< 詩篇 11 >

1 【義人依靠天主】上主是我的避難所,你們怎麼能對我說:像隻小鳥,飛往深山!
मेरा भरोसा ख़ुदावन्द पर है तुम क्यूँकर मेरी जान से कहते हो कि चिड़िया की तरह अपने पहाड़ पर उड़ जा?
2 看,惡人挽弓搭箭,向心誠的人暗算。
क्यूँकि देखो! शरीर कमान खींचते हैं वह तीर को चिल्ले पर रखते हैं ताकि अँधेरे में रास्त दिलों पर चलायें।
3 基礎既已全部崩潰,義人還能有何作為?
अगर बुनयाद ही उखाड़ दी जाये तो सादिक़ क्या कर सकता है।
4 上主住在自己的聖殿,上主的寶座設於天;祂的眼睛垂視,祂的目光細察人子,
ख़ुदावन्द अपनी पाक हैकल में है ख़ुदावन्द का तख़्त आसमान पर है। उसकी आँखें बनी आदम को देखती और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं।
5 上主審察著義人與惡人;全心痛恨那愛蠻橫的人,
ख़ुदावन्द सादिक़ को परखता है लेकिन शरीर और ज़ुल्म को पसन्द करने वाले से उसकी रूह को नफ़रत है
6 上主使火碳硫磺降於惡人之身,乾燥的熱風將是他們杯中之分。
वह शरीरों पर फंदे बरसायेगा आग और गंधक और लू उनके प्याले का हिस्सा होगा।
7 上主是正義的,上主酷愛公正,心誠的人必得見祂的儀容
क्यूँकि ख़ुदावन्द सादिक़ है वह सच्चाई को पसंद करता है रास्त बाज़ उसका दीदार हासिल करेंगे।

< 詩篇 11 >