< 诗篇 54 >
1 西弗人来对扫罗说:“大卫岂不是在我们那里藏身吗?”那时,大卫作这训诲诗,交与伶长。用丝弦的乐器。 神啊,求你以你的名救我, 凭你的大能为我伸冤。
ऐ ख़ुदा! अपने नाम के वसीले से मुझे बचा, और अपनी कु़दरत से मेरा इन्साफ़ कर।
ऐ ख़ुदा मेरी दुआ सुन ले; मेरे मुँह की बातों पर कान लगा।
3 因为,外人起来攻击我, 强暴人寻索我的命; 他们眼中没有 神。 (细拉)
क्यूँकि बेगाने मेरे ख़िलाफ़ उठे हैं, और टेढ़े लोग मेरी जान के तलबगार हुए हैं; उन्होंने ख़ुदा को अपने सामने नहीं रख्खा।
देखो, ख़ुदा मेरा मददगार है! ख़ुदावन्द मेरी जान को संभालने वालों में है।
5 他要报应我仇敌所行的恶; 求你凭你的诚实灭绝他们。
वह बुराई को मेरे दुश्मनों ही पर लौटा देगा; तू अपनी सच्चाई की रूह से उनको फ़ना कर!
6 我要把甘心祭献给你。 耶和华啊,我要称赞你的名;这名本为美好。
मैं तेरे सामने रज़ा की कु़र्बानी चढ़ाऊँगा; ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे नाम की शुक्रगु़ज़ारी करूँगा क्यूँकि वह खू़ब है।
7 他从一切的急难中把我救出来; 我的眼睛也看见了我仇敌遭报。
क्यूँकि उसने मुझे सब मुसीबतों से छुड़ाया है, और मेरी आँख ने मेरे दुश्मनों को देख लिया है।