< 使徒行传 28 >
१जब हम बच निकले, तो पता चला कि यह टापू माल्टा कहलाता है।
2 土人看待我们,有非常的情分;因为当时下雨,天气又冷,就生火接待我们众人。
२और वहाँ के निवासियों ने हम पर अनोखी कृपा की; क्योंकि मेंह के कारण जो बरस रहा था और जाड़े के कारण, उन्होंने आग सुलगाकर हम सब को ठहराया।
3 那时,保罗拾起一捆柴,放在火上,有一条毒蛇,因为热了出来,咬住他的手。
३जब पौलुस ने लकड़ियों का गट्ठा बटोरकर आग पर रखा, तो एक साँप आँच पाकर निकला और उसके हाथ से लिपट गया।
4 土人看见那毒蛇悬在他手上,就彼此说:“这人必是个凶手,虽然从海里救上来,天理还不容他活着。”
४जब उन निवासियों ने साँप को उसके हाथ में लटके हुए देखा, तो आपस में कहा, “सचमुच यह मनुष्य हत्यारा है, कि यद्यपि समुद्र से बच गया, तो भी न्याय ने जीवित रहने न दिया।”
५तब उसने साँप को आग में झटक दिया, और उसे कुछ हानि न पहुँची।
6 土人想他必要肿起来,或是忽然仆倒死了;看了多时,见他无害,就转念,说:“他是个神。”
६परन्तु वे प्रतीक्षा कर रहे थे कि वह सूज जाएगा, या एकाएक गिरकर मर जाएगा, परन्तु जब वे बहुत देर तक देखते रहे और देखा कि उसका कुछ भी नहीं बिगड़ा, तो और ही विचार कर कहा, “यह तो कोई देवता है।”
7 离那地方不远,有田产是岛长部百流的;他接纳我们,尽情款待三日。
७उस जगह के आस-पास पुबलियुस नामक उस टापू के प्रधान की भूमि थी: उसने हमें अपने घर ले जाकर तीन दिन मित्रभाव से पहुनाई की।
8 当时,部百流的父亲患热病和痢疾躺着。保罗进去,为他祷告,按手在他身上,治好了他。
८पुबलियुस के पिता तेज बुखार और पेचिश से रोगी पड़ा था। अतः पौलुस ने उसके पास घर में जाकर प्रार्थना की, और उस पर हाथ रखकर उसे चंगा किया।
९जब ऐसा हुआ, तो उस टापू के बाकी बीमार आए, और चंगे किए गए।
10 他们又多方地尊敬我们;到了开船的时候,也把我们所需用的送到船上。
१०उन्होंने हमारा बहुत आदर किया, और जब हम चलने लगे, तो जो कुछ हमारे लिये आवश्यक था, जहाज पर रख दिया।
11 过了三个月,我们上了亚历山大的船往前行;这船以“宙斯双子”为记,是在那海岛过了冬的。
११तीन महीने के बाद हम सिकन्दरिया के एक जहाज पर चल निकले, जो उस टापू में जाड़े काट रहा था, और जिसका चिन्ह दियुसकूरी था।
१२सुरकूसा में लंगर डाल करके हम तीन दिन टिके रहे।
13 又从那里绕行,来到利基翁。过了一天,起了南风,第二天就来到部丢利。
१३वहाँ से हम घूमकर रेगियुम में आए; और एक दिन के बाद दक्षिणी हवा चली, तब दूसरे दिन पुतियुली में आए।
14 在那里遇见弟兄们,请我们与他们同住了七天。这样,我们来到罗马。
१४वहाँ हमको कुछ भाई मिले, और उनके कहने से हम उनके यहाँ सात दिन तक रहे; और इस रीति से हम रोम को चले।
15 那里的弟兄们一听见我们的信息就出来,到亚比乌市和三馆地方迎接我们。保罗见了他们,就感谢 神,放心壮胆。
१५वहाँ से वे भाई हमारा समाचार सुनकर अप्पियुस के चौक और तीन-सराय तक हमारी भेंट करने को निकल आए, जिन्हें देखकर पौलुस ने परमेश्वर का धन्यवाद किया, और ढाढ़स बाँधा।
16 进了罗马城,保罗蒙准和一个看守他的兵另住在一处。
१६जब हम रोम में पहुँचे, तो पौलुस को एक सिपाही के साथ जो उसकी रखवाली करता था, अकेले रहने की आज्ञा हुई।
17 过了三天,保罗请犹太人的首领来。他们来了,就对他们说:“弟兄们,我虽没有做什么事干犯本国的百姓和我们祖宗的规条,却被锁绑,从耶路撒冷解在罗马人的手里。
१७तीन दिन के बाद उसने यहूदियों के प्रमुख लोगों को बुलाया, और जब वे इकट्ठे हुए तो उनसे कहा, “हे भाइयों, मैंने अपने लोगों के या पूर्वजों की प्रथाओं के विरोध में कुछ भी नहीं किया, फिर भी बन्दी बनाकर यरूशलेम से रोमियों के हाथ सौंपा गया।
18 他们审问了我,就愿意释放我;因为在我身上,并没有该死的罪。
१८उन्होंने मुझे जाँचकर छोड़ देना चाहा, क्योंकि मुझ में मृत्यु के योग्य कोई दोष न था।
19 无奈犹太人不服,我不得已,只好上告于凯撒,并非有什么事要控告我本国的百姓。
१९परन्तु जब यहूदी इसके विरोध में बोलने लगे, तो मुझे कैसर की दुहाई देनी पड़ी; यह नहीं कि मुझे अपने लोगों पर कोई दोष लगाना था।
20 因此,我请你们来见面说话,我原为以色列人所指望的,被这链子捆锁。”
२०इसलिए मैंने तुम को बुलाया है, कि तुम से मिलूँ और बातचीत करूँ; क्योंकि इस्राएल की आशा के लिये मैं इस जंजीर से जकड़ा हुआ हूँ।”
21 他们说:“我们并没有接着从犹太来论你的信,也没有弟兄到这里来报给我们说你有什么不好处。
२१उन्होंने उससे कहा, “न हमने तेरे विषय में यहूदियों से चिट्ठियाँ पाईं, और न भाइयों में से किसी ने आकर तेरे विषय में कुछ बताया, और न बुरा कहा।
22 但我们愿意听你的意见如何;因为这教门,我们晓得是到处被毁谤的。”
२२परन्तु तेरा विचार क्या है? वही हम तुझ से सुनना चाहते हैं, क्योंकि हम जानते हैं, कि हर जगह इस मत के विरोध में लोग बातें करते हैं।”
23 他们和保罗约定了日子,就有许多人到他的寓处来。保罗从早到晚,对他们讲论这事,证明 神国的道,引摩西的律法和先知的书,以耶稣的事劝勉他们。
२३तब उन्होंने उसके लिये एक दिन ठहराया, और बहुत से लोग उसके यहाँ इकट्ठे हुए, और वह परमेश्वर के राज्य की गवाही देता हुआ, और मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों से यीशु के विषय में समझा-समझाकर भोर से साँझ तक वर्णन करता रहा।
२४तब कुछ ने उन बातों को मान लिया, और कुछ ने विश्वास न किया।
25 他们彼此不合,就散了;未散以先,保罗说了一句话,说:“圣灵借先知以赛亚向你们祖宗所说的话是不错的。
२५जब वे आपस में एकमत न हुए, तो पौलुस के इस एक बात के कहने पर चले गए, “पवित्र आत्मा ने यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा तुम्हारे पूर्वजों से ठीक ही कहा,
26 他说: 你去告诉这百姓说: 你们听是要听见,却不明白; 看是要看见,却不晓得;
२६‘जाकर इन लोगों से कह, कि सुनते तो रहोगे, परन्तु न समझोगे, और देखते तो रहोगे, परन्तु न बूझोगे;
27 因为这百姓油蒙了心, 耳朵发沉, 眼睛闭着; 恐怕眼睛看见, 耳朵听见, 心里明白,回转过来, 我就医治他们。
२७क्योंकि इन लोगों का मन मोटा, और उनके कान भारी हो गए हैं, और उन्होंने अपनी आँखें बन्द की हैं, ऐसा न हो कि वे कभी आँखों से देखें, और कानों से सुनें, और मन से समझें और फिरें, और मैं उन्हें चंगा करूँ।’
28 所以你们当知道, 神这救恩,如今传给外邦人,他们也必听受。”
२८“अतः तुम जानो, कि परमेश्वर के इस उद्धार की कथा अन्यजातियों के पास भेजी गई है, और वे सुनेंगे।”
२९जब उसने यह कहा तो यहूदी आपस में बहुत विवाद करने लगे और वहाँ से चले गए।
30 保罗在自己所租的房子里住了足足两年。凡来见他的人,他全都接待,
३०और पौलुस पूरे दो वर्ष अपने किराये के घर में रहा,
31 放胆传讲 神国的道,将主耶稣基督的事教导人,并没有人禁止。
३१और जो उसके पास आते थे, उन सबसे मिलता रहा और बिना रोक-टोक बहुत निडर होकर परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता और प्रभु यीशु मसीह की बातें सिखाता रहा।