< 1 Chronicles 23 >

1 Now David was old and full of days; and he made Solomon his son king over Israel.
अब दाऊद बुड्ढा और उम्र — दराज़ हो गया था, तब उसने अपने बेटे सुलेमान को इस्राईल का बादशाह बनाया।
2 He gathered together all the princes of Israel, with the priests and the Levites.
उसने इस्राईल के सब सरदारों को, काहिनों और लावियों समेत इकट्ठा किया।
3 The Levites were counted from thirty years old and upward; and their number by their polls, man by man, was thirty-eight thousand.
तीस बरस के और उससे ज़्यादा उम्र के लावी गिने गए, और उनकी गिनती एक एक आदमी को शुमार करके अठतीस हज़ार थी।
4 David said, “Of these, twenty-four thousand were to oversee the work of the LORD’s house, six thousand were officers and judges,
इनमें से चौबीस हज़ार ख़ुदावन्द के घर के काम की निगरानी पर मुक़र्रर हुए, और छ: हज़ार सरदार और मुन्सिफ़ थे,
5 four thousand were doorkeepers, and four thousand praised the LORD with the instruments which I made for giving praise.”
और चार हज़ार दरबान थे, और चार हज़ार उन साज़ों से ख़ुदावन्द की ता'रीफ़ करते थे जिनको मैंने या'नी दाऊद ने ता'रीफ़ और बड़ाई के लिए बनाया था
6 David divided them into divisions according to the sons of Levi: Gershon, Kohath, and Merari.
और दाऊद ने उनको जैरसोन, क़िहात और मिरारी नाम बनी लावी के फ़रीक़ों में तक़्सीम किया।
7 Of the Gershonites: Ladan and Shimei.
जैरसोनियों में से यह थे: ला'दान और सिम'ई।
8 The sons of Ladan: Jehiel the chief, Zetham, and Joel, three.
ला'दान के बेटे: सरदार यहीएल और जैताम और यूएल, यह तीन थे।
9 The sons of Shimei: Shelomoth, Haziel, and Haran, three. These were the heads of the fathers’ households of Ladan.
सिम'ई के बेटे: सलूमियत और हज़ीएल और हारान, यह तीन थे। यह ला'दान के आबाई ख़ान्दानों के सरदार थे।
10 The sons of Shimei: Jahath, Zina, Jeush, and Beriah. These four were the sons of Shimei.
और सिम'ई के बेटे यहत, ज़ीना और य'ऊस और बरी'आ, यह चारों सिम'ई के बेटे थे।
11 Jahath was the chief, and Zizah the second; but Jeush and Beriah did not have many sons; therefore they became a fathers’ house in one reckoning.
पहला यहत था, और ज़ीज़ा दूसरा, और य'ऊस और बरी'आ के बेटे बहुत न थे, इस वजह से वह एक ही आबाई ख़ान्दान में गिने गए।
12 The sons of Kohath: Amram, Izhar, Hebron, and Uzziel, four.
क़िहात के बेटे: 'अमराम, इज़हार, हबरून और 'उज़्ज़ीएल, यह चार थे।
13 The sons of Amram: Aaron and Moses; and Aaron was separated that he should sanctify the most holy things, he and his sons forever, to burn incense before the LORD, to minister to him, and to bless in his name forever.
अमराम के बेटे: हारून और मूसा थे। हारून अलग किया गया, ताकि वह और उसके बेटे हमेशा पाकतरीन चीज़ों की पाक किया करें, और हमेशा ख़ुदावन्द के आगे ख़ुशबू जलाएँ और उसकी ख़िदमत करें, और उसका नाम लेकर बरकत दें।
14 But as for Moses the man of God, his sons were named among the tribe of Levi.
रहा मर्द — ए — ख़ुदा मूसा, इसलिए उसके बेटे लावी के क़बीले में गिने गए।
15 The sons of Moses: Gershom and Eliezer.
मूसा के बेटे: जैरसोम और इली'एलियाज़र थे।
16 The sons of Gershom: Shebuel the chief.
और जैरसोम का बेटा सबुएल सरदार था,
17 The son of Eliezer was Rehabiah the chief; and Eliezer had no other sons, but the sons of Rehabiah were very many.
और इली'एलियाज़र का बेटा रहबियाह सरदार था; और इली'एलियाज़र के और बेटे न थे, लेकिन रहबियाह के बहुत से बेटे थे।
18 The son of Izhar: Shelomith the chief.
इज़हार का बेटा सलूमीत सरदार था।
19 The sons of Hebron: Jeriah the chief, Amariah the second, Jahaziel the third, and Jekameam the fourth.
हबरून के बेटों में पहला यरयाह, अमरियाह दूसरा, यहज़ीएल तीसरा, और यकीमि'आम चौथा था।
20 The sons of Uzziel: Micah the chief, and Isshiah the second.
उज़्ज़ीएल के बेटों में अव्वल मीकाह सरदार और यस्सियाह दूसरा था।
21 The sons of Merari: Mahli and Mushi. The sons of Mahli: Eleazar and Kish.
मिरारी के बेटे: महली और मूशी। महली के बेटे: इली'एलियाज़र और क़ीस थे।
22 Eleazar died, and had no sons, but daughters only; and their relatives, the sons of Kish, took them as wives.
और इली'एलियाज़र मर गया और उसके कोई बेटा न था सिर्फ़ बेटियाँ थीं, और उनके भाई क़ीस के बेटों ने उनसे ब्याह किया।
23 The sons of Mushi: Mahli, Eder, and Jeremoth, three.
मूशी के बेटे: महली और 'ऐदर और यरीमोत, येतीन थे।
24 These were the sons of Levi after their fathers’ houses, even the heads of the fathers’ houses of those who were counted individually, in the number of names by their polls, who did the work for the service of the LORD’s house, from twenty years old and upward.
लावी के बेटे यही थे, जो अपने अपने आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ थे। उनके आबाई ख़ान्दानों के सरदार जैसा वह नाम — ब — नाम एक एक करके गिने गए यही हैं। वह बीस बरस और उससे ऊपर की उम्र से ख़ुदावन्द के घर की ख़िदमत का काम करते थे।
25 For David said, “The LORD, the God of Israel, has given rest to his people; and he dwells in Jerusalem forever.
क्यूँकि दाऊद ने कहा कि ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा ने अपने लोगों को आराम दिया है, और वह हमेशा तक येरूशलेम में सुकूनत करेगा।
26 Also the Levites will no longer need to carry the tabernacle and all its vessels for its service.”
और लावियों को भी घर और उसकी ख़िदमत के सब बर्तनों को फिर कभी उठाना न पड़ेगा।
27 For by the last words of David the sons of Levi were counted, from twenty years old and upward.
क्यूँकि दाऊद की पिछली बातों के मुताबिक़ बनी लावी जो बीस बरस और उससे ज़्यादा उम्र के थे, गिने गए।
28 For their duty was to wait on the sons of Aaron for the service of the LORD’s house—in the courts, in the rooms, and in the purifying of all holy things, even the work of the service of God’s house;
क्यूँकि उनका काम यह था कि ख़ुदावन्द के घर की ख़िदमत के वक़्त, सहनों और कोठरियों में और सब मुक़द्दस चीज़ों के पाक करने में, या'नी ख़ुदा के घर की ख़िदमत के काम में, बनी हारून की मदद करें;
29 for the show bread also, and for the fine flour for a meal offering, whether of unleavened wafers, or of that which is baked in the pan, or of that which is soaked, and for all measurements of quantity and size;
और नज़्र की रोटी का, और मैदे की नज़्र की क़ुर्बानी का ख़्वाह वह बेख़मीरी रोटियों या तवे पर की पकी हुई चीज़ों या तली हुई चीज़ों की हो, और हर तरह के तौल और नाप का काम करें।
30 and to stand every morning to thank and praise the LORD, and likewise in the evening;
और हर सुबह और शाम को खड़े होकर ख़ुदावन्द की शुक्रगुज़ारी और बड़ाई करें,
31 and to offer all burnt offerings to the LORD on the Sabbaths, on the new moons, and on the set feasts, in number according to the ordinance concerning them, continually before the LORD;
और सब्तों और नये चाँदों और मुक़र्ररा 'ईदों में, हमेशा ख़ुदावन्द के सामने पूरी ता'दाद में सब सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ उस क़ाइदे के मुताबिक़ जो उनके बारे में है पेश करें।
32 and that they should keep the duty of the Tent of Meeting, the duty of the holy place, and the duty of the sons of Aaron their brothers for the service of the LORD’s house.
और ख़ुदावन्द के घर की ख़िदमत को अन्जाम देने के लिए ख़ेमा — ए — इजितमा'अ की हिफ़ाज़त और मक़दिस की निगरानी और अपने भाई बनी हारून की इता'अत करें।

< 1 Chronicles 23 >