< 約伯記 12 >
2 的確,只有你們是有知識的子民;那麼,你們一死,智慧也與你們一同喪亡!
बेशक आदमी तो तुम ही हो “और हिकमत तुम्हारे ही साथ मरेगी।
3 其實,我和你們有同樣的心理,我並不亞於你們! 誰不知道這些事﹖
लेकिन मुझ में भी समझ है, जैसे तुम में है, मैं तुम से कम नहीं। भला ऐसी बातें जैसी यह हैं, कौन नहीं जानता?
4 我這呼籲天主而蒙應允的人,卻被他的友人所嘲笑,無辜的義人卻成了笑柄。
मैं उस आदमी की तरह हूँ जो अपने पड़ोसी के लिए हँसी का निशाना बना है। मैं वह आदमी था जो ख़ुदा से दुआ करता और वह उसकी सुन लेता था। रास्तबाज़ और कामिल आदमी हँसी का निशाना होता ही है।
5 幸運的人心想:遭難的人應受蔑視,失足的人應再予以打擊。
जो चैन से है उसके ख़्याल में दुख के लिए हिकारत होती है; यह उनके लिए तैयार रहती है जिनका पाँव फिसलता है।
6 但是,強盜的帳幕竟能安全,觸怒天主的人,以勢力為神的人卻享平安。
डाकुओं के ख़ेमे सलामत रहते हैं, और जो ख़ुदा को गु़स्सा दिलाते हैं, वह महफू़ज़ रहते हैं; उन ही के हाथ को ख़ुदा ख़ूब भरता है।
7 請你詢問走獸,牠們也會開導你;詢問天上的飛鳥,牠們也會告訴你;
हैवानों से पूछ और वह तुझे सिखाएँगे, और हवा के परिन्दों से दरियाफ़्त कर और वह तुझे बताएँगे।
8 地上的爬蟲也會教訓你,海中的魚族也會給你說明。
या ज़मीन से बात कर, वह तुझे सिखाएगी; और समन्दर की मछलियाँ तुझ से बयान करेंगी।
कौन नहीं जानता कि इन सब बातों में ख़ुदावन्द ही का हाथ है जिसने यह सब बनाया?
10 因為一切活物的生魂,一切血肉之人的靈魂,都握在他手中。
उसी के हाथ में हर जानदार की जान, और कुल बनी आदम की जान ताक़त है।
क्या कान बातों को नहीं परख लेता, जैसे ज़बान खाने को चख लेती है?
बुड्ढों में समझ होती है, और उम्र की दराज़ी में समझदारी।
13 但智慧和能力同在天主內,智慧與見識是天主所有。
ख़ुदा में समझ और कु़व्वत है, उसके पास मसलहत और समझ है।
14 他若拆毀,人不能再建;他若拘禁,人不得開釋。
देखो, वह ढा देता है तो फिर बनता नहीं। वह आदमी को बंद कर देता है, तो फिर खुलता नहीं।
15 他若制水,水便乾涸;他若放水,水便沖毀大地。
देखो, वह मेंह को रोक लेता है, तो पानी सूख जाता है। फिर जब वह उसे भेजता है, तो वह ज़मीन को उलट देता है।
16 力量與才能,為他所有;受騙者與騙人者,都屬於他。
उसमें ताक़त और ता'सीर की कु़व्वत है। धोका खाने वाला और धोका देने वाला दोनों उसी के हैं।
वह सलाहकारों को लुटवा कर ग़ुलामी में ले जाता है, और 'अदालत करने वालों को बेवकू़फ़ बना देता है।
18 他解除君王所繫的玉帶,將繩索捆在他們的腰間;
वह शाही बन्धनों को खोल डालता है, और बादशाहों की कमर पर पटका बाँधता है।
वह काहिनों को लुटवाकर ग़ुलामी में ले जाता, और ज़बरदस्तों को पछाड़ देता है।
वह 'ऐतमाद वाले की क़ुव्वत — ए — गोयाई दूर करता और बुज़ुर्गों की समझदारी को' छीन लेता है।
वह हाकिमों पर हिकारत बरसाता, और ताक़तवरों की कमरबंद को खोल डालता' है।
वह अँधेरे में से गहरी बातों को ज़ाहिर करता, और मौत के साये को भी रोशनी में ले आता है
वह क़ौमों को बढ़ाकर उन्हें हलाक कर डालता है; वह क़ौमों को फैलाता और फिर उन्हें समेट लेता है।
वह ज़मीन की क़ौमों के सरदारों की 'अक़्ल उड़ा देता और उन्हें ऐसे वीरान में भटका देता है जहाँ रास्ता नहीं।
वह रोशनी के बगै़र तारीकी में टटोलते फिरते हैं, और वह उन्हें ऐसा बना देता है कि मतवाले की तरह लड़खड़ाते हुए चलते हैं।