< 詩篇 27 >
1 上主是我的光明,我的救援,我還畏懼何人﹖ 上主是我生命穩固的保障,我還害怕何人﹖
ख़ुदावन्द मेरी रोशनी और मेरी नजात मुझे किसकी दहशत? ख़ुदावन्द मेरी ज़िन्दगी की ताक़त है, मुझे किसका डर?
2 當惡人前來攻擊我,要吃我的肉時,我的對手,我的仇敵,反而跌倒斷氣。
जब शरीर या'नी मेरे मुख़ालिफ़ और मेरे दुश्मन, मेरा गोश्त खाने को मुझ पर चढ़ आए तो वह ठोकर खाकर गिर पड़े।
3 雖有大軍向我進攻,我的心毫不戰慄;雖然戰爭向我迫近,我依然滿懷依恃。
चाहे मेरे ख़िलाफ़ लश्कर ख़ेमाज़न हो, मेरा दिल नहीं डरेगा। चाहे मेरे मुक़ाबले में जंग खड़ी हो, तोभी मैं मुतम'इन रहूँगा।
4 我有一事祈求上主,我要懇切請求此事:使我一生的歲月,常居住在上主的殿裏,欣賞上主的甘飴慈祥,瞻仰上主聖所的堂皇。
मैंने ख़ुदावन्द से एक दरख़्वास्त की है, मैं इसी का तालिब रहूँगा; कि मैं उम्र भर ख़ुदावन्द के घर में रहूँ, ताकि ख़ुदावन्द के जमाल को देखूँ और उसकी हैकल में इस्तिफ़्सार किया करूँ।
5 因為在我困難的時他日,祂將我藏在祂的帳棚裏;將我藏在祂帳幕的深處,並將我高舉放在磐石。
क्यूँकि मुसीबत के दिन वह मुझे अपने शामियाने में पोशीदा रख्खेगा; वह मुझे अपने ख़ेमे के पर्दे में छिपा लेगा, वह मुझे चट्टान पर चढ़ा देगा
6 現在我可昂首抬頭,卑視我周圍的仇人;我要在上主的帳幕裏,奉獻歡樂之祭,要向上主歡唱讚美的詩詞。
अब मैं अपने चारों तरफ़ के दुश्मनों पर सरफराज़ किया जाऊँगा; मैं उसके ख़ेमे में ख़ुशी की क़ुर्बानियाँ पेश करूँगा; मैं गाऊँगा, मैं ख़ुदावन्द की मदहसराई करूँगा।
7 上主,求你俯聽我的呼號,上主,求你憐憫我,垂允我。
ऐ ख़ुदावन्द, मेरी आवाज़ सुन! मैं पुकारता हूँ। मुझ पर रहम कर और मुझे जवाब दे।
जब तूने फ़रमाया, कि मेरे दीदार के तालिब हो; तो मेरे दिल ने तुझ से कहा, ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरे दीदार का तालिब रहूँगा।
9 求你不要向我掩住你的臉,你發怒時不要趕散你僕人。你向來就是我唯一的救援;救我的天主,不要棄我不管。
मुझ से चेहरा न छिपा। अपने बन्दे को क़हर से न निकाल। तू मेरा मददगार रहा है; न मुझे तर्क कर, न मुझे छोड़, ऐ मेरे नजात देने वाले ख़ुदा!।
जब मेरा बाप और मेरी माँ मुझे छोड़ दें, तो ख़ुदावन्द मुझे संभाल लेगा।
11 上主,求你給我指示你的正路,為了我的仇敵,我踏上了坦途。
ऐ ख़ुदावन्द, मुझे अपनी राह बता, और मेरे दुश्मनों की वजह से मुझे हमवार रास्ते पर चला।
12 求你不要將我交於仇人的私慾,因為殘暴的假見證來向我攻擊。
मुझे मेरे मुख़ालिफ़ों की मर्ज़ी पर न छोड़, क्यूँकि झूटे गवाह और बेरहमी से पुंकारने वाले मेरे ख़िलाफ़ उठे हैं।
13 我深信在此活人的地區,必定會享見上主的幸福。
अगर मुझे यक़ीन न होता कि ज़िन्दों की ज़मीन में ख़ुदावन्द के एहसान को देखूँगा, तो मुझे ग़श आ जाता।
14 你要鼓起勇氣,期望上主!你要振作精神,期望上主!
ख़ुदावन्द की उम्मीद रख; मज़बूत हो और तेरा दिल क़वी हो; हाँ, ख़ुदावन्द ही की उम्मीद रख।