< 詩篇 114 >
जब इस्राईल मिस्र से निकलआया, या'नी या'क़ूब का घराना अजनबी ज़बान वाली क़ौम में से;
तो यहूदाह उसका हैकल, और इस्राईल उसकी ममलुकत ठहरा।
यह देखते ही समन्दर भागा; यरदन पीछे हट गया।
पहाड़ मेंढों की तरह उछले, पहाड़ियाँ भेड़ के बच्चों की तरह कूदे।
ऐ समन्दर, तुझे क्या हुआ के तू भागता है? ऐ यरदन, तुझे क्या हुआ कि तू पीछे हटता है?
6 山嶽,您們為什麼跳躍像公羊?丘陵,您們為什麼舞蹈似羔羊?
ऐ पहाड़ो, तुम को क्या हुआ के तुम मेंढों की तरह उछलते हो? ऐ पहाड़ियो, तुम को क्या हुआ के तुम भेड़ के बच्चों की तरह कूदती हो?
7 大地,您應該在上主的面前,在雅各伯的天主面前搖撼,
ऐ ज़मीन, तू रब्ब के सामने, या'क़ूब के ख़ुदा के सामने थरथरा;
जो चट्टान को झील, और चक़माक़ की पानी का चश्मा बना देता है।