< Ámos 9 >

1 Viděl jsem Pána, an se postavil na oltáři a řekl: Udeř v makovici, až se zatřesou ty veřeje, a rozetni je všecky od vrchu jejich, ostatek pak mečem zmorduji. Neutečeť žádný z nich, aniž kdo z nich bude, ješto by toho znikl.
मैंने प्रभु को वेदी के निकट खड़े देखा, और उन्होंने कहा: “मीनारों के सिराओं को ऐसे मारो कि नीवें तक हिल जाएं. उन्हें सब लोगों के सिरों पर गिराओ; जो बच जाएंगे, उनको मैं तलवार से मार डालूंगा. एक भी भाग नहीं सकेगा, एक भी बच न सकेगा.
2 Byť se pak do země zakopali, i odtud by je ruka má vzala; pakli by vstoupili do nebe, i odtud bych je strhl. (Sheol h7585)
चाहे वे खोदकर अधोलोक तक पहुंच जाएं, मेरा हाथ उन्हें वहां से भी खींच लाएगा. चाहे वे आकाश के ऊपर भी चढ़ जाएं, मैं उन्हें वहां से भी नीचे ले आऊंगा. (Sheol h7585)
3 A jestliže by se schovali na vrchu Karmele, vyhledám a vezmu je odtud; pakli by se skryli před očima mýma na dně moře, přikáži hadu, aby je i odtud vyhryzl.
चाहे वे कर्मेल पर्वत के शिखर पर जा छिपें, मैं उन्हें वहां भी ढूंढ़कर पकड़ लूंगा. चाहे वे मेरी दृष्टि से समुद्र के तल में छिप जाएं, वहां मैं सर्प को उन्हें डसने की आज्ञा दूंगा.
4 Pakliť by šli v zajetí před nepřátely svými, i tam přikáži meči, aby je zmordoval; obrátím zajisté oko své proti nim k zlému, a ne k dobrému.
चाहे उनके शत्रु उन्हें बंधुआई में ले जाएं, वहां मैं आज्ञा देकर उन्हें तलवार से मरवा डालूंगा. “मैं उनकी भलाई के लिये नहीं पर उनकी हानि के लिये उन पर नजर रखूंगा.”
5 Nebo Panovník Hospodin zástupů když se jen dotkne země, rozplývá se, a kvílí všickni přebývající na ní, a vystupuje všecka jako potok, a zatopena bývá jako potokem Egyptským,
प्रभु, सर्वशक्तिमान याहवेह, वे पृथ्वी को छूते हैं और वह पिघल जाती है, और उसमें रहनेवाले सब विलाप करते हैं; पूरी भूमि नील नदी के समान ऊपर उठती है, और फिर मिस्र देश की नदी के समान नीचे बैठ जाती है;
6 Kterýž vzdělal na nebesích paláce své, a zástup svůj na zemi sšikoval, kterýž může zavolati vody mořské, a vyliti ji na svrchek země, jehož jméno jest Hospodin.
वे आकाश में अपना ऊंचा महल बनाते हैं और उसकी नींव पृथ्वी पर रखते हैं; वे समुद्र के पानी को बुलाते हैं और भूमि पर वर्षा करते हैं— याहवेह है उनका नाम.
7 Zdaliž nejste podobni synům Mouřenínů přede mnou, ó synové Izraelovi? dí Hospodin. Zdaliž jsem Izraele nevyvedl z země Egyptské, tak jako Filistinské z Kaftor, a Syrské z Kir?
“क्या तुम इस्राएली मेरे लिये कूश वासियों के समान नहीं हो?” याहवेह की यह घोषणा है. “क्या मैं इस्राएलियों को मिस्र देश से, फिलिस्तीनियों को काफ़तोर देश से और सीरियावासियों को कीर देश से बाहर निकालकर नहीं लाया?
8 Aj, oči Panovníka Hospodina proti království tomuto hřešícímu, abych je vyhladil se svrchku země, a však nevyhladím docela domu Jákobova, dí Hospodin.
“निश्चित रूप से परम प्रभु की आंखें पापमय राज्य पर लगी हुई हैं. मैं धरती पर से इसे नाश कर दूंगा. तौभी, मैं याकोब के वंश को पूरी तरह नाश नहीं करूंगा,” याहवेह की यह घोषणा है.
9 Nebo aj, já přikázal jsem, a budu zmítati domem Izraelským mezi všemi národy, tak jako zmítáno bývá na říčici, tak že ani kameníčko nepropadne na zem.
“क्योंकि मैं आज्ञा दूंगा, और मैं इस्राएल के लोगों को सब जनताओं के बीच ऐसे हिलाऊंगा, जैसे किसी चलनी में अनाज को हिलाया जाता है, और भूमि पर एक भी कंकड़ नहीं गिरता.
10 Mečem zbiti budou všickni hříšníci z lidu mého, kteříž říkají: Nepřiblížíť se, aniž potká nás to zlé.
मेरे लोगों के बीच में जो पापी हैं, वे सब जो यह कहते हैं, ‘न तो विपत्ति हमारे ऊपर आएगी और न ही विपत्ति से हमारा सामना होगा,’ वे सबके सब तलवार से मारे जाएंगे.
11 V ten den zdvihnu stánek Davidův, kterýž klesá, a zahradím mezery jeho, a zbořeniny jeho opravím, a vzdělám jej jako za dnů starodávních,
“उस समय “मैं दावीद के गिरे हुए आश्रय का पुनर्निमाण करूंगा, मैं इसके टूटे दीवारों को ठीक करूंगा, इसके खंडहरों को ठीक करूंगा, और इसको पहले जैसा फिर से बना दूंगा,
12 Aby dědili s ostatky Idumejských a se všechněmi národy, nad kterýmiž jest vzýváno jméno mé, dí Hospodin, kterýž to učiní.
ताकि वे एदोम के बचे लोगों को और उन सब जाति के लोगों को अपने अधीन कर लें, जो मेरा नाम लेते हैं,” यह उन्हीं याहवेह की घोषणा है, जो यह सब करने पर हैं.
13 Aj, dnové jdou, dí Hospodin, že postihati bude oráč žence, a ten, kdož tlačí hrozny, rozsevače, hory pak dštíti budou mstem, a všickni pahrbkové oplývati.
यह याहवेह का कहना है, “ऐसे दिन आ रहे हैं, “जब हल चलानेवाला फसल काटनेवाले से, और अंगूर को रौंदनेवाला पौधा रोपनेवाले से आगे निकल जाएगा. नये अंगूर का मधु पर्वतों से टपकने लगेगा और यह सब पहाड़ियों से बह जाएगा,
14 Přivedu také zase zajatý lid svůj Izraelský, a vystavějí města zpuštěná, aby v nich bydlili; a budou štěpovati vinice, a píti víno jejich, nadělají i zahrad, a jísti budou ovoce jejich.
और मैं अपने इस्राएली लोगों को बंधुआई से वापस ले आऊंगा. “वे नष्ट हुए नगरों का पुनर्निर्माण करेंगे और उनमें रहने लगेंगे. वे अंगूर की बारियां लगाएंगे और उनकी शराब पिएंगे; वे बगीचा लगाएंगे और उनके फलों को खाएंगे.
15 A tak je štípím v zemi jejich, že nebudou vykořeněni více z země své, kterouž jsem dal jim, praví Hospodin Bůh tvůj.
मैं इस्राएल को उनके अपने देश में स्थापित करूंगा, और वे उस देश से फिर कभी निकाले नहीं जाएंगे जिसे मैंने उन्हें दिया है,” यह याहवेह तुम्हारे परमेश्वर का कहना है.

< Ámos 9 >