< Psalms 9 >
1 For the Chief Musician. Set to “The Death of the Son.” A Psalm by David. I will give thanks to the LORD with my whole heart. I will tell of all your marvelous works.
संगीत निर्देशक के लिये. मूथलब्बेन धुन पर आधारित. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, मैं संपूर्ण हृदय से आपका आभार मानूंगा; मैं आपके हर एक आश्चर्य कर्मों का वर्णन करूंगा.
2 I will be glad and rejoice in you. I will sing praise to your name, O Most High.
मैं आप में उल्लसित होकर आनंद मनाता हूं; सर्वोच्च प्रभु, मैं आपका भजन गाता हूं.
3 When my enemies turn back, they stumble and perish in your presence.
जब मेरे शत्रु पीठ दिखाकर भागे; वे आपकी उपस्थिति के कारण नाश होकर लड़खड़ा कर गिर पड़े.
4 For you have maintained my just cause. You sit on the throne judging righteously.
आपने न्याय किया और मेरे पक्ष में निर्णय दिया, आपने अपने सिंहासन पर बैठ सच्चाई में न्याय किया.
5 You have rebuked the nations. You have destroyed the wicked. You have blotted out their name forever and ever.
आपने जनताओं को डांटा और दुष्टों को नष्ट कर दिया; आपने सदा के लिए उनका नाम मिटा दिया.
6 The enemy is overtaken by endless ruin. The very memory of the cities which you have overthrown has perished.
कोई भी शत्रु शेष न रहा, उनके नगर अब स्थायी विध्वंस मात्र रह गए हैं; शत्रु का नाम भी शेष न रहा.
7 But the LORD reigns forever. He has prepared his throne for judgment.
परंतु याहवेह सदैव सिंहासन पर विराजमान हैं; उन्होंने अपना सिंहासन न्याय के लिए स्थापित किया है.
8 He will judge the world in righteousness. He will administer judgment to the peoples in uprightness.
वह संसार का न्याय तथा राष्ट्रों का निर्णय धार्मिकता से करते हैं.
9 The LORD will also be a high tower for the oppressed; a high tower in times of trouble.
याहवेह ही दुःखित को शरण देते हैं, संकट के समय वही ऊंचा गढ़ हैं.
10 Those who know your name will put their trust in you, for you, LORD, have not forsaken those who seek you.
जिन्होंने आपकी महिमा को पहचान लिया है, वे आप पर भरोसा करेंगे, याहवेह, जिन्होंने आपसे प्रार्थना की, आपने उन्हें निराश न होने दिया.
11 Sing praises to the LORD, who dwells in Zion, and declare among the people what he has done.
याहवेह का गुणगान करो, जो ज़ियोन में सिंहासन पर विराजमान हैं; राष्ट्रों में उनके आश्चर्य कार्यों की उद्घोषणा करो.
12 For he who avenges blood remembers them. He does not forget the cry of the afflicted.
वह, जो पीड़ितों के बदला लेनेवाले हैं, उन्हें स्मरण रखते हैं; दीनों की वाणी को वह अनसुनी नहीं करते.
13 Have mercy on me, LORD. See my affliction by those who hate me, and lift me up from the gates of death,
हे याहवेह, मुझ पर कृपादृष्टि कीजिए! मेरी पीड़ा पर दृष्टि कीजिए. आप ही हैं, जो मुझे मृत्यु-द्वार के निकट से झपटकर उठा सकते हैं,
14 that I may show all of your praise. I will rejoice in your salvation in the gates of the daughter of Zion.
कि मैं ज़ियोन की पुत्री के द्वारों के भीतर आपके हर एक गुण का वर्णन करूं, कि मैं आपके द्वारा किए उद्धार में उल्लसित होऊं.
15 The nations have sunk down in the pit that they made. In the net which they hid, their own foot is taken.
अन्य जनता उसी गड्ढे में जा गिरे, जिसे स्वयं उन्हीं ने खोदा था; उनके पैर उसी जाल में जा फंसे, जिसे उन्होंने बिछाया था.
16 The LORD has made himself known. He has executed judgment. The wicked is snared by the work of his own hands. (Meditation, Selah)
याहवेह ने स्वयं को प्रकट किया, उन्होंने न्याय सम्पन्न किया; दुष्ट अपने ही फंदे में उलझ कर रह गए.
17 The wicked shall be turned back to Sheol (Sheol ), even all the nations that forget God.
दुष्ट अधोलोक में लौट जाएंगे, यही नियति है उन सभी राष्ट्रों की भी, जिन्होंने परमेश्वर की उपेक्षा की है. (Sheol )
18 For the needy shall not always be forgotten, nor the hope of the poor perish forever.
दीन दरिद्र सदा भुला नहीं दिए जाएंगे; पीड़ितों की आशा सदा के लिए चूर नहीं होगी.
19 Arise, LORD! Do not let man prevail. Let the nations be judged in your sight.
याहवेह, आप उठ जाएं, कि कोई मनुष्य प्रबल न हो जाए; जनताओं का न्याय आपके सामने हो.
20 Put them in fear, LORD. Let the nations know that they are only men. (Selah)
याहवेह, आप उन्हें भयभीत कर दें; जनताओं को यह बोध हो जाए कि वे मात्र मनुष्य हैं.