< Psalms 81 >
1 For the Chief Musician. On an instrument of Gath. By Asaph. Sing aloud to God, our strength! Make a joyful shout to the God of Jacob!
ख़ुदा के सामने जो हमारी ताक़त है, बुलन्द आवाज़ से गाओ; या'क़ूब के ख़ुदा के सामने ख़ुशी का नारा मारो!
2 Raise a song, and bring here the tambourine, the pleasant lyre with the harp.
नग़मा छेड़ो, और दफ़ लाओ और दिलनवाज़ सितार और बरबत।
3 Blow the trumpet at the New Moon, at the full moon, on our feast day.
नए चाँद और पूरे चाँद के वक़्त, हमारी 'ईद के दिन नरसिंगा फूँको।
4 For it is a statute for Israel, an ordinance of the God of Jacob.
क्यूँकि यह इस्राईल के लिए क़ानून, और या'क़ूब के ख़ुदा का हुक्म है।
5 He appointed it in Joseph for a covenant, when he went out over the land of Egypt, I heard a language that I did not know.
इसको उसने यूसुफ़ में शहादत ठहराया, जब वह मुल्क — ए — मिस्र के ख़िलाफ़ निकला। मैंने उसका कलाम सुना, जिसको मैं जानता न था
6 “I removed his shoulder from the burden. His hands were freed from the basket.
'मैंने उसके कंधे पर से बोझ उतार दिया; उसके हाथ टोकरी ढोने से छूट गए।
7 You called in trouble, and I delivered you. I answered you in the secret place of thunder. I tested you at the waters of Meribah.” (Selah)
तूने मुसीबत में पुकारा और मैंने तुझे छुड़ाया; मैंने राद के पर्दे में से तुझे जवाब दिया; मैंने तुझे मरीबा के चश्मे पर आज़माया। (सिलाह)
8 “Hear, my people, and I will testify to you, Israel, if you would listen to me!
ऐ मेरे लोगो, सुनो, मैं तुम को होशियार करता हूँ! ऐ इस्राईल, काश के तू मेरी सुनता!
9 There shall be no strange god in you, neither shall you worship any foreign god.
तेरे बीच कोई गै़र ख़ुदावन्द का मा'बूद न हो; और तू किसी गै़रख़ुदावन्द के मा'बूद को सिज्दा न करना
10 I am the LORD, your God, who brought you up out of the land of Egypt. Open your mouth wide, and I will fill it.
ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा मैं हूँ, जो तुझे मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया। तू अपना मुँह खू़ब खोल और मैं उसे भर दूँगा।
11 But my people did not listen to my voice. Israel desired none of me.
“लेकिन मेरे लोगों ने मेरी बात न सुनी, और इस्राईल मुझ से रज़ामंद न हुआ।
12 So I let them go after the stubbornness of their hearts, that they might walk in their own counsels.
तब मैंने उनको उनके दिल की हट पर छोड़ दिया, ताकि वह अपने ही मश्वरों पर चलें।
13 Oh that my people would listen to me, that Israel would walk in my ways!
काश कि मेरे लोग मेरी सुनते, और इस्राईल मेरी राहों पर चलता!
14 I would soon subdue their enemies, and turn my hand against their adversaries.
मैं जल्द उनके दुश्मनों को मग़लूब कर देता, और उनके मुखालिफ़ों पर अपना हाथ चलाता।
15 The haters of the LORD would cringe before him, and their punishment would last forever.
ख़ुदावन्द से 'अदावत रखने वाले उसके ताबे हो जाते, और इनका ज़माना हमेशा तक बना रहता।
16 But he would have also fed them with the finest of the wheat. I will satisfy you with honey out of the rock.”
वह इनको अच्छे से अच्छा गेहूँ खिलाता और मैं तुझे चट्टान में के शहद से शेर करता।”