< Jeremias 11 >

1 Det Ord, som kom til Jeremias fra Herren, saa lydende:
वह संदेश जो याहवेह द्वारा येरेमियाह के लिए प्रगट किया गया:
2 Hører denne Pagts Ord, og taler til Judas Mænd og til Jerusalems Indbyggere!
“इस वाचा के वचन पर ध्यान दो, और फिर जाकर यहूदिया तथा येरूशलेम के निवासियों के समक्ष इसकी बात करो.
3 Og du skal sige til dem: Saa siger Herren, Israels Gud: Forbandet være den Mand, som ikke adlyder denne Pagts Ord,
उनसे कहना, याहवेह इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: ‘श्रापित है वह व्यक्ति जो इस वाचा की विषय-वस्तु की ओर ध्यान नहीं देता;
4 hvilken jeg bød eders Fædre paa den Dag, da jeg udførte dem af Ægyptens Land, fra Jernovnen, sigende: Adlyder min Røst, og gører disse Ting efter alt det, som jeg byder eder, saa skulle I være mit Folk, og jeg vil være eders Gud,
जिसका आदेश मैंने तुम्हारे पूर्वजों को उस समय दिया था, जब मैंने उन्हें मिस्र देश से लौह-भट्टी से यह कहते हुए निराश किया था. मेरे आदेश का पालन करो तथा मेरे आदेशों का आचरण करो, कि तुम मेरी प्रजा हो जाओ तथा मैं तुम्हारा परमेश्वर.
5 paa det jeg kan stadfæste den Ed, som jeg svor eders Fædre, at jeg vilde give dem et Land, som flyder med Mælk og Honning, som det ses paa denne Dag; og jeg svarede og sagde: Amen, Herre!
कि मैं तुम्हारे पूर्वजों को एक देश प्रदान करने की शपथ पूर्ण करूं, जिस देश में दुग्ध एवं मधु धारा-सदृश विपुलता में प्रवाहित होते रहते हैं,’ जैसा कि यह वर्तमान में भी है.” यह सुन मैं कह उठा, “याहवेह, ऐसा ही होने दीजिए.”
6 Og Herren sagde til mig: Udraab alle disse Ord i Judas Stæder og paa Gaderne i Jerusalem, og sig: Hører denne Pagts Ord, og gører derefter!
याहवेह ने मुझे उत्तर दिया, “यहूदिया के नगरों में तथा येरूशलेम की गलियों में इस वचन की वाणी करो: ‘इस वाचा के वचन को सुनो तथा उसका अनुकरण करो.
7 Thi jeg vidnede højt for eders Fædre paa den Dag, jeg førte dem op af Ægyptens Land, indtil denne Dag, tidligt og ideligt, sigende: Adlyder min Røst!
क्योंकि मैंने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर लाते समय उन्हें गंभीर चेतावनी दी थी, आज भी मैं उन्हें आग्रही चेतावनी दे रहा हूं, “मेरे आदेश सुनो.”
8 Men de adløde ikke og bøjede ikke heller deres Øre, men hver vandrede i sit onde Hjertes Stivhed; og over dem lod jeg komme alle denne Pagts Ord, som jeg havde befalet at gøre efter, men som de ikke gjorde.
फिर भी न तो उन्होंने मेरे आदेश का पालन किया और न ही उन पर ध्यान देना उपयुक्त समझा; बल्कि, उनमें से हर एक अपने कुटिल हृदय की हठीली उत्प्रेरणा में मनमानी करता रहा. जब उन्होंने मेरे इन आदेशों का पालन नहीं किया, मैंने वाचा में बताए सारे शाप उन पर अधीन कर दिए.’”
9 Og Herren sagde til mig: Der findes en Sammensværgelse iblandt Judas Mænd og iblandt Jerusalems Indbyggere.
तब याहवेह ने मुझ पर प्रकट किया, “यहूदिया की प्रजा में तथा येरूशलेम वासियों में एक षड़्‍यंत्र का भेद खुला है.
10 De have vendt om til at begaa Misgerninger som deres Forfædre, der vægrede sig ved at adlyde mine Ord, og de have vandret efter andre Guder for at tjene dem; Israels Hus og Judas Hus have brudt min Pagt, som jeg gjorde med deres Fædre.
वे अपने उन्हीं पूर्वजों के अधर्म में लौट चुके हैं, जिन्होंने मेरे आदेशों का पालन करना अस्वीकार कर दिया था और वे परकीय देवताओं की उपासना करने लगे. इस्राएल वंशज तथा यहूदाह गोत्रजों ने मेरी वह वाचा भंग कर दी है, जो मैंने उनके पूर्वजों के साथ स्थापित की थी.
11 Derfor siger Herren saaledes: Jeg lader en Ulykke komme paa dem, fra hvilken de ikke skulle kunne undkomme; og de skulle raabe til mig, og jeg skal ikke bønhøre dem.
इसलिये यह याहवेह की वाणी है: ‘यह देखना कि मैं उन पर ऐसी विपत्ति लाने पर हूं जिससे उनका बच निकलना असंभव होगा, यद्यपि वे मेरी ओर गिड़गिड़ाने लगें.
12 Og Judas Stæder og Indbyggerne i Jerusalem skulle gaa og raabe til de Guder, for hvilke de gjorde Røgelse; men de skulle ikke frelse dem i deres Ulykkes Tid.
जिनकी उपासना में वे धूप जलाया करते हैं, किंतु उनकी विपत्ति के समय वे निश्चयतः उनकी रक्षा न कर सकेंगे.
13 Thi saa mange som dine Stæder ere, saa mange ere dine Guder, Juda! og saa mange Gader, som der er i Jerusalem, saa mange Altre have I opsat til Skændsel, Altre til at gøre Røgelse for Baal.
क्योंकि यहूदिया, तुम्हारे इन देवताओं की संख्या उतनी ही है; जितनी तुम्हारे नगरों की तथा उस घृणित कार्य के लिए उतनी ही वेदियां हैं—वे वेदियां जिन पर तुम बाल के लिए धूप जलाते हो—जितनी येरूशलेम की गलियां.’
14 Og du maa ikke bede for dette Folk og ikke opløfte Skrig eller Bøn for dem; thi jeg vil ikke høre paa den Tid, naar de raabe paa mig over deres Ulykke.
“इसलिये इन लोगों के लिए प्रार्थना मत करो और न उनके लिए मध्यस्थ होकर बिनती करो, क्योंकि जब वे अपने संकट के अवसर पर मेरे पास गिड़गिड़ाने लगे फिर भी मैं उनकी न सुनूंगा.
15 Hvad er der for min elskelige i mit Hus? At de store øve det, som er Skændighed og lade det hellige Kød gaa bort fra dig; thi naar dit Onde kommer, da fryde du dig!
“अब मेरी प्रिया का मेरे परिवार में क्या स्थान रह गया है जब वह अनेक कुकर्म कर चुकी है? क्या तुम्हारे द्वारा अर्पित की गई बलि तुमसे तुम्हारी विपत्ति दूर कर देगी, कि तुम आनंद मना सको?”
16 Herren kaldte dit Navn et grønt Olietræ, smukt ved dejlig Frugt; med stort Bulders Lyd har han antændt en Ild om det, og de have sønderbrudt dets Grene.
याहवेह ने तुम्हें नाम दिया था सुंदर आकार तथा मनोरम फल से युक्त हरा जैतून वृक्ष. किंतु अशांति की उच्च ध्वनि के साथ याहवेह ने इसमें आग लगा दी है, अब इसकी शाखाएं किसी योग्य न रहीं.
17 Og den Herre Zebaoth, som plantede dig, har talt ondt over dig, for Israels Hus's og Judas Hus's Ondskabs Skyld, som de bedreve for at opirre mig, idet de gjorde Røgelse for Baal.
सेनाओं के याहवेह ने, जिन्होंने तुम्हें रोपित किया, इस्राएल वंश तथा यहूदाह के वंश के द्वारा किए गए संकट के कारण तुम पर संकट का उच्चारण किया है. यह उन्होंने बाल को धूप जलाने के द्वारा मेरे कोप को भड़काने के लिए यह किया है.
18 Og Herren lod mig det vide, saa jeg ved det; dengang lod du mig se deres Idrætter.
इसके सिवा याहवेह ने मुझ पर यह प्रकट किया, इसलिये मुझे इसका ज्ञान मिल गया, तब याहवेह आपने मुझ पर उनके कृत्य प्रकाशित किए.
19 Og jeg var som et tamt Lam, der føres hen at slagtes, og jeg vidste ikke, at de havde optænkt Anslag imod mig og sagt: Lader os ødelægge Træet med dets Frugt og udrydde ham af de levendes Land, at hans Navn ikke ydermere ihukommes.
मुझे यह बोध ही न था कि वे मेरे विरुद्ध षड़्‍यंत्र रच रहें हैं; मेरी स्थिति वैसी ही थी जैसी वध के लिए ले जाए जा रहे मेमने की होती है, वे परस्पर परामर्श कर रहे हैं, “चलो, हम इस वृक्ष को इसके फलों सहित नष्ट कर दें; हम इसे जीव-लोक से ही मिटा दें, कि उसके नाम का ही उल्लेख पुनः न हो सके.”
20 Men, Herre Zebaoth, du retfærdige Dommer, som prøver Nyrer og Hjerte! jeg skal se din Hævn paa dem: Thi dig har jeg forelagt min Sag.
सेनाओं के याहवेह, आप वह हैं, जो नीतिपूर्ण निर्णय देते हैं आप जो भावनाओं तथा हृदय को परखते रहते हैं, मुझे उन पर आपके बदले को देखने का सुअवसर प्रदान कीजिए, क्योंकि अपनी समस्या मैंने आप ही को सौंप दी है.
21 Derfor siger Herren saaledes om de Mænd i Anathoth, som søge efter dit Liv og sige: Spaa ikke i Herrens Navn, saa skal du ikke dø ved vor Haand;
इसलिये अनाथोथ के उन व्यक्तियों के संबंध में जो तुम्हारे प्राण लेने को तैयार हैं, जिन्होंने तुम्हें यह धमकी दी है, “याहवेह के नाम में कोई भविष्यवाणी न करना, कि तुम हमारे द्वारा वध किए न जाओ”—
22 ja, derfor siger den Herre Zebaoth saaledes: Se, jeg vil hjemsøge dem; deres unge Karle skulle dø ved Sværdet, deres Sønner og deres Døtre skulle dø ved Hunger;
इसलिये सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: “यह देखना कि मैं उन्हें दंड देने पर हूं! जवान पुरुष तलवार से घात किए जाएंगे, उनकी संतान की मृत्यु लड़ाई में हो जाएगी.
23 og intet skal blive tilovers af dem; thi jeg vil lade Ulykke komme over de Mænd i Anathoth i deres Hjemsøgelses Aar.
उनके कोई भी लोग न रहेंगे, क्योंकि मैं अनाथोथ की प्रजा पर विनाश लेकर आ रहा हूं, यह उनके लिए दंड का वर्ष होगा.”

< Jeremias 11 >