< Salme 127 >
1 Dersom Herren ikke bygger Huset, da arbejde de forgæves, som bygge derpaa; dersom Herren ikke bevarer Staden, da vaager Vægteren forgæves.
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. शलोमोन की रचना. यदि गृह-निर्माण याहवेह द्वारा न किया गया हो तो, श्रमिकों का परिश्रम निरर्थक होता है. यदि नगर की सुरक्षा याहवेह न करें, तो रखवाले द्वारा की गई चौकसी व्यर्थ होती है.
2 Det er forgæves, at I staa aarle op, sidde længe, æde Brød med Bekymring; thi sligt giver han sin Ven i Søvne.
तुम्हारा सुबह जाग उठना देर तक जागे रहना, संकटपूर्ण श्रम का भोजन करना व्यर्थ है; क्योंकि याहवेह द्वारा नींद का अनुदान उनके लिए है, जिनसे वह प्रेम करते हैं.
3 Se, Børn ere en Arv fra Herren, Livsens Frugt er en Løn.
संतान याहवेह के दिए हुए निज भाग होते हैं, तथा बालक उनका दिया हुआ उपहार.
4 Som Pile i den vældiges Haand, saa ere Ungdoms Sønner.
युवावस्था में उत्पन्न हुई संतान वैसी ही होती है, जैसे योद्धा के हाथों में बाण.
5 Lyksalig den Mand, som har fyldt sit Kogger med dem; de skulle ikke beskæmmes, naar de tale med Fjender i Porten.
कैसा धन्य होता है वह पुरुष, जिसका तरकश इन बाणों से भरा हुआ है! नगर द्वार पर शत्रुओं का प्रतिकार करते हुए उन्हें लज्जित नहीं होना पड़ेगा.