< 以賽亞書 26 >
1 那一天,猶大地要詠唱這首歌曲:「我們有座堅城,以救援作城牆與外郭。
उस वक़्त यहूदाह के मुल्क में ये गीत गाया जाएगा: हमारा एक मुहकम शहर है, जिसकी फ़सील और नसलों की जगह वह नजात ही को मुक़र्रर करेगा।
तुम दरवाज़े खोलो ताकि सादिक़ क़ौम जो वफ़ादार रही दाख़िल हो।
3 你的意志堅定,因而你保全了永久的和平,故此人對你有信賴。
जिसका दिल क़ाईम है तू उसे सलामत रख्खेगा क्यूँकि उसका भरोसा तुझ पर है।
हमेशा तक ख़ुदावन्द पर ऐ'तमाद रख्खो क्यूँकि ख़ुदावन्द यहूदाह हमेशा की चट्टान है।
5 他曾屈服了居高位的人,推翻了高聳的城市,將她推翻在地,使她粉碎,化為塵埃。
क्यूँकि उसने बुलन्दी पर बसनेवालों को नीचे उतारा, बुलन्द शहर को ज़ेर किया, उसने उसे ज़ेर करके ख़ाक में मिलाया।
वह पाँव तले रौदा जाएगा; हाँ, ग़रीबों के पाँव और मोहताजों के क़दमों से।
7 義人的道路是正直的,你上主啊,削平了正直人的途徑。
सादिक़ की राह रास्ती है; तू जो हक़ है, सादिक़ की रहबरी करता है।
8 的確,上主!我們在你正義的路上期待你!你的名號,你的記念,是我們心靈的欲望。
हाँ तेरी 'अदालत की राह में, ऐ ख़ुदावन्द, हम तेरे मुन्तज़िर रहे; हमारी जान का इश्तियाक़ तेरे नाम और तेरी याद की तरफ़ है।
9 我們的心靈在夜間渴望你,我們的心神在清晨尋覓你,因為當你的決斷顯於大地時,世上的居民都要學習正義。
रात को मेरी जान तेरी मुश्ताक़ है; हाँ, मेरी रूह तेरी जुस्तजू में कोशाँ रहेगी; क्यूँकि जब तेरी 'अदालत ज़मीन पर जारी है, तो दुनिया के बाशिन्दे सदाक़त सीखते हैं।
10 惡人雖然蒙受了憐憫,仍然不學習正義,在世上依然顛倒是非,毫不顧及上主的威嚴。
हर चन्द शरीर पर मेहरबानी की जाए, लेकिन वह सदाक़त न सीखेगा; रास्ती के मुल्क में नारास्ती करेगा, और ख़ुदावन्द की 'अज़मत को न देखेगा।
11 上主!你的手雖已高舉,但他們仍看不見;願他們見到你對百姓的熱忱而感到慚愧;並願你為你仇敵所保留的烈火吞滅他們!
ऐ ख़ुदावन्द, तेरा हाथ बुलन्द है लेकिन वह नहीं देखते, लेकिन वह लोगों के लिए तेरी गै़रत को देखेंगे और शर्मसार होंगे, बल्कि आग तेरे दुश्मनों को खा जाएगी।
12 上主!是你賜與了我們和平,因為凡我們所做的,都是你為我們成就的!
ऐ ख़ुदावन्द, तू ही हम को सलामती बख़्शेगा; क्यूँकि तू ही ने हमारे सब कामों को हमारे लिए अन्जाम दिया है।
13 上主,我們的天主!除你以外,還有別的主宰治理過我們;然而我們所稱揚的,只有你,你的名號。
ऐ ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा, तेरे अलावा दूसरे हाकिमों ने हम पर हुकूमत की है; लेकिन तेरी मदद से हम सिर्फ़ तेरा ही नाम लिया करेंगे।
14 死去的人不會再活,幽魂也不會復生,因為你如此懲罰了,並消滅了他們,使他們所有的記念盡被遺忘。
वह मर गए, फिर ज़िन्दा न होंगे; वह रहलत कर गए, फिर न उठेंगे; क्यूँकि तूने उन पर नज़र की और उनको हलाक किया, और उनकी याद को भी मिटा दिया है।
15 你增加了本國的人民,上主,你增加了本國的人民,你得了光榮,你拓展了國家所有的邊界。
ऐ ख़ुदावन्द तूने इस क़ौम को कसरत बख़्शी है; तूने इस क़ौम को बढ़ाया है, तूही ज़ुल — जलाल है तूही ने मुल्क की हदों को बढ़ा दिया है।
16 上主 !我們在困難之中尋求了你,我們在壓迫之中呼求了你,因為那是你對我們的懲罰。
ऐ ख़ुदावन्द, वह मुसीबत में तेरे तालिब हुए जब तूने उनको तादीब की तो उन्होंने गिरया — ओ — ज़ारी की।
17 有如懷妊臨產的婦女,在苦痛中痙攣呻吟;同樣,上主!我們在你面前也是如此:
ऐ ख़ुदावन्द तेरे सामने हम उस हामिला की तरह हैं, जिसकी विलादत का वक़्त नज़दीक हो, जो दुख में है और अपने दर्द से चिल्लाती है।
18 我們也像懷妊痙攣;然而所產的竟是風,沒有給大地帶來救恩,世界的居民也未因此而得生。
हम हामिला हुए, हम को दर्द — ए — ज़िह लगा, लेकिन पैदा क्या हुआ? हवा! हम ने ज़मीन पर आज़ादी को क़ाईम नहीं किया, और न दुनिया में बसनेवाले ही पैदा हुए।
19 你的亡者將再生,他們的屍體將要起立;睡在塵埃中的人們都要甦醒歌詠,因為你的朝露是晶瑩的朝露,大地將拋出幽靈。
तेरे मुर्दे जी उठेंगे, मेरी लाशें उठ खड़ी होंगी। तुम जो ख़ाक में जा बसे हो, जागो और गाओ! क्यूँकि तेरी ओस उस ओस की तरह है जो नबातात पर पड़ती है, और ज़मीन मुर्दों को उगल देगी।
20 我的百姓!去,進入你的內室,關上門,隱藏片刻,等待盛怒過去。
ऐ मेरे लोगो! अपने ख़िलवत ख़ानों में दाख़िल हो, और अपने पीछे दरवाज़े बन्द कर लो और अपने आपको थोड़ी देर तक छिपा रख्खो जब तक कि ग़ज़ब टल न जाए।
21 因為,看哪!上主已由自己的地方出來懲罰大地居民的罪惡,大地要暴露自己吞下的鮮血,不再遮掩被殺的人。
क्यूँकि देखो, ख़ुदावन्द अपने मक़ाम से चला आता है, ताकि ज़मीन के बाशिन्दों को उनकी बदकिरदारी की सज़ा दे; और ज़मीन उस ख़ून को ज़ाहिर करेगी जो उसमें है और अपने मक़तूलों को हरगिज़ न छिपाएगी।