< Náhum 1 >

1 Břímě Ninive: Kniha vidění Nahuma Elkošského.
नीनवेह नगर से संबंधित भविष्यवाणी. एलकोशवासी नहूम के दर्शन की पुस्तक.
2 Hospodin jest Bůh horlivý a mstitel, mstitel jestiť Hospodin, a zůřivý. Hospodin uvodí pomstu na protivníky své, a drží hněv proti nepřátelům svým.
याहवेह जलन रखनेवाले और बदला लेनेवाले परमेश्वर हैं; याहवेह बदला लेनेवाले तथा बहुत क्रोधी हैं. याहवेह अपने शत्रुओं से बदला लेते हैं और अपना कोप अपने शत्रुओं पर प्रगट करते हैं.
3 Hospodin dlouhočekající jest a velikomocný, však nikoli neospravedlňuje vinného. U vichru a bouři jest cesta Hospodinova, a oblak jest prach noh jeho.
याहवेह क्रोध करने में धीमा पर बड़े सामर्थ्यी हैं; याहवेह दुष्टों को दंड देने में पीछे न हटेंगे. उनका मार्ग बवंडर और आंधी में से होकर जाता है, और बादल उनके पैरों की धूल है.
4 Když domlouvá moři, vysušuje je, i všecky řeky vysušuje; chřadne Bázan i Karmel, i květ Libánský chřadne.
वे समुद्र को फटकारते और उसे सूखा देते हैं; वे सब नदियों को सूखा देते हैं. बाशान और कर्मेल कुम्हला जाते और लबानोन के फूल मुरझा जाते हैं.
5 Hory se třesou před ním, a pahrbkové se rozplývají, země pak hoří před tváří jeho, i okršlek zemský a všickni, kteříž přebývají na něm.
उनके सामने पर्वत कांप उठते हैं और पहाड़ियां पिघल जाती हैं. उनकी उपस्थिति में पृथ्वी, सारा संसार और उसमें रहनेवाले कांप उठते हैं.
6 Před rozhněváním jeho kdo ostojí? A kdo se postaví proti prchlivosti hněvu jeho? Prchlivost jeho vylévá se jako oheň, a skály vyvracejí se před ním.
उनके क्रोध का सामना कौन कर सकता है? उनके भयंकर क्रोध को कौन सह सकता है? उनका कोप आग की तरह भड़कता है; उनके सामने चट्टानें चूर-चूर हो जाती हैं.
7 Dobrýť jest Hospodin, silou jest v den ssoužení, a zná ty, kdož v něho doufají.
याहवेह भले हैं, और संकट के समय दृढ़ गढ़ ठहरते हैं. वे उनका ध्यान रखते हैं जो उन पर भरोसा रखते हैं,
8 Protož povodní prudkou konec učiní místu jeho, a nepřátely Boží stihati budou temnosti.
पर वे भयंकर बाढ़ के द्वारा नीनवेह नगर को नष्ट कर देंगे; वे अपने शत्रुओं को अंधकार में खदेड़ देंगे.
9 Co myslíte proti Hospodinu? Onť konec učiní, nezdvihne druhé rány.
याहवेह अपने विरुद्ध किए गए उनके षड़्‍यंत्र का अंत कर देंगे; संकट दूसरी बार नहीं आएगा.
10 Nebo rovně jako trní spleteni jsouce, a jako vínem opojeni, jako strniště suché docela sehlceni budou.
वे कंटीली झाड़ियों में उलझेंगे, दाखमधु पीकर मतवाले होंगे; उनको उपज के सूखी खूंटी के समान जलाकर नष्ट किया जाएगा.
11 Z tebeť vyšel ten, kterýž myslí proti Hospodinu zlé, rádce nešlechetný.
हे नीनवेह, तुमसे ही एक निकला है जो याहवेह के विरुद्ध षड़्‍यंत्र करता है, और दुष्ट योजना बनाता है.
12 Takto dí Hospodin: Byť se byli pokojně měli, byliť by tak v rozšíření zůstali aneb by toliko přemrštěni byli; i bylo by to pominulo, a netrápil bych jich více, tak jako jsem trápil.
याहवेह का यह कहना है: “यद्यपि उनके साथ उनको मदद करनेवाले हैं और वे असंख्य हैं, पर वे नष्ट किए जाएंगे और वे मिट जाएंगे. हे यहूदाह, यद्यपि मैंने तुम्हें पीड़ा पहुंचाई है, पर अब मैं तुम्हें पीड़ा न पहुंचाऊंगा.
13 Nyní pak polámi jho jeho, aby neleželo na tobě, a to, čímž jsi svázán, roztrhám.
अब मैं तुम्हारी गर्दन पर रखे उनके जूए को तोड़ डालूंगा और तुम्हारी बेड़ियों को तोड़ डालूंगा.”
14 Nebo přikázaní vydal proti tobě Hospodin, nebudeť rozsíváno ze jména tvého více; z domu Boha tvého vyhladím rytinu i slitinu, a když zlehčen budeš, způsobímť hrob.
हे नीनवेह, याहवेह ने तुम्हारे बारे में एक आज्ञा दी है: “तुम्हारा वंश चलाने के लिये तुम्हारी कोई संतान न होगी. मैं तुम्हारे देवताओं के मंदिर में रखी तुम्हारी पूजने की वस्तु और मूर्तियों को नष्ट कर डालूंगा. मैं तुम्हारी कब्र खोदूंगा, क्योंकि तुम दुष्ट हो.”
15 Aj hle na horách těchto nohy potěšené věci zvěstujícího, ohlašujícího pokoj. Slaviž, o Judo, slavnosti své, plň sliby své. Neboť nepokusí se více ani mimo tebe choditi nešlechetný, docelať jest vyhlazen.
पर्वतों की ओर दृष्टि करके, उसके पांवों को देखो, जो शुभ संदेश लेकर आता है, जो शांति की घोषणा करता है! हे यहूदाह, अपने त्योहारों को मनाओ, और अपनी मन्‍नत्तों को पूरी करो. क्योंकि दुष्ट लोग अब तुम पर कभी आक्रमण नहीं करेंगे; वे पूरी तरह नाश किए जाएंगे.

< Náhum 1 >