< Galaterne 2 >

1 Senere, efter fjorten Aars Forløb, drog jeg atter op til Jerusalem med Barnabas og tog ogsaa Titus med.
अनन्तरं चतुर्दशसु वत्सरेषु गतेष्वहं बर्णब्बा सह यिरूशालमनगरं पुनरगच्छं, तदानों तीतमपि स्वसङ्गिनम् अकरवं।
2 Men jeg drog op ifølge en Aabenbaring og forelagde dem, men særskilt de ansete, det Evangelium, som jeg prædiker iblandt Hedningerne, — om jeg vel løber eller har løbet forgæves.
तत्कालेऽहम् ईश्वरदर्शनाद् यात्राम् अकरवं मया यः परिश्रमोऽकारि कारिष्यते वा स यन्निष्फलो न भवेत् तदर्थं भिन्नजातीयानां मध्ये मया घोष्यमाणः सुसंवादस्तत्रत्येभ्यो लोकेभ्यो विशेषतो मान्येभ्यो नरेभ्यो मया न्यवेद्यत।
3 Men end ikke min Ledsager, Titus, som var en Græker, blev tvungen til at omskæres,
ततो मम सहचरस्तीतो यद्यपि यूनानीय आसीत् तथापि तस्य त्वक्छेदोऽप्यावश्यको न बभूव।
4 nemlig for de indsnegne falske Brødres Skyld, som jo havde listet sig ind for at lure paa vor Frihed, som vi have i Kristus Jesus, for at de kunde gøre os til Trælle.
यतश्छलेनागता अस्मान् दासान् कर्त्तुम् इच्छवः कतिपया भाक्तभ्रातरः ख्रीष्टेन यीशुनास्मभ्यं दत्तं स्वातन्त्र्यम् अनुसन्धातुं चारा इव समाजं प्राविशन्।
5 For dem vege vi end ikke et Øjeblik i Eftergivenhed, for at Evangeliets Sandhed maatte blive varig hos eder.
अतः प्रकृते सुसंवादे युष्माकम् अधिकारो यत् तिष्ठेत् तदर्थं वयं दण्डैकमपि यावद् आज्ञाग्रहणेन तेषां वश्या नाभवाम।
6 Men fra deres Side, som ansaas for at være noget, (hvordanne de fordum vare, er mig uden Forskel; Gud ser ikke paa et Menneskes Person; ) — over for mig nemlig havde de ansete intet at tilføje.
परन्तु ये लोका मान्यास्ते ये केचिद् भवेयुस्तानहं न गणयामि यत ईश्वरः कस्यापि मानवस्य पक्षपातं न करोति, ये च मान्यास्ते मां किमपि नवीनं नाज्ञापयन्।
7 Men tværtimod, da de saa, at jeg har faaet Evangeliet til de uomskaarne betroet, ligesom Peter til de omskaarne,
किन्तु छिन्नत्वचां मध्ये सुसंवादप्रचारणस्य भारः पितरि यथा समर्पितस्तथैवाच्छिन्नत्वचां मध्ये सुसंवादप्रचारणस्य भारो मयि समर्पित इति तै र्बुबुधे।
8 (thi han, som gav Peter Kraft til Apostelgerning for de omskaarne, gav ogsaa mig Kraft dertil for Hedningerne; )
यतश्छिन्नत्वचां मध्ये प्रेरितत्वकर्म्मणे यस्य या शक्तिः पितरमाश्रितवती तस्यैव सा शक्ति र्भिन्नजातीयानां मध्ये तस्मै कर्म्मणे मामप्याश्रितवती।
9 og da de lærte den mig givne Naade at kende, gave Jakob og Kefas og Johannes, som ansaas for at være Søjler, mig og Barnabas Samfundshaand for at vi skulde gaa til Hedningerne og de til de omskaarne;
अतो मह्यं दत्तम् अनुग्रहं प्रतिज्ञाय स्तम्भा इव गणिता ये याकूब् कैफा योहन् चैते सहायतासूचकं दक्षिणहस्तग्रहंण विधाय मां बर्णब्बाञ्च जगदुः, युवां भिन्नजातीयानां सन्निधिं गच्छतं वयं छिन्नत्वचा सन्निधिं गच्छामः,
10 kun at vi skulde komme de fattige i Hu, hvad jeg ogsaa just har bestræbt mig for at gøre.
केवलं दरिद्रा युवाभ्यां स्मरणीया इति। अतस्तदेव कर्त्तुम् अहं यते स्म।
11 Men da Kefas kom til Antiokia, traadte jeg op imod ham for hans aabne Øjne, thi domfældt var han.
अपरम् आन्तियखियानगरं पितर आगतेऽहं तस्य दोषित्वात् समक्षं तम् अभर्त्सयं।
12 Thi førend der kom nogle fra Jakob, spiste han sammen med Hedningerne; men da de kom, trak han sig tilbage og skilte sig fra dem af Frygt for dem af Omskærelsen.
यतः स पूर्व्वम् अन्यजातीयैः सार्द्धम् आहारमकरोत् ततः परं याकूबः समीपात् कतिपयजनेष्वागतेषु स छिन्नत्वङ्मनुष्येभ्यो भयेन निवृत्य पृथग् अभवत्।
13 Og med ham hyklede ogsaa de øvrige Jøder, saa at endog Barnabas blev dragen med af deres Hykleri.
ततोऽपरे सर्व्वे यिहूदिनोऽपि तेन सार्द्धं कपटाचारम् अकुर्व्वन् बर्णब्बा अपि तेषां कापट्येन विपथगाम्यभवत्।
14 Men da jeg saa, at de ikke vandrede rettelig efter Evangeliets Sandhed, sagde jeg til Kefas i alles Paahør: Naar du, som er en Jøde, lever paa hedensk og ikke paa jødisk Vis, hvor kan du da tvinge Hedningerne til at opføre sig som Jøder?
ततस्ते प्रकृतसुसंवादरूपे सरलपथे न चरन्तीति दृष्ट्वाहं सर्व्वेषां साक्षात् पितरम् उक्तवान् त्वं यिहूदी सन् यदि यिहूदिमतं विहाय भिन्नजातीय इवाचरसि तर्हि यिहूदिमताचरणाय भिन्नजातीयान् कुतः प्रवर्त्तयसि?
15 Vi ere af Natur Jøder og ikke Syndere af hedensk Byrd;
आवां जन्मना यिहूदिनौ भवावो भिन्नजातीयौ पापिनौ न भवावः
16 men da vi vide, at et Menneske ikke bliver retfærdiggjort af Lovens Gerninger, men kun ved Tro paa Jesus Kristus, saa have ogsaa vi troet paa Kristus Jesus, for at vi maatte blive retfærdiggjorte af Tro paa Kristus og ikke af Lovens Gerninger; thi af Lovens Gerninger skal intet Kød blive retfærdiggjort.
किन्तु व्यवस्थापालनेन मनुष्यः सपुण्यो न भवति केवलं यीशौ ख्रीष्टे यो विश्वासस्तेनैव सपुण्यो भवतीति बुद्ध्वावामपि व्यवस्थापालनं विना केवलं ख्रीष्टे विश्वासेन पुण्यप्राप्तये ख्रीष्टे यीशौ व्यश्वसिव यतो व्यवस्थापालनेन कोऽपि मानवः पुण्यं प्राप्तुं न शक्नोति।
17 Men naar vi, idet vi søgte at blive retfærdiggjorte i Kristus, ogsaa selv fandtes at være Syndere, saa er jo Kristus en Tjener for Synd? Det være langtfra!
परन्तु यीशुना पुण्यप्राप्तये यतमानावप्यावां यदि पापिनौ भवावस्तर्हि किं वक्तव्यं? ख्रीष्टः पापस्य परिचारक इति? तन्न भवतु।
18 naar jeg nemlig igen bygger det op, som jeg nedbrød, da viser jeg mig selv som Overtræder.
मया यद् भग्नं तद् यदि मया पुनर्निर्म्मीयते तर्हि मयैवात्मदोषः प्रकाश्यते।
19 Thi jeg er ved Loven død fra Loven, for at jeg skal leve for Gud.
अहं यद् ईश्वराय जीवामि तदर्थं व्यवस्थया व्यवस्थायै अम्रिये।
20 Med Kristus er jeg korsfæstet, og det er ikke mere mig, der lever, men Kristus lever i mig; men hvad jeg nu lever i Kødet, det lever jeg i Troen paa Guds Søn, som elskede mig og gav sig selv hen for mig.
ख्रीष्टेन सार्द्धं क्रुशे हतोऽस्मि तथापि जीवामि किन्त्वहं जीवामीति नहि ख्रीष्ट एव मदन्त र्जीवति। साम्प्रतं सशरीरेण मया यज्जीवितं धार्य्यते तत् मम दयाकारिणि मदर्थं स्वीयप्राणत्यागिनि चेश्वरपुत्रे विश्वसता मया धार्य्यते।
21 Jeg ophæver ikke Guds Naade; thi er der Retfærdighed ved Loven, da er jo Kristus død forgæves.
अहमीश्वरस्यानुग्रहं नावजानामि यस्माद् व्यवस्थया यदि पुण्यं भवति तर्हि ख्रीष्टो निरर्थकमम्रियत।

< Galaterne 2 >