament for thee down to the grave: for I have spoken the word, said the Lord.
तब शेकेम और शीलो और सामरिया से अस्सी पुरुष दाढ़ी मुँड़ाए, वस्त्र फाड़े, शरीर चीरे हुए और हाथ में अन्नबलि और लोबान लिए हुए, यहोवा के भवन में जाते दिखाई दिए।
6 And Jeremias spoke to king Sedekias all these words in Jerusalem.
तब नतन्याह का पुत्र इश्माएल उनसे मिलने को मिस्पा से निकला, और रोता हुआ चला। जब वह उनसे मिला, तब कहा, “अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास चलो।”
7 And the host of the king of Babylon warred against Jerusalem, and against the cities of Juda, and against Lachis, and against Azeca: for these strong cities were left among the cities of Juda.
जब वे उस नगर में आए तब नतन्याह के पुत्र इश्माएल ने अपने संगी जनों समेत उनको घात करके गड्ढे में फेंक दिया।
8 The word that came from the Lord to Jeremias, after king Sedekias had concluded a covenant with the people, to proclaim a release;
परन्तु उनमें से दस मनुष्य इश्माएल से कहने लगे, “हमको न मार; क्योंकि हमारे पास मैदान में रखा हुआ गेहूँ, जौ, तेल और मधु है।” इसलिए उसने उन्हें छोड़ दिया और उनके भाइयों के साथ नहीं मारा।
9 That every one should set at liberty his servant, and every one has handmaid, the Hebrew man and Hebrew woman, that no man of Juda should be a bondman.
जिस गड्ढे में इश्माएल ने उन लोगों की सब लोथें जिन्हें उसने मारा था, गदल्याह की लोथ के पास फेंक दी थी, (यह वही गड्ढा है जिसे आसा राजा ने इस्राएल के राजा बाशा के डर के मारे खुदवाया था), उसको नतन्याह के पुत्र इश्माएल ने मारे हुओं से भर दिया।
10 Then all the nobles, and all the people who had entered into the covenant, [engaging] to set free every one his man-servant, and every one his maid, turned,
१०तब जो लोग मिस्पा में बचे हुए थे, अर्थात् राजकुमारियाँ और जितने और लोग मिस्पा में रह गए थे जिन्हें अंगरक्षकों के प्रधान नबूजरदान ने अहीकाम के पुत्र गदल्याह को सौंप दिया था, उन सभी को नतन्याह का पुत्र इश्माएल बन्दी बनाकर अम्मोनियों के पास ले जाने को चला।
11 and gave them over to be men-servants and maid-servants.
११जब कारेह के पुत्र योहानान ने और योद्धाओं के दलों के उन सब प्रधानों ने जो उसके संग थे, सुना कि नतन्याह के पुत्र इश्माएल ने यह सब बुराई की है,
12 And the word of the Lord came to Jeremias, saying,
१२तब वे सब जनों को लेकर नतन्याह के पुत्र इश्माएल से लड़ने को निकले और उसको उस बड़े जलाशय के पास पाया जो गिबोन में है।
13 Thus saith the Lord; I made a covenant with your fathers in the day wherein I took them out of the land of Egypt, out of the house of bondage, saying,
१३कारेह के पुत्र योहानान को, और दलों के सब प्रधानों को देखकर जो उसके संग थे, इश्माएल के साथ जो लोग थे, वे सब आनन्दित हुए।
14 When six years are accomplished, thou shalt set free thy brother the Hebrew, who shall be sold to thee: for he shall serve thee six years, and [then] thou shalt let him go free: but they hearkened not to me, and inclined not their ear.
१४जितने लोगों को इश्माएल मिस्पा से बन्दी बनाकर लिए जाता था, वे पलटकर कारेह के पुत्र योहानान के पास चले आए।
15 And this day they turned to do that which was right in my sight, to proclaim every one the release of his neighbour; and they had concluded a covenant before me, in the house whereon my name is called.
१५परन्तु नतन्याह का पुत्र इश्माएल आठ पुरुष समेत योहानान के हाथ से बचकर अम्मोनियों के पास चला गया।
16 But ye turned and profaned my name, to bring back every one his servant, and every one his handmaid, whom ye had sent forth free [and] at their own disposal, to be to you men-servants and maid-servants.
१६तब प्रजा में से जितने बच गए थे, अर्थात् जिन योद्धाओं, स्त्रियों, बाल-बच्चों और खोजों को कारेह का पुत्र योहानान, अहीकाम के पुत्र गदल्याह के मिस्पा में मारे जाने के बाद नतन्याह के पुत्र इश्माएल के पास से छुड़ाकर गिबोन से फेर ले आया था, उनको वह अपने सब संगी दलों के प्रधानों समेत लेकर चल दिया।
17 Therefore thus said the Lord; Ye have not hearkened to me, to proclaim a release every one to his neighbour: behold, I proclaim a release to you, to the sword, and to the pestilence, and to the famine; and I will give you up to dispersion [among] all the kingdoms of the earth.
१७बैतलहम के निकट जो किम्हाम की सराय है, उसमें वे इसलिए टिक गए कि मिस्र में जाएँ।
18 And I will give the men that have transgressed my covenant, who have not kept my covenant, which they made before me, the calf which they prepared to sacrifice with it,
१८क्योंकि वे कसदियों से डरते थे; इसका कारण यह था कि अहीकाम का पुत्र गदल्याह जिसे बाबेल के राजा ने देश का अधिकारी ठहराया था, उसे नतन्याह के पुत्र इश्माएल ने मार डाला था।
19 the princes of Juda, and the men in power, and the priests, and the people;
१९
20 I will even give them to their enemies, and their carcases shall be food for the birds of the sky and for the wild beasts of the earth.
२०
21 And I will give Sedekias king of Judea, and their princes, into the hands of their enemies, and the host of the king of Babylon [shall come upon] them that run away from them.
२१
22 Behold, I [will] give command, saith the Lord, and will bring them back to this land; and they shall fight against it, and take it, and burn it with fire, and the cities of Juda; and I will make them desolate without inhabitants.
२२

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