< 詩篇 11 >
1 【義人依靠天主】上主是我的避難所,你們怎麼能對我說:像隻小鳥,飛往深山!
मेरा भरोसा ख़ुदावन्द पर है तुम क्यूँकर मेरी जान से कहते हो कि चिड़िया की तरह अपने पहाड़ पर उड़ जा?
क्यूँकि देखो! शरीर कमान खींचते हैं वह तीर को चिल्ले पर रखते हैं ताकि अँधेरे में रास्त दिलों पर चलायें।
अगर बुनयाद ही उखाड़ दी जाये तो सादिक़ क्या कर सकता है।
4 上主住在自己的聖殿,上主的寶座設於天;祂的眼睛垂視,祂的目光細察人子,
ख़ुदावन्द अपनी पाक हैकल में है ख़ुदावन्द का तख़्त आसमान पर है। उसकी आँखें बनी आदम को देखती और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं।
ख़ुदावन्द सादिक़ को परखता है लेकिन शरीर और ज़ुल्म को पसन्द करने वाले से उसकी रूह को नफ़रत है
6 上主使火碳硫磺降於惡人之身,乾燥的熱風將是他們杯中之分。
वह शरीरों पर फंदे बरसायेगा आग और गंधक और लू उनके प्याले का हिस्सा होगा।
7 上主是正義的,上主酷愛公正,心誠的人必得見祂的儀容
क्यूँकि ख़ुदावन्द सादिक़ है वह सच्चाई को पसंद करता है रास्त बाज़ उसका दीदार हासिल करेंगे।