< Isaiah 12 >
1 In that day you will say: “O LORD, I will praise You. Although You were angry with me, Your anger has turned away, and You have comforted me.
उस दिन तुम कहोगे: “याहवेह, मैं आपका आभार मानूंगा. यद्यपि आप मुझसे क्रोधित थे, अब आपका गुस्सा शांत हो गया और आपने मुझे शांति दी है.
2 Surely God is my salvation; I will trust and not be afraid. For the LORD GOD is my strength and my song, and He also has become my salvation.”
परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता हैं; मैं भरोसा रखूंगा और न डरूंगा. क्योंकि याह, हां याहवेह ही, मेरा बल और मेरा गीत हैं; वे मेरे उद्धारकर्ता हो गए हैं.”
3 With joy you will draw water from the springs of salvation,
तुम उद्धार के स्रोतों से आनंदपूर्वक जल भरोगे.
4 and on that day you will say: “Give praise to the LORD; proclaim His name! Make His works known among the peoples; declare that His name is exalted.
उस दिन तुम कहोगे: “याहवेह की प्रशंसा करो, उनके नाम की दोहाई दो; जनताओं में उनके कामों का प्रचार करो, उन्हें यह याद दिलाओ कि प्रभु का नाम गौरवान्वित है.
5 Sing to the LORD, for He has done glorious things. Let this be known in all the earth.
गीतों से याहवेह की स्तुति करो, क्योंकि उन्होंने प्रतापमय काम किए हैं; और सारी पृथ्वी पर यह प्रकट हो जाए.
6 Cry out and sing, O citizen of Zion, for great among you is the Holy One of Israel.”
ज़ियोन के लोगों, ऊंचे स्वर से जय जयकार करो, क्योंकि इस्राएल के पवित्र परमेश्वर तुम्हारे साथ हैं.”