< Jeremiáš 3 >
1 Dí dále: Propustil-li by muž ženu svou, a ona odejduc od něho, vdala by se za jiného muže, zdaliž se navrátí k ní více? Zdaliž by hrozně nebyla poškvrněna země ta? Ale ty, ač jsi smilnila s milovníky mnohými, a však navratiž se ke mně, dí Hospodin.
“यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री से तलाक कर लेता है और वह उसे त्याग कर चली जाती है और वह किसी अन्य पुरुष के साथ रहने लगती है, क्या वह पहला पुरुष फिर भी उसके पास लौटेगा? क्या वह देश पूर्णतः अशुद्ध नहीं हो जाएगा? किंतु तुम वह व्यभिचारी हो जिसके बर्तन अनेक हैं— यह होने पर भी तुम अब मेरे पास लौट आए हो?” यह याहवेह की वाणी है.
2 Pozdvihni očí svých k vysokým místům, a pohleď, kdes necizoložila? Na cestách usazovalas se jim jako Arab na poušti, a poškvrnila jsi země smilstvím svým a nešlechetností svou.
“अपनी दृष्टि वनस्पतिहीन पर्वतों की ओर उठाओ और देखो. कौन सा ऐसा स्थान है जहां तुम्हारे साथ कुकर्म नहीं हुआ है? मरुभूमि में चलवासी के सदृश, तुम मार्ग के किनारे उनकी प्रतीक्षा करती रही. अपनी दुर्वृत्ति से तथा अपने स्वच्छंद कुकर्म के द्वारा तुमने देश को अशुद्ध कर दिया है.
3 A ačkoli zadržáni jsou podzimní dešťové, a deště jarního nebývalo, však čelo ženy nevěstky majíc, nechtělas se styděti.
तब वृष्टि अशुद्ध रखी गई है, वसन्त काल में वृष्टि हुई नहीं. फिर भी तुम्हारा माथा व्यभिचारी सदृश झलकता रहा; तुमने लज्जा को स्थान ही न दिया.
4 Zdali od nynějšího času volati budeš ke mně: Otče můj, ty jsi vůdce mladosti mé?
क्या तुमने अभी-अभी मुझे इस प्रकार संबोधित नहीं किया: ‘मेरे पिता; आप तो बचपन से मेरे साथी रहे हैं,
5 Zdaliž Bůh držeti bude hněv na věčnost? Zdali chovati jej bude na věky? Aj, mluvíš i pášeš zlé věci, jakž jen můžeš.
क्या आप मुझसे सदैव ही नाराज बने रहेंगे? क्या यह आक्रोश चिरस्थायी बना रहेगा?’ स्मरण रहे, यह तुम्हारा वचन है और तुमने कुकर्म भी किए हैं, तुमने जितनी चाही उतनी मनमानी कर ली है.”
6 Tedy řekl mi Hospodin za dnů Joziáše krále: Viděl-lis, co činila zpurná dcera Izraelská? Chodívala na každou horu vysokou, i pod každé dřevo zelené, a tam smilnila.
तत्पश्चात राजा योशियाह के राज्य-काल में, याहवेह ने मुझसे बात की, “देखा तुमने, विश्वासहीन इस्राएल ने क्या किया है? उसने हर एक उच्च पर्वत पर तथा हर एक हरे वृक्ष के नीचे वेश्या-सदृश मेरे साथ विश्वासघात किया है.
7 A ačkoli jsem řekl, když ty všecky věci ona činila: Nechť se navrátí ke mně, však se nenavrátila. Načež hleděla zpronevěřilá sestra její, dcera Judská.
मेरा विचार था यह सब करने के बाद इस्राएली प्रजा मेरे पास लौट आएगी किंतु वह नहीं लौटी, उसकी विश्वासघाती बहन यहूदिया यह सब देख रही थी.
8 Pročež vidělo mi se pro ty všecky příčiny, poněvadž cizoložila zpurná dcera Izraelská, propustiti ji, a dáti jí lístek zapuzení jejího. Však se vždy neulekla zpronevěřilá sestra její, dcera Judská, ale šedši, smilnila také sama.
मैं देख रहा था कि विश्वासहीन इस्राएल के सारे स्वच्छंद कुकर्म के कारण मैंने उसे निराश कर तलाक पत्र भी दे दिया था. फिर भी उसकी विश्वासघाती बहन यहूदिया भयभीत न हुई; बल्कि वह भी व्यभिचारी बन गई.
9 I stalo se, že hanebným smilstvím svým poškvrnila země; nebo cizoložila s kamenem i s dřevem.
इसलिये कि उसकी दृष्टि में यह स्वच्छंद कुकर्म कोई गंभीर विषय न था, उसने सारे देश को अशुद्ध कर दिया और पत्थरों एवं वृक्षों के साथ व्यभिचार किया.
10 A však s tím se vším neobrátila se ke mně zpronevěřilá sestra její, dcera Judská, celým srdcem svým, ale pokrytě, praví Hospodin.
यह सब होने पर भी, यह घोर विश्वासघाती बहन यहूदिया अपने संपूर्ण हृदय से मेरे पास नहीं लौटी, वह मात्र कपट ही करती रही,” यह याहवेह की वाणी है.
11 Protož řekl Hospodin ke mně: Ospravedlnila duši svou zpurná dcera Izraelská, více nežli zpronevěřilá Judská.
याहवेह ने मुझसे कहा, “विश्वासहीन इस्राएल ने स्वयं को विश्वासघाती यहूदिया से अधिक कम दोषी प्रमाणित कर दिया है.
12 Jdi a volej slovy těmito ku půlnoci, a rci: Navrať se, zpurná dcero Izraelská, dí Hospodin, a neoboří se tvář má zůřivá na vás; nebo já dobrotivý jsem, dí Hospodin, aniž držím hněvu na věčnost.
जाओ, उत्तर दिशा की ओर यह संदेश वाणी घोषित करो: “‘विश्वासहीन इस्राएल, लौट आओ,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘मैं तुम पर क्रोधपूर्ण दृष्टि नहीं डालूंगा, क्योंकि मैं कृपालु हूं,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘मैं सर्वदा क्रोधी नहीं रहूंगा.
13 Jen toliko poznej nepravost svou, že jsi od Hospodina Boha svého odstoupila, a sem i tam běhala cestami svými k cizím pod každé dřevo zelené, a hlasu mého neposlouchali jste, dí Hospodin.
तुम मात्र इतना ही करो: अपना अधर्म स्वीकार कर लो— कि तुमने याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति अतिक्रमण का अपराध किया है, तुम हर एक हरे वृक्ष के नीचे अपरिचितों को प्रसन्न करती रही हो, यह भी, कि तुमने मेरे आदेश की अवज्ञा की है,’” यह याहवेह की वाणी है.
14 Navraťte se synové zpurní, dí Hospodin; nebo já jsem manžel váš, a přijmu vás, jednoho z města, a dva z čeledi, abych vás uvedl na Sion.
“विश्वासहीनो, लौट आओ,” यह याहवेह का आदेश है, “क्योंकि तुम्हारे प्रति मैं एक स्वामी हूं. तब मैं तुम्हें, नगर में से एक को तथा परिवार में से दो को ज़ियोन में ले आऊंगा.
15 Kdežto dám vám pastýře podlé srdce svého, kteříž pásti vás budou uměle a rozumně.
तब मैं तुम्हें ऐसे चरवाहे प्रदान करूंगा जो मेरे हृदय के अनुरूप होंगे, जो तुम्हें ज्ञान और समझ से प्रेषित करेंगे.
16 I stane se, když se rozmnožíte a rozplodíte v této zemi za dnů těch, dí Hospodin, že nebudou říkati více: Truhla smlouvy Hospodinovy, aniž jim vstoupí na srdce, aniž zpomenou na ni, ani k ní choditi, aniž bude více u vážnosti.
यह उस समय होगा, जब तुम उस देश में असंख्य और समृद्ध हो जाओगे,” यह याहवेह की वाणी है, “तब वे यह कहना छोड़ देंगे, ‘याहवेह की वाचा का संदूक.’ तब उनके हृदय में न तो इसका विचार आएगा न वे इसका स्मरण करेंगे; यहां तक कि उन्हें इसकी आवश्यकता तक न होगी, वे एक और संदूक का निर्माण भी नहीं करेंगे.
17 V ten čas nazývati budou Jeruzalém stolicí Hospodinovou, a shromáždí se tam všickni národové ke jménu Hospodinovu do Jeruzaléma, a nebudou choditi více podlé zdání srdce svého zlého.
उस समय वे येरूशलेम को याहवेह का सिंहासन नाम देंगे, सभी जनता यहां एकत्र होंगे. वे याहवेह की प्रतिष्ठा के लिए येरूशलेम में एकत्र होंगे तब वे अपने बुरे हृदय की कठोरता के अनुरूप आचरण नहीं करेंगे.
18 V těch dnech přijdou dům Judský s domem Izraelským, a přiberou se spolu z země půlnoční do země, kterouž jsem v dědictví uvedl otcům vašim;
उन दिनों में यहूदाह गोत्रज इस्राएल वंशज के साथ संयुक्त हो जाएगा, वे एक साथ उत्तर के देश से उस देश में आ जाएंगे जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को निज भाग स्वरूप में प्रदान किया है.
19 Ač já pravím: Kterakž bych tě počísti mohl mezi syny, a dáti tobě zemi žádostivou, dědictví slavné zástupů pohanských, leč abys mne vzýval, říkaje: Otče můj, a od následování mne abys se neodvracel?
“तब मैंने कहा, “‘मेरी अभिलाषा रही कि मैं तुम्हें अपनी सन्तति पुत्रों में सम्मिलित करूं और तुम्हें एक सुखद देश प्रदान करूं, राष्ट्रों में सबसे अधिक मनोहर यह निज भाग.’ और मैंने यह भी कहा तुम मुझे ‘मेरे पिता’ कहकर संबोधित करोगे, और मेरा अनुसरण करना न छोड़ोगे.
20 Poněvadž jakož žena zpronevěřuje se manželu svému, tak jste se zpronevěřili mně, dome Izraelský, dí Hospodin.
इस्राएल वंशजों निश्चय तुमने मुझसे वैसे ही विश्वासघात किया है, जैसे स्त्री अपने बर्तन से विश्वासघात कर अलग हो जाती है,” यह याहवेह की वाणी है.
21 Hlas po místech vysokých buď slyšán, pláč pokorné modlitby synů Izraelských. Nebo převrátivše cesty své, zapomněli se na Hospodina Boha svého, řkoucího:
वनस्पतिहीन उच्च पर्वतों पर एक स्वर सुनाई दे रहा है, इस्राएल वंशजों का विलाप एवं उनके गिड़गिड़ाने का, वे अपने विश्वासमत से दूर हो चुके हैं और उन्होंने याहवेह अपने परमेश्वर को भूलना पसंद किया है.
22 Navraťte se, synové zpurní, a uzdravím odvrácení vaše. Rcete: Aj, my jdeme k tobě, nebo ty, Hospodine, jsi Bůh náš.
“विश्वासविहीन वंशजों, लौट आओ; तुम्हारी विश्वासहीनता का उपचार मैं करूंगा.” “देखिए, हम आपके निकट आ रहे हैं, क्योंकि आप याहवेह हमारे परमेश्वर हैं.
23 Právě marné jest v pahrbcích a v množství hor doufání; zajisté v Hospodinu Bohu našem jest spasení Izraelovo.
यह सुनिश्चित है कि पहाड़ियों पर छल है और पर्वतों पर उपद्रव है; निःसंदेह याहवेह हमारे परमेश्वर में ही इस्राएल की सुरक्षा है.
24 Nebo ohavnost ta zžírala práci otců našich od dětinství našeho, bravy jejich i skoty jejich, syny jejich i dcery jejich.
हमारे बचपन से इस लज्जास्पद आचरण ने हमारे पूर्वजों के उपक्रम को— उनके पशुओं को तथा उनकी संतान को निगल कर रखा है.
25 Ležíme v hanbě své, a přikrývá nás pohanění naše, že jsme proti Hospodinu Bohu svému hřešili, my i otcové naši, od dětinství svého až do dne tohoto, a neposlouchali jsme hlasu Hospodina Boha svého.
उपयुक्त होगा कि हमारी लज्जा में समावेश हो जाएं, कि हमारी लज्जा हमें ढांप ले. क्योंकि हमने अपने बाल्यकाल से आज तक याहवेह हमारे परमेश्वर के विरुद्ध पाप ही किया है; हमने याहवेह, हमारे परमेश्वर की अवज्ञा की है.”