< Judges 10 >
1 And after Abimelech there arose to save Israel Tola the son of Puah, the son of Dodo, a man of Issachar; and he dwelt in Shamir in the hill-country of Ephraim.
और अबीमलिक के बाद तोला' बिन फुव्वा बिन दोदो जो इश्कार के क़बीले का था, इस्राईलियों की हिमायत करने को उठा; वह इफ़्राईम के पहाड़ी मुल्क में समीर में रहता था।
2 And he judged Israel twenty and three years, and died, and was buried in Shamir.
वह तेईस बरस इस्राईलियों का क़ाज़ी रहा; और मर गया और समीर में दफ़्न हुआ।
3 And after him arose Jair, the Gileadite; and he judged Israel twenty and two years.
इसके बाद जिल'आदी याईर उठा, और वह बाइस बरस इस्राईलियों का क़ाज़ी रहा।
4 And he had thirty sons that rode on thirty ass colts, and they had thirty cities, which are called Havvoth-jair unto this day, which are in the land of Gilead.
उसके तीस बेटे थे जो तीस जवान गधों पर सवार हुआ करते थे; और उनके तीस शहर थे जो आज तक हव्वोत याईर कहलाते हैं, और जिल'आद के मुल्क में हैं।
5 And Jair died, and was buried in Kamon.
और याईर मर गया और क़ामोन में दफ़्न हुआ।
6 And the children of Israel again did that which was evil in the sight of Jehovah, and served the Baalim, and the Ashtaroth, and the gods of Syria, and the gods of Sidon, and the gods of Moab, and the gods of the children of Ammon, and the gods of the Philistines; and they forsook Jehovah, and served him not.
और बनी — इस्राईल ख़ुदावन्द के हुज़ूर फिर बुराई करने, और बा'लीम और 'इस्तारात और अराम के मा'बूदों और सैदा के मा'बूदों और मोआब के मा'बूदों और बनी 'अम्मोन के मा'बूदों और फ़िलिस्तियों के मा'बूदों की इबादत करने लगे, और ख़ुदावन्द को छोड़ दिया और उसकी इबादत न की।
7 And the anger of Jehovah was kindled against Israel, and he sold them into the hand of the Philistines, and into the hand of the children of Ammon.
तब ख़ुदावन्द का क़हर इस्राईल पर भड़का, और उसने उनको फ़िलिस्तियों के हाथ और बनी 'अम्मोन के हाथ बेच डाला।
8 And they vexed and oppressed the children of Israel that year: eighteen years [oppressed they] all the children of Israel that were beyond the Jordan in the land of the Amorites, which is in Gilead.
और उन्होंने उस साल बनी इस्राईल को तंग किया और सताया, बल्कि अठारह बरस तक वह सब बनी — इस्राईल पर ज़ुल्म करते रहे, जो यरदन पार अमोरियों के मुल्क में जो जिल'आद में है रहते थे।
9 And the children of Ammon passed over the Jordan to fight also against Judah, and against Benjamin, and against the house of Ephraim; so that Israel was sore distressed.
और बनी 'अम्मून यरदन पार होकर यहूदाह और बिनयमीन और इफ़्राईम के ख़ान्दान से लड़ने को भी आ जाते थे, इसलिए इस्राईली बहुत तंग आ गए।
10 And the children of Israel cried unto Jehovah, saying, We have sinned against thee, even because we have forsaken our God, and have served the Baalim.
और बनी इस्राईल ख़ुदावन्द से फ़रियाद करके कहने लगे, “हमने तेरा गुनाह किया कि अपने ख़ुदा को छोड़ा और बा'लीम की इबादत की।”
11 And Jehovah said unto the children of Israel, [Did] not [I save you] from the Egyptians, and from the Amorites, from the children of Ammon, and from the Philistines?
और ख़ुदावन्द ने बनी — इस्राईल से कहा, “क्या मैंने तुम को मिस्रियों और अमोरियों और बनी 'अम्मोन और फ़िलिस्तियों के हाथ से रिहाई नहीं दी?
12 The Sidonians also, and the Amalekites, and the Maonites, did oppress you; and ye cried unto me, and I saved you out of their hand.
और सैदानियों और 'अमालीक़ियों और मा'ओनियों ने भी तुम को सताया, और तुम ने मुझ से फ़रियाद की और मैंने तुम को उनके हाथ से छुड़ाया।
13 Yet ye have forsaken me, and served other gods: wherefore I will save you no more.
तो भी तुम ने मुझे छोड़ कर और मा'बूदों की इबादत की, इसलिए अब मैं तुम को रिहाई नहीं दूँगा।
14 Go and cry unto the gods which ye have chosen; let them save you in the time of your distress.
तुम जाकर उन मा'बूदों से, जिनको तुम ने इख़्तियार किया है फ़रियाद करो, वही तुम्हारी मुसीबत के वक़्त तुम को छुड़ाएँ।”
15 And the children of Israel said unto Jehovah, We have sinned: do thou unto us whatsoever seemeth good unto thee; only deliver us, we pray thee, this day.
बनी इस्राईल ने ख़ुदावन्द से कहा, “हम ने तो गुनाह किया, इसलिए जो कुछ तेरी नज़र में अच्छा हो हम से कर; लेकिन आज हम को छुड़ा ही ले।”
16 And they put away the foreign gods from among them, and served Jehovah; and his soul was grieved for the misery of Israel.
और वह अजनबी मा'बूदों को अपने बीच से दूर करके ख़ुदावन्द की इबादत करने लगे; तब उसका जी इस्राईल की परेशानी से ग़मगीन हुआ।
17 Then the children of Ammon were gathered together, and encamped in Gilead. And the children of Israel assembled themselves together, and encamped in Mizpah.
फिर बनी 'अम्मून इकट्ठे होकर जिल'आद में ख़ेमाज़न हुए; और बनी — इस्राईल भी फ़राहम होकर मिस्फ़ाह में ख़ेमाज़न हुए।
18 And the people, the princes of Gilead, said one to another, What man is he that will begin to fight against the children of Ammon? he shall be head over all the inhabitants of Gilead.
तब जिल'आद के लोग और सरदार एक दूसरे से कहने लगे, “वह कौन शख़्स है जो बनी 'अम्मून से लड़ना शुरू' करेगा? वही जिल'आद के सब बाशिदों का हाकिम होगा।”