< Psalms 132 >

1 A song of ascents. O LORD, remember on behalf of David all the hardships he endured,
यात्रा का गीत हे यहोवा, दाऊद के लिये उसकी सारी दुर्दशा को स्मरण कर;
2 how he swore an oath to the LORD, and vowed to the Mighty One of Jacob:
उसने यहोवा से शपथ खाई, और याकूब के सर्वशक्तिमान की मन्नत मानी है,
3 “I will not enter my house or get into my bed,
उसने कहा, “निश्चय मैं उस समय तक अपने घर में प्रवेश न करूँगा, और न अपने पलंग पर चढूँगा;
4 I will not give sleep to my eyes or slumber to my eyelids,
न अपनी आँखों में नींद, और न अपनी पलकों में झपकी आने दूँगा,
5 until I find a place for the LORD, a dwelling for the Mighty One of Jacob.”
जब तक मैं यहोवा के लिये एक स्थान, अर्थात् याकूब के सर्वशक्तिमान के लिये निवास-स्थान न पाऊँ।”
6 We heard that the ark was in Ephrathah; we found it in the fields of Jaar.
देखो, हमने एप्राता में इसकी चर्चा सुनी है, हमने इसको वन के खेतों में पाया है।
7 Let us go to His dwelling place; let us worship at His footstool.
आओ, हम उसके निवास में प्रवेश करें, हम उसके चरणों की चौकी के आगे दण्डवत् करें!
8 Arise, O LORD, to Your resting place, You and the ark of Your strength.
हे यहोवा, उठकर अपने विश्रामस्थान में अपनी सामर्थ्य के सन्दूक समेत आ।
9 May Your priests be clothed with righteousness, and Your saints shout for joy.
तेरे याजक धर्म के वस्त्र पहने रहें, और तेरे भक्त लोग जयजयकार करें।
10 For the sake of Your servant David, do not reject Your anointed one.
१०अपने दास दाऊद के लिये, अपने अभिषिक्त की प्रार्थना को अनसुनी न कर।
11 The LORD swore an oath to David, a promise He will not revoke: “One of your descendants I will place on your throne.
११यहोवा ने दाऊद से सच्ची शपथ खाई है और वह उससे न मुकरेगा: “मैं तेरी गद्दी पर तेरे एक निज पुत्र को बैठाऊँगा।
12 If your sons keep My covenant and the testimony I will teach them, then their sons will also sit on your throne forever and ever.”
१२यदि तेरे वंश के लोग मेरी वाचा का पालन करें और जो चितौनी मैं उन्हें सिखाऊँगा, उस पर चलें, तो उनके वंश के लोग भी तेरी गद्दी पर युग-युग बैठते चले जाएँगे।”
13 For the LORD has chosen Zion; He has desired it for His home:
१३निश्चय यहोवा ने सिय्योन को चुना है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है।
14 “This is My resting place forever and ever; here I will dwell, for I have desired this home.
१४“यह तो युग-युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; यहीं मैं रहूँगा, क्योंकि मैंने इसको चाहा है।
15 I will bless her with abundant provisions; I will satisfy her poor with bread.
१५मैं इसमें की भोजनवस्तुओं पर अति आशीष दूँगा; और इसके दरिद्रों को रोटी से तृप्त करूँगा।
16 I will clothe her priests with salvation, and her saints will sing out in joy.
१६इसके याजकों को मैं उद्धार का वस्त्र पहनाऊँगा, और इसके भक्त लोग ऊँचे स्वर से जयजयकार करेंगे।
17 There I will make a horn grow for David; I have prepared a lamp for My anointed one.
१७वहाँ मैं दाऊद का एक सींग उगाऊँगा; मैंने अपने अभिषिक्त के लिये एक दीपक तैयार कर रखा है।
18 I will clothe his enemies with shame, but the crown upon him will gleam.”
१८मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहनाऊँगा, परन्तु उसके सिर पर उसका मुकुट शोभायमान रहेगा।”

< Psalms 132 >