< Numbers 31 >

1 And the LORD said to Moses,
फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
2 “Take vengeance on the Midianites for the Israelites. After that, you will be gathered to your people.”
“मिद्यानियों से इस्राएलियों का पलटा ले; उसके बाद तू अपने लोगों में जा मिलेगा।”
3 So Moses told the people, “Arm some of your men for war, that they may go against the Midianites and execute the LORD’s vengeance on them.
तब मूसा ने लोगों से कहा, “अपने में से पुरुषों को युद्ध के लिये हथियार धारण कराओ कि वे मिद्यानियों पर चढ़कर उनसे यहोवा का पलटा लें।
4 Send into battle a thousand men from each tribe of Israel.”
इस्राएल के सब गोत्रों में से प्रत्येक गोत्र के एक-एक हजार पुरुषों को युद्ध करने के लिये भेजो।”
5 So a thousand men were recruited from each tribe of Israel—twelve thousand armed for war.
तब इस्राएल के सब गोत्रों में से प्रत्येक गोत्र के एक-एक हजार पुरुष चुने गये, अर्थात् युद्ध के लिये हथियार-बन्द बारह हजार पुरुष।
6 And Moses sent the thousand from each tribe into battle, along with Phinehas son of Eleazar the priest, who took with him the vessels of the sanctuary and the trumpets for signaling.
प्रत्येक गोत्र में से उन हजार-हजार पुरुषों को, और एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास को, मूसा ने युद्ध करने के लिये भेजा, और पीनहास के हाथ में पवित्रस्थान के पात्र और वे तुरहियां थीं जो साँस बाँध बाँधकर फूँकी जाती थीं।
7 Then they waged war against Midian, as the LORD had commanded Moses, and they killed every male.
और जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार उन्होंने मिद्यानियों से युद्ध करके सब पुरुषों को घात किया।
8 Among the slain were Evi, Rekem, Zur, Hur, and Reba—the five kings of Midian. They also killed Balaam son of Beor with the sword.
और शेष मारे हुओं को छोड़ उन्होंने एवी, रेकेम, सूर, हूर, और रेबा नामक मिद्यान के पाँचों राजाओं को घात किया; और बोर के पुत्र बिलाम को भी उन्होंने तलवार से घात किया।
9 The Israelites captured the Midianite women and their children, and they plundered all their herds, flocks, and goods.
और इस्राएलियों ने मिद्यानी स्त्रियों को बाल-बच्चों समेत बन्दी बना लिया; और उनके गाय-बैल, भेड़-बकरी, और उनकी सारी सम्पत्ति को लूट लिया।
10 Then they burned all the cities where the Midianites had lived, as well as all their encampments,
१०और उनके निवास के सब नगरों, और सब छावनियों को फूँक दिया;
11 and carried away all the plunder and spoils, both people and animals.
११तब वे, क्या मनुष्य क्या पशु, सब बन्दियों और सारी लूट-पाट को लेकर
12 They brought the captives, spoils, and plunder to Moses, to Eleazar the priest, and to the congregation of Israel at the camp on the plains of Moab, by the Jordan across from Jericho.
१२यरीहो के पास की यरदन नदी के तट पर, मोआब के अराबा में, छावनी के निकट, मूसा और एलीआजर याजक और इस्राएलियों की मण्डली के पास आए।
13 And Moses, Eleazar the priest, and all the leaders of the congregation went to meet them outside the camp.
१३तब मूसा और एलीआजर याजक और मण्डली के सब प्रधान छावनी के बाहर उनका स्वागत करने को निकले।
14 But Moses was angry with the officers of the army—the commanders of thousands and commanders of hundreds—who were returning from the battle.
१४और मूसा सहस्रपति-शतपति आदि, सेनापतियों से, जो युद्ध करके लौटे आते थे क्रोधित होकर कहने लगा,
15 “Have you spared all the women?” he asked them.
१५“क्या तुम ने सब स्त्रियों को जीवित छोड़ दिया?
16 “Look, these women caused the sons of Israel, through the counsel of Balaam, to turn unfaithfully against the LORD at Peor, so that the plague struck the congregation of the LORD.
१६देखो, बिलाम की सम्मति से, पोर के विषय में इस्राएलियों से यहोवा का विश्वासघात इन्हीं स्त्रियों ने कराया, और यहोवा की मण्डली में मरी फैली।
17 So now, kill all the boys, as well as every woman who has had relations with a man,
१७इसलिए अब बाल-बच्चों में से हर एक लड़के को, और जितनी स्त्रियों ने पुरुष का मुँह देखा हो उन सभी को घात करो।
18 but spare for yourselves every girl who has never had relations with a man.
१८परन्तु जितनी लड़कियों ने पुरुष का मुँह न देखा हो उन सभी को तुम अपने लिये जीवित रखो।
19 All of you who have killed a person or touched the dead are to remain outside the camp for seven days. On the third day and the seventh day you are to purify both yourselves and your captives.
१९और तुम लोग सात दिन तक छावनी के बाहर रहो, और तुम में से जितनों ने किसी प्राणी को घात किया, और जितनों ने किसी मरे हुए को छुआ हो, वे सब अपने-अपने बन्दियों समेत तीसरे और सातवें दिनों में अपने-अपने को पाप छुड़ाकर पावन करें।
20 And purify every garment and leather good, everything made of goat’s hair, and every article of wood.”
२०और सब वस्त्रों, और चमड़े की बनी हुई सब वस्तुओं, और बकरी के बालों की और लकड़ी की बनी हुई सब वस्तुओं को पावन कर लो।”
21 Then Eleazar the priest said to the soldiers who had gone into battle, “This is the statute of the law which the LORD has commanded Moses:
२१तब एलीआजर याजक ने सेना के उन पुरुषों से जो युद्ध करने गए थे कहा, “व्यवस्था की जिस विधि की आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी है वह यह है:
22 Only the gold, silver, bronze, iron, tin, and lead—
२२सोना, चाँदी, पीतल, लोहा, टीन, और सीसा,
23 everything that can withstand the fire—must be put through the fire, and it will be clean. But it must still be purified with the water of purification. And everything that cannot withstand the fire must pass through the water.
२३जो कुछ आग में ठहर सके उसको आग में डालो, तब वह शुद्ध ठहरेगा; तो भी वह अशुद्धता से छुड़ानेवाले जल के द्वारा पावन किया जाए; परन्तु जो कुछ आग में न ठहर सके उसे जल में डुबाओ।
24 On the seventh day you are to wash your clothes, and you will be clean. After that you may enter the camp.”
२४और सातवें दिन अपने वस्त्रों को धोना, तब तुम शुद्ध ठहरोगे; और तब छावनी में आना।”
25 The LORD said to Moses,
२५फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
26 “You and Eleazar the priest and the family heads of the congregation are to take a count of what was captured, both of man and beast.
२६“एलीआजर याजक और मण्डली के पितरों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों को साथ लेकर तू लूट के मनुष्यों और पशुओं की गिनती कर;
27 Then divide the captives between the troops who went out to battle and the rest of the congregation.
२७तब उनको आधा-आधा करके एक भाग उन सिपाहियों को जो युद्ध करने को गए थे, और दूसरा भाग मण्डली को दे।
28 Set aside a tribute for the LORD from what belongs to the soldiers who went into battle: one out of every five hundred, whether persons, cattle, donkeys, or sheep.
२८फिर जो सिपाही युद्ध करने को गए थे, उनके आधे में से यहोवा के लिये, क्या मनुष्य, क्या गाय-बैल, क्या गदहे, क्या भेड़-बकरियाँ
29 Take it from their half and give it to Eleazar the priest as an offering to the LORD.
२९पाँच सौ के पीछे एक को कर मानकर ले ले; और यहोवा की भेंट करके एलीआजर याजक को दे दे।
30 From the Israelites’ half, take one out of every fifty, whether persons, cattle, donkeys, sheep, or other animals, and give them to the Levites who keep charge of the tabernacle of the LORD.”
३०फिर इस्राएलियों के आधे में से, क्या मनुष्य, क्या गाय-बैल, क्या गदहे, क्या भेड़-बकरियाँ, क्या किसी प्रकार का पशु हो, पचास के पीछे एक लेकर यहोवा के निवास की रखवाली करनेवाले लेवियों को दे।”
31 So Moses and Eleazar the priest did as the LORD had commanded Moses,
३१यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार जो उसने मूसा को दी मूसा और एलीआजर याजक ने किया।
32 and this plunder remained from the spoils the soldiers had taken: 675,000 sheep,
३२और जो वस्तुएँ सेना के पुरुषों ने अपने-अपने लिये लूट ली थीं उनसे अधिक की लूट यह थी; अर्थात् छः लाख पचहत्तर हजार भेड़-बकरियाँ,
33 72,000 cattle,
३३बहत्तर हजार गाय बैल,
34 61,000 donkeys,
३४इकसठ हजार गदहे,
35 and 32,000 women who had not slept with a man.
३५और मनुष्यों में से जिन स्त्रियों ने पुरुष का मुँह नहीं देखा था वह सब बत्तीस हजार थीं।
36 This was the half portion for those who had gone to war: 337,500 sheep,
३६और इसका आधा, अर्थात् उनका भाग जो युद्ध करने को गए थे, उसमें भेड़-बकरियाँ तीन लाख साढ़े सैंतीस हजार,
37 including a tribute to the LORD of 675,
३७जिनमें से पौने सात सौ भेड़-बकरियाँ यहोवा का कर ठहरीं।
38 36,000 cattle, including a tribute to the LORD of 72,
३८और गाय-बैल छत्तीस हजार, जिनमें से बहत्तर यहोवा का कर ठहरे।
39 30,500 donkeys, including a tribute to the LORD of 61,
३९और गदहे साढ़े तीस हजार, जिनमें से इकसठ यहोवा का कर ठहरे।
40 and 16,000 people, including a tribute to the LORD of 32.
४०और मनुष्य सोलह हजार जिनमें से बत्तीस प्राणी यहोवा का कर ठहरे।
41 Moses gave the tribute to Eleazar the priest as an offering for the LORD, as the LORD had commanded Moses.
४१इस कर को जो यहोवा की भेंट थी मूसा ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार एलीआजर याजक को दिया।
42 From the Israelites’ half, which Moses had set apart from the men who had gone to war,
४२इस्राएलियों की मण्डली का आधा भाग, जिसे मूसा ने युद्ध करनेवाले पुरुषों के पास से अलग किया था
43 this half belonged to the congregation: 337,500 sheep,
४३तीन लाख साढ़े सैंतीस हजार भेड़-बकरियाँ
44 36,000 cattle,
४४छत्तीस हजार गाय-बैल,
45 30,500 donkeys,
४५साढ़े तीस हजार गदहे,
46 and 16,000 people.
४६और सोलह हजार मनुष्य हुए।
47 From the Israelites’ half, Moses took one out of every fifty persons and animals and gave them to the Levites who kept charge of the tabernacle of the LORD, as the LORD had commanded him.
४७इस आधे में से, यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा ने, क्या मनुष्य क्या पशु, पचास में से एक लेकर यहोवा के निवास की रखवाली करनेवाले लेवियों को दिया।
48 Then the officers who were over the units of the army—the commanders of thousands and of hundreds—approached Moses
४८तब सहस्रपति-शतपति आदि, जो सरदार सेना के हजारों के ऊपर नियुक्त थे, वे मूसा के पास आकर कहने लगे,
49 and said, “Your servants have counted the soldiers under our command, and not one of us is missing.
४९“जो सिपाही हमारे अधीन थे उनकी तेरे दासों ने गिनती ली, और उनमें से एक भी नहीं घटा।
50 So we have brought to the LORD an offering of the gold articles each man acquired—armlets, bracelets, rings, earrings, and necklaces—to make atonement for ourselves before the LORD.”
५०इसलिए पायजेब, कड़े, मुंदरियाँ, बालियाँ, बाजूबन्द, सोने के जो गहने, जिसने पाया है, उनको हम यहोवा के सामने अपने प्राणों के निमित्त प्रायश्चित करने को यहोवा की भेंट करके ले आए हैं।”
51 So Moses and Eleazar the priest received from them all the articles made out of gold.
५१तब मूसा और एलीआजर याजक ने उनसे वे सब सोने के नक्काशीदार गहने ले लिए।
52 All the gold that the commanders of thousands and of hundreds presented as an offering to the LORD weighed 16,750 shekels.
५२और सहस्त्रपतियों और शतपतियों ने जो भेंट का सोना यहोवा की भेंट करके दिया वह सब सोलह हजार साढ़े सात सौ शेकेल का था।
53 Each of the soldiers had taken plunder for himself.
५३(योद्धाओं ने तो अपने-अपने लिये लूट ले ली थी।)
54 And Moses and Eleazar the priest received the gold from the commanders of thousands and of hundreds and brought it into the Tent of Meeting as a memorial for the Israelites before the LORD.
५४यह सोना मूसा और एलीआजर याजक ने सहस्त्रपतियों और शतपतियों से लेकर मिलापवाले तम्बू में पहुँचा दिया, कि इस्राएलियों के लिये यहोवा के सामने स्मरण दिलानेवाली वस्तु ठहरे।

< Numbers 31 >