< 耶利米哀歌 1 >

1 以色列被虜充軍以後,耶路撒冷成了一片荒涼,耶肋米亞痛哭流淚的坐著唱了這篇哀歌,憑弔耶路撒冷,嗚咽說:怎麼! 這個人煙稠密的京都,卻孤坐獨處! 從前是萬民的主母,現在好像成了寡婦;往日是諸郡的王后,如今竟然成奴僕!
जो नगरी लोगों से भरपूर थी वह अब कैसी अकेली बैठी हुई है! वह क्यों एक विधवा के समान बन गई? वह जो जातियों की दृष्टि में महान और प्रान्तों में रानी थी, अब क्यों कर देनेवाली हो गई है।
2 她夜間痛哭飲泣,眼淚流滿雙頰;她所有的愛人,卻沒有一個前來安慰她;她的親友都背棄了她,成了她的冤家!
रात को वह फूट फूटकर रोती है, उसके आँसू गालों पर ढलकते हैं; उसके सब यारों में से अब कोई उसे शान्ति नहीं देता; उसके सब मित्रों ने उससे विश्वासघात किया, और उसके शत्रु बन गए हैं।
3 猶大已經流亡遠去,備受壓迫奴役;散居在異民中間,再不得安息;她處於絕境之中,所有迫害她的人,盡來相逼!
यहूदा दुःख और कठिन दासत्व के कारण परदेश चली गई; परन्तु अन्यजातियों में रहती हुई वह चैन नहीं पाती; उसके सब खदेड़नेवालों ने उसकी सकेती में उसे पकड़ लिया है।
4 熙雍的到街道悲慘淒涼,因無人前來過節! 她的城門零落蕭條,司祭哀嘆,處女惆悵;她已憂苦備嘗!
सिय्योन के मार्ग विलाप कर रहे हैं, क्योंकि नियत पर्वों में कोई नहीं आता है; उसके सब फाटक सुनसान पड़े हैं, उसके याजक कराहते हैं; उसकी कुमारियाँ शोकित हैं, और वह आप कठिन दुःख भोग रही है।
5 她的敵人得了優勢,仇人獲得勝利,都因她犯罪多端,而遭受了上主的懲罰;她的幼兒被擄去,在敵人面前作囚徒。
उसके द्रोही प्रधान हो गए, उसके शत्रु उन्नति कर रहे हैं, क्योंकि यहोवा ने उसके बहुत से अपराधों के कारण उसे दुःख दिया है; उसके बाल-बच्चों को शत्रु हाँक-हाँककर बँधुआई में ले गए।
6 一切華麗,已經都由熙雍女郎身上消失;她的首長好像找不到牧場的公羊,受追逐者驅使,無力前行。
सिय्योन की पुत्री का सारा प्रताप जाता रहा है। उसके हाकिम ऐसे हिरनों के समान हो गए हैं जिन्हें कोई चरागाह नहीं मिलती; वे खदेड़नेवालों के सामने से बलहीन होकर भागते हैं।
7 耶路撒冷在困苦和患難的時日,回憶昔日享有的一切榮華;現在呢﹖當她的人民陷入敵人手中時,竟然沒有人來施救! 仇人看見了她,都嘲笑她的滅亡。
यरूशलेम ने, इन दुःख भरे और संकट के दिनों में, जब उसके लोग द्रोहियों के हाथ में पड़े और उसका कोई सहायक न रहा, अपनी सब मनभावनी वस्तुओं को जो प्राचीनकाल से उसकी थीं, स्मरण किया है। उसके द्रोहियों ने उसको उजड़ा देखकर उपहास में उड़ाया है।
8 耶路撒冷犯罪作惡,因而成了可憎惡的;昔日尊重她的人,今日一見到她的裸體,都予以輕視;而她自己只有飲泣,轉身退去。
यरूशलेम ने बड़ा पाप किया, इसलिए वह अशुद्ध स्त्री सी हो गई है; जितने उसका आदर करते थे वे उसका निरादर करते हैं, क्योंकि उन्होंने उसकी नंगाई देखी है; हाँ, वह कराहती हुई मुँह फेर लेती है।
9 她的污穢沾滿了她的衣裙,她從未想到會有如此的結局,以致一落千丈,卻沒有人安慰。「上主,求你憐視我的痛苦,因為敵人正在意氣高揚。
उसकी अशुद्धता उसके वस्त्र पर है; उसने अपने अन्त का स्मरण न रखा; इसलिए वह भयंकर रीति से गिराई गई, और कोई उसे शान्ति नहीं देता है। हे यहोवा, मेरे दुःख पर दृष्टि कर, क्योंकि शत्रु मेरे विरुद्ध सफल हुआ है!
10 暴徒伸手劫掠了她所有的珍寶:你雖然嚴禁異民進入你的集會,她卻眼看著他們闖進聖所。
१०द्रोहियों ने उसकी सब मनभावनी वस्तुओं पर हाथ बढ़ाया है; हाँ, अन्यजातियों को, जिनके विषय में तूने आज्ञा दी थी कि वे तेरी सभा में भागी न होने पाएँगी, उनको उसने तेरे पवित्रस्थान में घुसा हुआ देखा है।
11 她所有的人民都在嘆息,搜求食糧;而應交出珍寶,換取食物,以維持生活。上主,求你垂視眷顧,我怎樣受人輕慢! 」
११उसके सब निवासी कराहते हुए भोजनवस्तु ढूँढ़ रहे हैं; उन्होंने अपना प्राण बचाने के लिये अपनी मनभावनी वस्तुएँ बेचकर भोजन मोल लिया है। हे यहोवा, दृष्टि कर, और ध्यान से देख, क्योंकि मैं तुच्छ हो गई हूँ।
12 一切過路的人啊! 請你們細細觀察,看看有沒有痛苦能像我所受的痛苦﹖因為上主在他盛怒之日,折磨了我!
१२हे सब बटोहियों, क्या तुम्हें इस बात की कुछ भी चिन्ता नहीं? दृष्टि करके देखो, क्या मेरे दुःख से बढ़कर कोई और पीड़ा है जो यहोवा ने अपने क्रोध के दिन मुझ पर डाल दी है?
13 他從上降下火來,深入我的骨骸;他在我腳下設下羅網,使我陷落;他使我終日孤寂,惆悵不已。
१३उसने ऊपर से मेरी हड्डियों में आग लगाई है, और वे उससे भस्म हो गईं; उसने मेरे पैरों के लिये जाल लगाया, और मुझ को उलटा फेर दिया है; उसने ऐसा किया कि मैं त्यागी हुई सी और रोग से लगातार निर्बल रहती हूँ।
14 上主親手把我罪過的軛,緊縛在我的頸上,使我筋疲力竭;他將我交於我不能抵抗的人手中。
१४उसने जूए की रस्सियों की समान मेरे अपराधों को अपने हाथ से कसा है; उसने उन्हें बटकर मेरी गर्दन पर चढ़ाया, और मेरा बल घटा दिया है; जिनका मैं सामना भी नहीं कर सकती, उन्हीं के वश में यहोवा ने मुझे कर दिया है।
15 上主拋棄了我中間的勇士,召集盛會,與我為敵,粉碎我的精銳;上主好像踐踏酒醡一樣,踐踏原是處女的猶大女郎。
१५यहोवा ने मेरे सब पराक्रमी पुरुषों को तुच्छ जाना; उसने नियत पर्व का प्रचार करके लोगों को मेरे विरुद्ध बुलाया कि मेरे जवानों को पीस डाले; यहूदा की कुमारी कन्या को यहोवा ने मानो कुण्ड में पेरा है।
16 我之所以痛苦,滿眼流淚,是因為鼓舞我心靈的安慰者,已經離我遠去;我的子女已經孤獨無援,而敵人卻正在得勢。
१६इन बातों के कारण मैं रोती हूँ; मेरी आँखों से आँसू की धारा बहती रहती है; क्योंकि जिस शान्तिदाता के कारण मेरा जी हरा भरा हो जाता था, वह मुझसे दूर हो गया; मेरे बच्चे अकेले हो गए, क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।
17 熙雍雖然伸開雙手,卻無人予以安慰;上主召喚四周的人與雅各伯為敵;耶路撒冷在人眼中,成了可憎的污穢之物。
१७सिय्योन हाथ फैलाए हुए है, उसे कोई शान्ति नहीं देता; यहोवा ने याकूब के विषय में यह आज्ञा दी है कि उसके चारों ओर के निवासी उसके द्रोही हो जाएँ; यरूशलेम उनके बीच अशुद्ध स्त्री के समान हो गई है।
18 唯有上主是公義的,因為我違背了他的訓示。一切民族! 請你們聽一聽,看一看我的痛苦我的處女和壯丁,都已充軍去了。
१८यहोवा सच्चाई पर है, क्योंकि मैंने उसकी आज्ञा का उल्लंघन किया है; हे सब लोगों, सुनो, और मेरी पीड़ा को देखो! मेरे कुमार और कुमारियाँ बँधुआई में चली गई हैं।
19 我向愛人求救,但他們都捨棄了我,我的司祭和長老,雖然尋覓食糧以求活命,但他們卻在城中氣絕喪命。
१९मैंने अपने मित्रों को पुकारा परन्तु उन्होंने भी मुझे धोखा दिया; जब मेरे याजक और पुरनिये इसलिए भोजनवस्तु ढूँढ़ रहे थे कि खाने से उनका जी हरा हो जाए, तब नगर ही में उनके प्राण छूट गए।
20 上主,求你憐視,因為我實在痛苦:五內恐懼,心如倒懸,因為我常背命頑抗。外邊有刀劍使我喪子,在家裏有人死亡。
२०हे यहोवा, दृष्टि कर, क्योंकि मैं संकट में हूँ, मेरी अंतड़ियाँ ऐंठी जाती हैं, मेरा हृदय उलट गया है, क्योंकि मैंने बहुत बलवा किया है। बाहर तो मैं तलवार से निर्वंश होती हूँ; और घर में मृत्यु विराज रही है।
21 人們都聽到我嘆息,卻沒有人安慰我;仇人聽到我遭難,無不慶幸你的所為;但是到了你所規定的日子,他們必然與我相同。
२१उन्होंने सुना है कि मैं कराहती हूँ, परन्तु कोई मुझे शान्ति नहीं देता। मेरे सब शत्रुओं ने मेरी विपत्ति का समाचार सुना है; वे इससे हर्षित हो गए कि तू ही ने यह किया है। परन्तु जिस दिन की चर्चा तूने प्रचार करके सुनाई है उसको तू दिखा, तब वे भी मेरे समान हो जाएँगे।
22 願他們的罪惡擺在你眼前! 你怎麼為了我的各種罪惡,對待了我,也願怎樣對待他們! 因為我履次嘆息,我的心已萎靡不振。
२२उनकी सारी दुष्टता की ओर दृष्टि कर; और जैसा मेरे सारे अपराधों के कारण तूने मुझे दण्ड दिया, वैसा ही उनको भी दण्ड दे; क्योंकि मैं बहुत ही कराहती हूँ, और मेरा हृदय रोग से निर्बल हो गया है।

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