< 約伯記 4 >
तब तेमानी इलिफ़ज़ कहने लगा,
2 人若想與你說話,你就厭煩嗎? 但誰能忍住不說呢?
अगर कोई तुझ से बात चीत करने की कोशिश करे तो क्या तू अफ़सोस करेगा?, लेकिन बोले बगै़र कौन रह सकता है?
देख, तू ने बहुतों को सिखाया, और कमज़ोर हाथों को मज़बूत किया।
4 你的言語曾扶助那將要跌倒的人; 你又使軟弱的膝穩固。
तेरी बातों ने गिरते हुए को संभाला, और तू ने लड़खड़ाते घुटनों को मज़बूत किया।
5 但現在禍患臨到你,你就昏迷, 挨近你,你便驚惶。
लेकिन अब तो तुझी पर आ पड़ी और तू कमज़ोर हुआ जाता है। उसने तुझे छुआ और तू घबरा उठा।
6 你的倚靠不是在你敬畏上帝嗎? 你的盼望不是在你行事純正嗎?
क्या तेरे ख़ुदा का डर ही तेरा भरोसा नहीं? क्या तेरी राहों की रास्ती तेरी उम्मीद नहीं?
7 請你追想:無辜的人有誰滅亡? 正直的人在何處剪除?
क्या तुझे याद है कि कभी कोई मा'सूम भी हलाक हुआ है? या कहीं रास्तबाज़ भी काट डाले गए?
मेरे देखने में तो जो गुनाह को जोतते और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं।
9 上帝一出氣,他們就滅亡; 上帝一發怒,他們就消沒。
वह ख़ुदा के दम से हलाक होते, और उसके ग़ुस्से के झोंके से भस्म होते हैं।
10 獅子的吼叫和猛獅的聲音盡都止息; 少壯獅子的牙齒也都敲掉。
बबर की ग़रज़ और खू़ँख़्वार बबर की दहाड़, और बबर के बच्चों के दाँत, यह सब तोड़े जाते हैं।
शिकार न पाने से बूढ़ा बबर हलाक होता, और शेरनी के बच्चे तितर — बितर हो जाते हैं।
12 我暗暗地得了默示; 我耳朵也聽其細微的聲音。
एक बात चुपके से मेरे पास पहुँचाई गई, उसकी भनक मेरे कान में पड़ी।
रात के ख़्वाबों के ख़्यालों के बीच, जब लोगों को गहरी नींद आती है।
मुझे ख़ौफ़ और कपकपी ने ऐसा पकड़ा, कि मेरी सब हड्डियों को हिला डाला।
तब एक रूह मेरे सामने से गुज़री, और मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
16 那靈停住, 我卻不能辨其形狀; 有影像在我眼前。 我在靜默中聽見有聲音說:
वह चुपचाप खड़ी हो गई लेकिन मैं उसकी शक्ल पहचान न सका; एक सूरत मेरी आँखों के सामने थी और सन्नाटा था। फिर मैंने एक आवाज़ सुनी:
17 必死的人豈能比上帝公義嗎? 人豈能比造他的主潔淨嗎?
कि क्या फ़ानी इंसान ख़ुदा से ज़्यादा होगा? क्या आदमी अपने ख़ालिक़ से ज़्यादा पाक ठहरेगा?
देख, उसे अपने ख़ादिमों का 'ऐतबार नहीं, और वह अपने फ़रिश्तों पर हिमाक़त को 'आइद करता है।
19 何況那住在土房、根基在塵土裏、 被蠹蟲所毀壞的人呢?
फिर भला उनकी क्या हक़ीक़त है, जो मिट्टी के मकानों में रहते हैं। जिनकी बुन्नियाद ख़ाक में है, और जो पतंगे से भी जल्दी पिस जाते हैं।
वह सुबह से शाम तक हलाक होते हैं, वह हमेशा के लिए फ़ना हो जाते हैं, और कोई उनका ख़याल भी नहीं करता।
21 他帳棚的繩索豈不從中抽出來呢? 他死,且是無智慧而死。
क्या उनके ख़ेमे की डोरी उनके अन्दर ही अन्दर तोड़ी नहीं जाती? वह मरते हैं और यह भी बगै़र दानाई के।