< 1 Peter 5 >
1 Therefore I exhort the elders among you, as a fellow elder and a witness of the sufferings of Christ, and who will also share in the glory that will be revealed:
१तुम में जो प्राचीन हैं, मैं उनके समान प्राचीन और मसीह के दुःखों का गवाह और प्रगट होनेवाली महिमा में सहभागी होकर उन्हें यह समझाता हूँ।
2 shepherd the flock of God which is among you, exercising the oversight, not under compulsion, but voluntarily; not for dishonest gain, but willingly;
२कि परमेश्वर के उस झुण्ड की, जो तुम्हारे बीच में है रखवाली करो; और यह दबाव से नहीं, परन्तु परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आनन्द से, और नीच-कमाई के लिये नहीं, पर मन लगाकर।
3 not as lording it over those entrusted to you, but making yourselves examples to the flock.
३जो लोग तुम्हें सौंपे गए हैं, उन पर अधिकार न जताओ, वरन् झुण्ड के लिये आदर्श बनो।
4 When the chief Shepherd is revealed, you will receive the crown of glory that does not fade away.
४और जब प्रधान रखवाला प्रगट होगा, तो तुम्हें महिमा का मुकुट दिया जाएगा, जो मुर्झाने का नहीं।
5 Likewise, you younger ones, be subject to the elder. Yes, all of you clothe yourselves with humility and subject yourselves to one another; for “God resists the proud, but gives grace to the humble.”
५हे नवयुवकों, तुम भी वृद्ध पुरुषों के अधीन रहो, वरन् तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बाँधे रहो, क्योंकि “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है।”
6 Humble yourselves therefore under the mighty hand of God, that he may exalt you in due time,
६इसलिए परमेश्वर के बलवन्त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिससे वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए।
7 casting all your worries on him, because he cares for you.
७अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है।
8 Be sober and self-controlled. Be watchful. Your adversary, the devil, walks around like a roaring lion, seeking whom he may devour.
८सचेत हो, और जागते रहो, क्योंकि तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जनेवाले सिंह के समान इस खोज में रहता है, कि किसको फाड़ खाए।
9 Withstand him steadfast in your faith, knowing that your brothers who are in the world are undergoing the same sufferings.
९विश्वास में दृढ़ होकर, और यह जानकर उसका सामना करो, कि तुम्हारे भाई जो संसार में हैं, ऐसे ही दुःख भुगत रहे हैं।
10 But may the God of all grace, who called you to his consummate (aiōnios ) glory by Christ Jesus, after you have suffered a little while, perfect, establish, strengthen, and settle you.
१०अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्त करेगा। (aiōnios )
11 To him be the power for the ages (aiōn ) of the ages (aiōn ). Amen.
११उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn )
12 Through Silvanus, our faithful brother, as I consider him, I have written to you briefly, exhorting and testifying that this is the true grace of God in which you stand.
१२मैंने सिलवानुस के हाथ, जिसे मैं विश्वासयोग्य भाई समझता हूँ, संक्षेप में लिखकर तुम्हें समझाया है, और यह गवाही दी है कि परमेश्वर का सच्चा अनुग्रह यही है, इसी में स्थिर रहो।
13 She who is in Babylon, chosen together with you, greets you. So does Mark, my son.
१३जो बाबेल में तुम्हारे समान चुने हुए लोग हैं, वह और मेरा पुत्र मरकुस तुम्हें नमस्कार कहते हैं।
14 Greet one another with a kiss of love. Peace be to all of you who are in Christ Jesus. Amen.
१४प्रेम से चुम्बन लेकर एक दूसरे को नमस्कार करो। तुम सब को जो मसीह में हो शान्ति मिलती रहे।