< 詩篇 28 >

1 上主,我在向你呼號;我的磐石,不要置若罔聞;你若對我沉默不語,我便無異向陰府裏沉淪。
ऐ ख़ुदावन्द, मैं तुझ ही को पुकारूँगा; ऐ मेरी चट्टान, तू मेरी तरफ़ से कान बन्द न कर; ऐसा न हो कि अगर तू मेरी तरफ़ से खामोश रहे तो मैं उनकी तरह बन जाऊँ, जो पाताल में जाते हैं।
2 當我朝著你的聖所向你呼號,高舉我手時,請俯聽我的哀禱!
जब मैं तुझ से फ़रियाद करूँ, और अपने हाथ तेरी मुक़द्दस हैकल की तरफ़ उठाऊँ, तो मेरी मिन्नत की आवाज़ को सुन ले।
3 求你不要把我同敗類一起剿絕,不要把我同作惡的人一同消滅:他們與人談平安,但心中卻十分陰險。
मुझे उन शरीरों और बदकिरदारों के साथ घसीट न ले जा; जो अपने पड़ोसियों से सुलह की बातें करते हैं, मगर उनके दिलों में बदी है।
4 願你按他們的作為,照他們行為的邪惡,報復他們;按他們手中的事業,給他們應得的報應,處罰他們!
उनके अफ़'आल — ओ — आ'माल की बुराई के मुवाफ़िक़ उनको बदला दे, उनके हाथों के कामों के मुताबिक़ उनसे सुलूक कर; उनके किए का बदला उनको दे।
5 他們不關心上主的工程和祂手中所行,但願上主粉碎他們,不要再使他們復興!
वह ख़ुदावन्द के कामों और उसकी दस्तकारी पर ध्यान नहीं करते, इसलिए वह उनको गिरा देगा और फिर नहीं उठाएगा।
6 上主理應享受讚頌,因祂聽了我的禱聲。
ख़ुदावन्द मुबारक हो, इसलिए के उसने मेरी मिन्नत की आवाज़ सुन ली।
7 上主是我的力量,我的護佑,我對祂全心依賴,必獲扶助;為此我滿心歡喜,讚頌歌舞。
ख़ुदावन्द मेरी ताक़त और मेरी ढाल है; मेरे दिल ने उस पर भरोसा किया है, और मुझे मदद मिली है। इसलिए मेरा दिल बहुत ख़ुश है; और मैं गीत गाकर उसकी सिताइश करूँगा।
8 上主是自己人民的力量,祂是受傅者得救的保障;
ख़ुदावन्द उनकी ताक़त है, वह अपने मम्सूह के लिए नजात का क़िला' है।
9 求你拯救你的人民,祝福你的百姓,求你牧養他們,提攜他們直至永恒。
अपनी उम्मत को बचा, और अपनी मीरास को बरकत दे; उनकी पासबानी कर, और उनको हमेशा तक संभाले रह।

< 詩篇 28 >