< 2 Samuel 19 >

1 Joab fik nu Efterretning om, at Kongen græd og sørgede over Absalom,
योआब को इसकी सूचना इस प्रकार दी गई, “अपने राजा रो-रोकर अबशालोम के लिए विलाप कर रहे हैं.”
2 og Sejren blev den Dag til Sorg for alt Folket, fordi det hørte, at Kongen sørgede dybt over sin Søn.
तब उस दिन विजय का हर्ष सारी सेना के लिए विलाप में बदल गया; क्योंकि सेना को यह बताया गया था, “महाराज अपने पुत्र के लिए रो रहे है.” उस दिन की जीत की खुशी गहरी उदासी में बदल गई थी.
3 Og Folket stjal sig den Dag ind i Byen, som man stjæler sig bort af Skam, naar man har taget Flugten i Kampen.
फलस्वरूप, सैनिक नगर में चुपके-चुपके ऐसे प्रवेश कर रहे थे, मानो वे लज्जित होकर युद्ध में शत्रु को पीठ दिखाकर भाग आए हों.
4 Kongen havde tilhyllet sit Ansigt og klagede højt: »Min Søn Absalom, min Søn, Absalom, min Søn!«
राजा अपना मुखमंडल ढांप कर ऊंची आवाज में रो रहे थे, “मेरे पुत्र अबशालोम, मेरे पुत्र, मेरे पुत्र!”
5 Da gik Joab ind til Kongen og sagde: »Du beskæmmer i Dag alle dine Folk, der dog i Dag har reddet dit Liv og dine Sønners og Døtres, Hustruers og Medhustruers Liv,
तब योआब ने उस कमरे में जाकर राजा से कहा, “आज आपने अपने उन सभी अधिकारियों का मुख लज्जा से झुका दिया है, जिन्होंने आपकी और आपके पुत्र-पुत्रियों, पत्नियों और उपपत्नियों के जीवन की रक्षा की है.
6 siden du elsker dem, som hader dig, og hader dem, som elsker dig; thi i Dag viser du, at Øverster og Folk er intet for dig. Ja, nu forstaar jeg, at du vilde have været tilfreds, hvis Absalom i Dag var i Live og alle vi andre døde.
आप उनसे तो प्रेम करते हैं, जिन्हें आपसे प्रेम नहीं, और उनसे घृणा करते हैं, जो आपसे प्रेम करते हैं. आज आपने यह साफ़ कर दिया है कि आपकी दृष्टि में न तो अधिकारियों का कोई महत्व है, न सैनिकों का. आज मुझे यह मालूम हो गया है कि आज यदि अबशालोम जीवित होता और हम सभी मृत, तो आपको अत्यंत हर्ष होता.
7 Staa nu op og gaa ud og tal godt for dine Folk; thi jeg sværger ved HERREN, at hvis du ikke gør det, bliver ikke en eneste Mand hos dig Natten over, og dette vil volde dig større Ulykke end alt, hvad der har ramt dig fra din Ungdom af og til nu!«
अब ऐसा कीजिए: उठिए, बाहर आइए और अपने सैनिकों से सांत्वनापूर्ण शब्दों में बातें कीजिए, नहीं तो जीवित याहवेह की शपथ, यदि आप यह न करेंगे, एक भी सैनिक आज रात आपके साथ देखा न जाएगा. यह आपके लिए ऐसी किसी भी विपदा से कहीं अधिक सोचने लायक होगा, जो आपके बाल्यकाल से आज तक आप पर न आन पड़ी है.”
8 Saa stod Kongen op og satte sig i Porten; og da man fik at vide, at Kongen sad i Porten, kom alt Folket hen og stillede sig foran Kongen. Men efter at Israeliterne var flygtet hver til sit,
तब राजा उठे और नगर द्वार पर जाकर बैठ गए, जब लोगों ने यह सुना, “सुनो, सुनो, राजा द्वार पर बैठे हुए है,” तो लोग राजा के निकट आने लगे. इस्राएली अपने-अपने घर भाग जा चुके थे.
9 begyndte alt Folket i alle Israels Stammer at gaa i Rette med hverandre, idet de sagde: »Kongen frelste os fra vore Fjenders Haand; det var ham, som reddede os af Filisternes Haand; og nu har han maattet rømme Landet for Absalom.
इस्राएल के सारे गोत्रों में इस समय इस विषय पर उग्र विवाद छिड़ा हुआ था, “राजा ही हमें हमारे शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करते आए हैं, वही हमें फिलिस्तीनियों से मुक्त करते आए हैं, अब वह अबशालोम के कारण देश छोड़कर भाग गए हैं.
10 Men Absalom, som vi havde salvet til Konge over os, er faldet i Kampen. Hvorfor tøver I da med at føre Kongen tilbage?«
यहां हमने अबशालोम का राजाभिषेक किया और वह युद्ध में मारा गया. तब अब राजा को वापस लाने के बारे में कुछ क्यों नहीं किया जा रहा?”
11 Men da alle Israeliternes Ord kom Kong David for Øre, sendte han Bud til Præsterne Zadok og Ebjatar og lod sige: »Tal til Judas Ældste og sig: Hvorfor vil I være de sidste til at føre Kongen tilbage til hans Hus?
राजा दावीद ने पुरोहित सादोक और अबीयाथर के लिए यह संदेश भेजा: “आप यहूदिया के पुरनियों से इस विषय में विचार-विमर्श करें: ‘राजा को उसके आवास में लौटा लाने के विषय में आप सबसे पीछे क्यों हैं, जबकि सारे इस्राएल इस विषय में राजा तक अपने विचार भेज चुका है?
12 I er jo mine Brødre, I er mit Kød og Blod. Hvorfor vil I være de sidste til at føre Kongen tilbage?
आप मेरे रिश्तेदार हैं, आप में और मुझे में लहू-मांस का संबंध है. तब आप ही राजा की पुनःस्थापना में पीछे क्यों हैं?’
13 Og til Amasa skal I sige: Er du ikke mit Kød og Blod? Gud ramme mig baade med det ene og det andet, om du ikke for stedse skal være min Hærfører i Joabs Sted!«
अमासा से कहिये, ‘क्या तुम मेरा लहू-मांस नहीं हो? यदि योआब के स्थान पर तुम आज से ही स्थायी रूप से मेरी सेना के सेनापति का पद ग्रहण न करो, तो मैं परमेश्वर के सामने दंड के योग्य रहूंगा.’”
14 Saa vendte alle Judas Mænds Hjerter sig til ham, alle som een, og de sendte Bud til Kongen: »Vend tilbage med alle dine Folk!«
इस बात ने यहूदिया की जनता का हृदय एक सूत्र में बांध दिया; तब उन्होंने राजा के लिए यह संदेश भेजा, “आप और आपके सारे सेवक यहां लौट आएं.”
15 Og da Kongen paa Hjemvejen kom til Jordan, var Judæerne kommet til Gilgal for at gaa Kongen i Møde og føre ham over Jordan.
तब राजा लौटकर यरदन नदी तक पहुंचे. तब यहूदियावासी गिलगाल नामक स्थान पर उनका स्वागत करते हुए प्रतीक्षा कर रहे थे, कि उन्हें यरदन नदी के पार ले आएं.
16 Da skyndte Benjaminiten Simeï, Geras Søn, fra Bahurim sig sammen med Judas Mænd ned for at gaa Kong David i Møde,
बहुरीम नामक स्थान से बिन्यामिन के एक वंशज, गेरा के पुत्र शिमेई यहूदिया के व्यक्तियों को लेकर शीघ्रतापूर्वक राजा दावीद से भेंटकरने आ गए.
17 fulgt af tusind Mænd fra Benjamin. Ogsaa Ziba, som var Tjener i Sauls Hus, var med sine femten Sønner og tyve Trælle ilet til Jordan forud for Kongen,
उनके साथ बिन्यामिन वंश के हज़ार व्यक्ति भी थे. उसी समय शाऊल का गृह प्रबंधक ज़ीबा भी अपने पन्द्रह पुत्रों और बीस सेवकों के साथ, ढलान पर यरदन नदी की ओर दौड़ता हुआ राजा से भेंटकरने आया.
18 og de var sat over Vadestedet for at sætte Kongens Hus over og være ham til Tjeneste. Men da Kongen skulde til at gaa over Floden kastede Simeï, Geras Søn, sig ned for ham
उन्होंने राजा के परिवार को नदी पार करने में सहायता दी, और उनकी सुविधाओं के लिए प्रयास करते रहे. राजा नदी पार करने पर ही थे, कि गेरा का पुत्र शिमेई आकर राजा के चरणों में गिर पड़ा.
19 og sagde: »Min Herre tilregne mig ikke min Brøde og tænke ikke mere paa, hvad din Træl forbrød, den Dag min Herre Kongen drog bort fra Jerusalem; Kongen agte ikke derpaa;
उसने राजा से तेज आवाज में विनती की, “मेरे स्वामी, न तो मुझे दोषी ठहराएं और न ही मेरे उस गलत व्यवहार को याद रखें, जो मैंने मेरे स्वामी महाराज के येरूशलेम से जाने के अवसर में किया था. महाराज इसे अपने हृदय में न रखें.
20 thi din Træl ved, at han har syndet, men se, jeg er i Dag den første af hele Josefs Hus, der er kommet herned for at gaa min Herre Kongen i Møde!«
आपके सेवक को यह पता है, कि मैंने यह पाप किया है. इसलिये यह देखिए, आज मैं ही सारे योसेफ़ वंश में से पहला हूं, जो महाराज, मेरे स्वामी से भेंटकरने आया हूं.”
21 Da tog Abisjaj, Zerujas Søn, Ordet og sagde: »Skal Simeï ikke lide Døden til Straf for, at han forbandede HERRENS Salvede?«
ज़ेरुइयाह के पुत्र अबीशाई ने इसके लिए सुझाव दिया, “क्या सही नहीं कि जो कुछ शिमेई ने किया है, उसके लिए उसे मृत्यु दंड दिया जाए? उसने याहवेह के अभिषिक्त को शाप दिया था.”
22 Men David svarede: »Hvad er der mig og eder imellem, I Zerujasønner, at I vil være mine Modstandere i Dag? Skulde nogen i Israel lide Døden i Dag? Ved jeg da ikke, at jeg nu er Konge over Israel?«
“तुम ज़ेरुइयाह के पुत्रो,” दावीद ने कहा, “क्या लेना देना है मेरा तुम्हारा? क्या कारण है तुम आज मेरे विपरीत ही जा रहे हो? क्या आज वह दिन है, जिसमें इस्राएल के किसी भी व्यक्ति को प्राण-दंड दिया जाना सही होगा? क्या मुझे यह मालूम नहीं कि मैं इस समय इस्राएल का राजा हूं?”
23 Derpaa sagde Kongen til Simeï: »Du skal ikke dø!« Og Kongen tilsvor ham det.
तब शिमेई से उन्मुख हो राजा ने कहा, “तुम्हें मृत्यु दंड नहीं दिया जाएगा.” इसके लिए राजा ने उससे शपथ खाई.
24 Ogsaa Mefibosjet, Sauls Sønnesøn, var draget ned for at gaa Kongen i Møde. Han havde ikke plejet sine Fødder eller sit Skæg eller tvættet sine Klæder, fra den Dag Kongen gik bort, til den Dag han kom uskadt tilbage.
शाऊल का पुत्र मेफ़िबोशेथ भी राजा से भेंटकरने आया. जिस दिन से राजा ने पलायन किया था, उस दिन से राजा के सुरक्षित लौटने तक उसने पैरों का ध्यान न रखा था, न अपनी दाढ़ी का प्रसाधन किया था, और न ही उसने धुले हुए कपड़े पहने थे.
25 Da han nu kom fra Jerusalem for at gaa Kongen i Møde, sagde Kongen til ham: »Hvorfor fulgte du mig ikke, Mefibosjet?«
जब वह राजा से भेंटकरने येरूशलेम में आया, राजा ने उससे कहा, “मेफ़िबोशेथ, पलायन करते समय तुम मेरे साथ क्यों नहीं थे?”
26 Han svarede: »Herre Konge, min Træl bedrog mig; thi din Træl bød ham sadle mit Æsel, for at jeg kunde sidde op og følge Kongen; din Træl er jo lam;
उसने उत्तर में कहा, “महाराज, मेरे स्वामी, मेरे सेवक ने मेरे साथ छल किया. आपके सेवक ने उससे कह रखा था, ‘मैं अपने लिए गधे की काठी कसूंगा कि मैं उस पर चढ़कर राजा के निकट जा सकूं,’ क्योंकि मैं ठहरा अपंग.
27 men i Stedet bagtalte han din Træl hos min Herre Kongen. Dog, min Herre Kongen er jo som en Guds Engel. Gør, hvad du finder for godt!
इसके अलावा उसने महाराज, मेरे स्वामी से आपके सेवक के विरुद्ध झूठा आरोप भी प्रसारित कर दी; मगर महाराज, मेरे स्वामी, आप परमेश्वर के स्वर्गदूत तुल्य हैं; आपको जो कुछ सही लगे, आप वही करें.
28 Thi skønt hele mit Fædrenehus kun havde Døden at vente af min Herre Kongen, gav du din Træl Plads imellem dine Bordfæller; hvad Ret har jeg da endnu til at kræve noget eller anraabe Kongen?«
महाराज मेरे स्वामी के सामने, मेरे पिता का वंश मृतकों के समान छोटा था, फिर भी आपने अपने सेवक को उनमें स्थान दिया, जो आपके साथ भोजन करने के लिए चुने गए थे. महाराज से इससे अधिक अपेक्षा करने का मेरा अधिकार ही नहीं रह जाता.”
29 Da sagde Kongen til ham: »Hvorfor bliver du ved med at tale? Her er mit Ord: Du og Ziba skal dele Jordegodset!«
राजा ने उससे कहा, “अब ज्यादा बोलने से क्या लाभ? मैंने यह निश्चय किया है कि तुम्हारे और ज़ीबा के बीच संपत्ति को बांट दिया जाएगा.”
30 Mefibosjet svarede Kongen: »Han maa gerne faa det hele, nu min Herre Kongen er kommet uskadt hjem!«
मेफ़िबोशेथ ने राजा से कहा, “आप उसे संपूर्ण संपत्ति ही ले लेने दें. मेरे लिए यही काफ़ी है कि महाराज, मेरे स्वामी सुरक्षित लौट आए हैं.”
31 Ogsaa Gileaditen Barzillaj drog ned fra Rogelim og fulgte med Kongen for at ledsage ham til Jordan.
रोगेलिम नामक स्थान से गिलआदवासी बारज़िल्लई भी आए हुए थे. वह राजा के साथ साथ यरदन नदी तक गए थे, कि उन्हें यरदन नदी पार उतार दें.
32 Barzillaj var en Olding paa firsindstyve Aar; det var ham, som havde sørget for Kongens Underhold, medens han var i Mahanajim, thi han var en meget velstaaende Mand.
बारज़िल्लई बहुत वृद्ध व्यक्ति थे, वह अस्सी वर्षीय थे. राजा के माहानाईम पड़ाव के अवसर पर उन्हीं ने राजा की सुरक्षा का प्रबंध किया था, क्योंकि वहां वह अत्यंत प्रतिष्ठित व्यक्ति थे.
33 Kongen sagde nu til Barzillaj: »Følg med mig, jeg vil sørge for, at du i din Alderdom faar dit Underhold hos mig i Jerusalem!«
राजा ने बारज़िल्लई से कहा, “आप मेरे साथ नदी पार कर चलिए. येरूशलेम में आप मेरे साथ रहेंगे, मैं आपको आश्रय दूंगा.”
34 Men Barzillaj svarede Kongen: »Hvor lang Tid har jeg endnu tilbage, at jeg skulde følge med Kongen op til Jerusalem?
मगर बारज़िल्लई ने राजा को उत्तर दिया, “और कितने दिन बाकी हैं मेरे जीवन के, कि मैं महाराज के साथ येरूशलेम चलूं?
35 Jeg er nu firsindstyve Aar gammel; mon jeg kan skelne mellem godt og ondt, eller mon din Træl har nogen Smag for, hvad jeg spiser eller drikker, mon jeg endnu har Øre for Sangeres og Sangerinders Røst? Hvorfor skulde din Træl da i Fremtiden falde min Herre Kongen til Byrde?
इस समय मेरी आयु अस्सी वर्ष की है. क्या मुझमें अब यह बोध रह गया है कि सुखद क्या है, और क्या नहीं? क्या आपके सेवक में अब भोजन और पेय से संबंधित स्वाद बोध शेष रह गया है? अथवा क्या में अब भी स्त्री-पुरुष गायक-वृन्द की प्रस्तुति सुनने में समर्थ रह गया हूं? तब क्या लाभ है कि आपका सेवक महाराज मेरे स्वामी पर अतिरिक्त बोझ बनकर रहे?
36 Kun det lille Stykke Vej til Jordan vilde din Træl ledsage Kongen; hvorfor vil Kongen give mig saa meget til Gengæld?
आपका सेवक महाराज के साथ मात्र यरदन नदी पार ही करेगा, पर क्या आवश्यकता है कि महाराज प्रतिफल में यह पुरस्कार दें.
37 Lad din Træl vende tilbage, at jeg kan dø i min egen By ved mine Forældres Grav! Men her er din Træl Kimham; lad ham følge med min Herre Kongen, og gør med ham, hvad dig tykkes bedst!«
कृपा कर अपने सेवक को लौटने की अनुमति प्रदान करें, कि मेरा देहांत मेरे ही गृहनगर में, मेरी माता-पिता की कब्र के निकट ही हो. हां, यह किमहाम है, मेरा पुत्र, आपका सेवक. उसे ही आज्ञा दें कि वह महाराज मेरे स्वामी के साथ जाए, और आपकी उपयुक्त इच्छा पूर्ण करता रहे.”
38 Da sagde Kongen: »Kimham skal følge med mig, og jeg vil gøre med ham, hvad dig tykkes bedst; alt, hvad du ønsker, vil jeg gøre for dig!«
राजा ने सहमति प्रदान की: “किमहाम मेरे साथ अवश्य जाएगा, और मैं उसके लिए वही करूंगा, जो आपकी अभिलाषा है, साथ ही मैं आपके लिए भी वहीं करूंगा, जो मुझसे आपकी इच्छा है.”
39 Derpaa gik alle Krigerne over Jordan, medens Kongen blev staaende; og Kongen kyssede Barzillaj og velsignede ham, hvorefter Barzillaj vendte tilbage til sit Hjem.
इसके बाद सभी यरदन नदी के पार चले गए, राजा ने भी नदी पार की. तब राजा ने बारज़िल्लई का चुंबन लेते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया. इसके बाद बारज़िल्लई अपने घर लौट गए.
40 Saa drog Kongen over til Gilgal, og Kimham drog med ham. Hele Judas Folk fulgte med Kongen og desuden Halvdelen af Israels Folk.
राजा गिलगाल की ओर बढ़ते गए. किमहाम राजा के साथ था. राजा के साथ यहूदिया की सभी सेना और इस्राएल की आधी सेना थी.
41 Men nu kom alle Israeliterne til Kongen og sagde: »Hvorfor har vore Brødre, Judas Mænd, bortført dig og bragt Kongen og hans Hus over Jordan tillige med alle Davids Mænd?«
तब इस्राएल के सभी व्यक्ति आकर राजा से कहने लगे, “ऐसा क्यों हुआ है कि हमारे भाई-बंधुओं, यहूदियावासियों ने चुपके-चुपके यरदन के उस पार जाकर, राजा और उनके परिवार को और उनके सारे साथियों को यहां ले आए है?”
42 Da svarede alle Judas Mænd Israels Mænd: »Kongen staar jo os nærmest; hvorfor er I vrede over det? Har vi levet af Kongen eller taget noget fra ham?«
यहूदिया के सभी निवासियों ने इस्राएल के निवासियों को उत्तर दिया, “इसलिये, कि राजा हमारे निकट संबंधी हैं. इस पर क्रुद्ध होने का क्या कारण है? क्या हमने अपने भोजन के लिए राजा की धनराशि में से खर्च किया है? अथवा क्या उन्होंने हमें उपहार में कुछ दिया है?”
43 Israels Mænd svarede Judas Mænd: »Vi har ti Gange Part i Kongen, og tilmed har vi Førstefødselsretten fremfor eder; hvorfor har I da tilsidesat os? Og var det ikke os, der først talte om at føre vor Konge tilbage?« Men Judas Mænds Svar var endnu haardere end Israels Mænds.
यह सुन इस्राएलियों ने यहूदियावासियों को उत्तर दिया, “राजा में हमारे दस अंश निहित है. तब दावीद पर हमारा अधिकार तुमसे अधिक होता ही है. तब तुमने हमें तुच्छ क्यों समझा? क्या राजा को दोबारा प्रतिष्ठित करने का प्रस्ताव सबसे पहले हमारी ओर से ही नहीं आया था?” इसमें यहूदियावासियों के वचन इस्राएलियों के उद्गारों से अधिक प्रभावी रहे.

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