< Jezekiel 38 >

1 And the word of the Lord came to me, saying,
फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
2 Son of man, set thy face against Gog, and the land of Magog, Rhos, prince of Mesoch and Thobel, and prophesy against him,
“हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुँह मागोग देश के गोग की ओर करके, जो रोश, मेशेक और तूबल का प्रधान है, उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर।
3 and say to him, Thus saith the Lord God; Behold, I am against thee, Rhos prince of Mesoch and Thobel:
और यह कह, हे गोग, हे रोश, मेशेक, और तूबल के प्रधान, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ।
4 and I will gather thee, and all thine host, horses and horsemen, all wearing breast-plates, with a great multitude, shields and helmets and swords:
मैं तुझे घुमा ले आऊँगा, और तेरे जबड़ों में नकेल डालकर तुझे निकालूँगा; और तेरी सारी सेना को भी अर्थात् घोड़ों और सवारों को जो सब के सब कवच पहने हुए एक बड़ी भीड़ हैं, जो फरी और ढाल लिए हुए सब के सब तलवार चलानेवाले होंगे;
5 Persians, and Ethiopians, and Libyans; all with helmets and shields.
और उनके संग फारस, कूश और पूत को, जो सब के सब ढाल लिए और टोप लगाए होंगे;
6 Gomer, and all belonging to him; the house of Thorgama, from the end of the north, and all belonging to him; and many nations with thee.
और गोमेर और उसके सारे दलों को, और उत्तर दिशा के दूर-दूर देशों के तोगर्मा के घराने, और उसके सारे दलों को निकालूँगा; तेरे संग बहुत से देशों के लोग होंगे।
7 Be thou prepared, prepare thyself, thou, and all thy multitude that is assembled with thee, and thou shalt be to me for a guard.
“इसलिए तू तैयार हो जा; तू और जितनी भीड़ तेरे पास इकट्ठी हों, तैयार रहना, और तू उनका अगुआ बनना।
8 He shall be prepared after many days, and he shall come at the end of years, and shall come to a land that is brought back from the sword, when [the people] are gathered from many nations against the land of Israel, which was entirely desolate: and he is come forth out of the nations, and they shall all dwell securely.
बहुत दिनों के बीतने पर तेरी सुधि ली जाएगी; और अन्त के वर्षों में तू उस देश में आएगा, जो तलवार के वश से छूटा हुआ होगा, और जिसके निवासी बहुत सी जातियों में से इकट्ठे होंगे; अर्थात् तू इस्राएल के पहाड़ों पर आएगा जो निरन्तर उजाड़ रहे हैं; परन्तु वे देश-देश के लोगों के वश से छुड़ाए जाकर सब के सब निडर रहेंगे।
9 And thou shalt go up as rain, and shalt arrive as a cloud to cover the land, and there shall be thou, and all that are about thee, and many nations with thee.
तू चढ़ाई करेगा, और आँधी के समान आएगा, और अपने सारे दलों और बहुत देशों के लोगों समेत मेघ के समान देश पर छा जाएगा।
10 Thus saith the Lord God; It shall also come to pass in that day, that thoughts shall come up into thine heart, and thou shalt devise evil devices.
१०“परमेश्वर यहोवा यह कहता है, उस दिन तेरे मन में ऐसी-ऐसी बातें आएँगी कि तू एक बुरी युक्ति भी निकालेगा;
11 And thou shalt say, I will go up to the rejected land; I will come upon them that are at ease in tranquility, and dwelling in peace, all inhabiting a land in which there is no wall, nor bars, nor have they doors;
११और तू कहेगा कि मैं बिन शहरपनाह के गाँवों के देश पर चढ़ाई करूँगा; मैं उन लोगों के पास जाऊँगा जो चैन से निडर रहते हैं; जो सब के सब बिना शहरपनाह और बिना बेड़ों और पल्लों के बसे हुए हैं;
12 to seize plunder, and to take their spoil; to turn my hands against the desolate land that is [now] inhabited, and against a nation that is gathered from many nations, that have acquired property, dwelling in the midst of the land.
१२ताकि छीनकर तू उन्हें लूटे और अपना हाथ उन खण्डहरों पर बढ़ाए जो फिर बसाए गए, और उन लोगों के विरुद्ध जाए जो जातियों में से इकट्ठे हुए थे और पृथ्वी की नाभि पर बसे हुए पशु और अन्य सम्पत्ति रखते हैं।
13 Sabba, and Daedan, and Carthaginian merchants, and all their villages shall say to thee, Thou art come for plunder to take a prey, and to get spoils: thou hast gathered thy multitude to take silver and gold, to carry off property, to take spoils.
१३शेबा और ददान के लोग और तर्शीश के व्यापारी अपने देश के सब जवान सिंहों समेत तुझ से कहेंगे, ‘क्या तू लूटने को आता है? क्या तूने धन छीनने, सोना-चाँदी उठाने, पशु और सम्पत्ति ले जाने, और बड़ी लूट अपना लेने को अपनी भीड़ इकट्ठी की है?’
14 Therefore prophesy, son of man, and say to Gog, Thus saith the Lord; Wilt thou not arise in that day, when my people Israel are dwelling securely,
१४“इस कारण, हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी करके गोग से कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है, जिस समय मेरी प्रजा इस्राएल निडर बसी रहेगी, क्या तुझे इसका समाचार न मिलेगा?
15 and come out of thy place from the farthest north, and many nations with thee? all of them mounted on horses, a great gathering, and a large force?
१५तू उत्तर दिशा के दूर-दूर स्थानों से आएगा; तू और तेरे साथ बहुत सी जातियों के लोग, जो सब के सब घोड़ों पर चढ़े हुए होंगे, अर्थात् एक बड़ी भीड़ और बलवन्त सेना।
16 And thou shalt come up upon my people Israel as a cloud to cover the land; it shall come to pass in the last days, that I will bring thee up upon my land, that all the nations may know me, when I am sanctified in thee before them.
१६जैसे बादल भूमि पर छा जाता है, वैसे ही तू मेरी प्रजा इस्राएल के देश पर ऐसे चढ़ाई करेगा। इसलिए हे गोग, अन्त के दिनों में ऐसा ही होगा, कि मैं तुझ से अपने देश पर इसलिए चढ़ाई कराऊँगा, कि जब मैं जातियों के देखते तेरे द्वारा अपने को पवित्र ठहराऊँ, तब वे मुझे पहचान लेंगे।
17 Thus saith the Lord God, to Gog; Thou art [he] concerning whom I spoke in former times, by the hand of my servants the prophets of Israel, in those days and years, that I would bring thee up against them.
१७“परमेश्वर यहोवा यह कहता है, क्या तू वही नहीं जिसकी चर्चा मैंने प्राचीनकाल में अपने दासों के, अर्थात् इस्राएल के उन भविष्यद्वक्ताओं द्वारा की थी, जो उन दिनों में वर्षों तक यह भविष्यद्वाणी करते गए, कि यहोवा गोग से इस्राएलियों पर चढ़ाई कराएगा?
18 And it shall come to pass in that day, in the day when Gog shall come against the land of Israel, saith the Lord God,
१८जिस दिन इस्राएल के देश पर गोग चढ़ाई करेगा, उसी दिन मेरी जलजलाहट मेरे मुख से प्रगट होगी, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
19 [that] my wrath and my jealousy shall arise, I have spoken in the fire of mine anger, verily in that day there shall be a great shaking in the land of Israel;
१९मैंने जलजलाहट और क्रोध की आग में कहा कि निःसन्देह उस दिन इस्राएल के देश में बड़ा भूकम्प होगा।
20 and the fish of the sea shall quake at the presence of the Lord, and the birds of the sky and the wild beasts of the field, and all the reptiles that creep upon the earth, and all the men that are on the face of the earth; and the mountains shall be rent, and the valleys shall fall, and every wall on the land shall fall.
२०और मेरे दर्शन से समुद्र की मछलियाँ और आकाश के पक्षी, मैदान के पशु और भूमि पर जितने जीव-जन्तु रेंगते हैं, और भूमि के ऊपर जितने मनुष्य रहते हैं, सब काँप उठेंगे; और पहाड़ गिराए जाएँगे; और चढ़ाइयाँ नाश होंगी, और सब दीवारें गिरकर मिट्टी में मिल जाएँगी।
21 And I will summon against it even every fear, saith the Lord: the sword of [every] man shall be against his brother.
२१परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है कि मैं उसके विरुद्ध तलवार चलाने के लिये अपने सब पहाड़ों को पुकारूँगा और हर एक की तलवार उसके भाई के विरुद्ध उठेगी।
22 And I will judge him with pestilence, and blood, and sweeping rain, and hailstones; and I will rain upon him fire and brimstone, and upon all that are with him, and upon many nations with him.
२२मैं मरी और खून के द्वारा उससे मुकद्दमा लड़ूँगा; और उस पर और उसके दलों पर, और उन बहुत सी जातियों पर जो उसके पास होंगी, मैं बड़ी झड़ी लगाऊँगा, और ओले और आग और गन्धक बरसाऊँगा।
23 And I will be magnified, and sanctified, and glorified; and I will be known in the presence of many nations, and they shall know that I am the Lord.
२३इस प्रकार मैं अपने को महान और पवित्र ठहराऊँगा और बहुत सी जातियों के सामने अपने को प्रगट करूँगा। तब वे जान लेंगी कि मैं यहोवा हूँ।”

< Jezekiel 38 >