< 詩篇 130 >
ऐ ख़ुदावन्द! मैंने गहराओ में से तेरे सामने फ़रियाद की है!
2 主啊,求你聽我的聲音! 願你側耳聽我懇求的聲音!
ऐ ख़ुदावन्द! मेरी आवाज़ सुन ले! मेरी इल्तिजा की आवाज़ पर, तेरे कान लगे रहें।
ऐ ख़ुदावन्द! अगर तू बदकारी को हिसाब में लाए, तो ऐ ख़ुदावन्द कौन क़ाईम रह सकेगा?
लेकिन मग़फ़िरत तेरे हाथ में है, ताकि लोग तुझ से डरें।
मैं ख़ुदावन्द का इन्तिज़ार करता हूँ। मेरी जान मुन्तज़िर है, और मुझे उसके कलाम पर भरोसा है।
6 我的心等候主, 勝於守夜的,等候天亮, 勝於守夜的,等候天亮。
सुबह का इन्तिज़ार करने वालों से ज़्यादा, हाँ, सुबह का इन्तिज़ार करने वालों से कहीं ज़्यादा, मेरी जान ख़ुदावन्द की मुन्तज़िर है।
7 以色列啊,你當仰望耶和華! 因他有慈愛,有豐盛的救恩。
ऐ इस्राईल! ख़ुदावन्द पर भरोसा कर; क्यूँकि ख़ुदावन्द के हाथ में शफ़क़त है, उसी के हाथ में फ़िदिए की कसरत है।
और वही इस्राईल का फ़िदिया देकर, उसको सारी बदकारी से छुड़ाएगा।