< 箴言 4 >
ऐ मेरे बेटो, बाप की तरबियत पर कान लगाओ, और समझ हासिल करने के लिए तवज्जुह करो।
क्यूँकि मैं तुम को अच्छी तल्क़ीन करता तुम मेरी ता'लीम को न छोड़ना।
3 我在父亲面前为孝子, 在母亲眼中为独一的娇儿。
क्यूँकि मैं भी अपने बाप का बेटा था, और अपनी माँ की निगाह में नाज़ुक और अकेला लाडला।
4 父亲教训我说:你心要存记我的言语, 遵守我的命令,便得存活。
बाप ने मुझे सिखाया और मुझ से कहा, “मेरी बातें तेरे दिल में रहें, मेरे फ़रमान बजा ला और ज़िन्दा रह।
5 要得智慧,要得聪明,不可忘记, 也不可偏离我口中的言语。
हिकमत हासिल कर, समझ हासिल कर, भूलना मत और मेरे मुँह की बातों से नाफ़रमान न होना।
6 不可离弃智慧,智慧就护卫你; 要爱她,她就保守你。
हिकमत को न छोड़ना, वह तेरी हिफ़ाज़त करेगी; उससे मुहब्बत रखना, वह तेरी निगहबान होगी।
7 智慧为首; 所以,要得智慧。 在你一切所得之内必得聪明 。
हिकमत अफ़ज़ल असल है, फिर हिकमत हासिल कर; बल्किअपने तमाम हासिलात से समझ हासिल कर;
8 高举智慧,她就使你高升; 怀抱智慧,她就使你尊荣。
उसकी ता'ज़ीम कर, वह तुझे सरफ़राज़ करेगी; जब तू उसे गले लगाएगा, वह तुझे 'इज़्ज़त बख़्शेगी।
वह तेरे सिर पर ज़ीनत का सेहरा बाँधेगी; और तुझ को ख़ूबसूरती का ताज 'अता करेगी।”
ऐ मेरे बेटे, सुन और मेरी बातों को कु़बूल कर, और तेरी ज़िन्दगी के दिन बहुत से होंगे।
मैंने तुझे हिकमत की राह बताई है; और राह — ए — रास्त पर तेरी राहनुमाई की है।
12 你行走,脚步必不致狭窄; 你奔跑,也不致跌倒。
जब तू चलेगा तेरे क़दम कोताह न होंगे; और अगर तू दौड़े तो ठोकर न खाएगा।
13 要持定训诲,不可放松; 必当谨守,因为它是你的生命。
तरबियत को मज़बूती से पकड़े रह, उसे जाने न दे; उसकी हिफ़ाज़त कर क्यूँकि वह तेरी ज़िन्दगी है।
शरीरों के रास्ते में न जाना, और बुरे आदमियों की राह में न चलना।
उससे बचना, उसके पास से न गुज़रना, उससे मुड़कर आगे बढ़ जाना;
16 这等人若不行恶,不得睡觉; 不使人跌倒,睡卧不安;
क्यूँकि वह जब तक बुराई न कर लें सोते नहीं; और जब तक किसी को गिरा न दें उनकी नींद जाती रहती है।
क्यूँकि वह शरारत की रोटी खाते, और जु़ल्म की मय पीते हैं।
18 但义人的路好像黎明的光, 越照越明,直到日午。
लेकिन सादिक़ों की राह सुबह की रोशनी की तरह है, जिसकी रोशनी दो पहर तक बढ़ती ही जाती है।
शरीरों की राह तारीकी की तरह है; वह नहीं जानते कि किन चीज़ों से उनको ठोकर लगती है।
ऐ मेरे बेटे, मेरी बातों पर तवज्जुह कर, मेरे कलाम पर कान लगा।
उसको अपनी आँख से ओझल न होने दे, उसको अपने दिल में रख।
22 因为得着它的,就得了生命, 又得了医全体的良药。
क्यूँकि जो इसको पा लेते हैं, यह उनकी ज़िन्दगी, और उनके सारे जिस्म की सिहत है।
23 你要保守你心,胜过保守一切, 因为一生的果效是由心发出。
अपने दिल की खू़ब हिफ़ाज़त कर; क्यूँकि ज़िन्दगी का सर चश्मा वही हैं।
कजगो मुँह तुझ से अलग रहे, दरोग़गो लब तुझ से दूर हों।
तेरी आँखें सामने ही नज़र करें, और तेरी पलके सीधी रहें।
अपने पाँव के रास्ते को हमवार बना, और तेरी सब राहें क़ाईम रहें।
न दहने मुड़ न बाएँ; और पाँव को बदी से हटा ले।