< 傳道書 1 >
शाह — ए — येरूशलेम दाऊद के बेटे वा'इज़ की बातें।
“बेकार ही बेकार, वा'इज़ कहता है, बेकार ही बेकार! सब कुछ बेकार है।”
इंसान को उस सारी मेहनत से जो वह दुनिया' में करता है, क्या हासिल है?
एक नसल जाती है और दूसरी नसल आती है, लेकिन ज़मीन हमेशा क़ायम रहती है।
सूरज निकलता है और सूरज ढलता भी है, और अपने तुलू' की जगह को जल्द चला जाता है।
हवा दख्खिन की तरफ़ चली जाती है और चक्कर खाकर उत्तर की तरफ़ फिरती है; ये हमेशा चक्कर मारती है, और अपनी गश्त के मुताबिक़ दौरा करती है।
7 江河流入大海,大海總不滿溢;江河仍向所往之處,川流不息。
सब नदियाँ समन्दर में गिरती हैं, लेकिन समन्दर भर नहीं जाता; नदियाँ जहाँ से निकलती हैं उधर ही को फिर जाती हैं।
8 萬事皆辛勞,無人能盡言:眼看,看不夠;耳聽,聽不飽。
सब चीजें मान्दगी से भरी हैं, आदमी इसका बयान नहीं कर सकता। आँख देखने से आसूदा नहीं होती, और कान सुनने से नहीं भरता।
9 往昔所有的,將來會再有;昔日所行的,將來會再行;太陽之下決無新事。
जो हुआ वही फिर होगा, और जो चीज़ बन चुकी है वही है जो बनाई जाएगी, और दुनिया में कोई चीज़ नई नहीं।
10 若有人指著某事說:「看,這是新事。」豈不知在我們以前早就有過。
क्या कोई चीज़ ऐसी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि देखो ये तो नई है? वह तो साबिक़ में हम से पहले के ज़मानों में मौजूद थी।
11 只是對往者,沒有人去追憶;同樣,對來者,也不會為後輩所記念。
अगलों की कोई यादगार नहीं, और आनेवालों की अपने बाद के लोगों के बीच कोई याद न होगी।
मैं वा'इज़ येरूशलेम में बनी — इस्राईल का बा'दशाह था।
13 我曾專心用智慧考查研究過天下所發生的一切;--這實在是天主賜與人類的一項艱辛的工作。
और मैंने अपना दिल लगाया कि जो कुछ आसमान के नीचे किया जाता है, उस सब की तफ़्तीश — ओ — तहक़ीक़ करूँ। ख़ुदा ने बनी आदम को ये सख़्त दुख दिया है कि वह दुख़ दर्द में मुब्तिला रहें।
14 我觀察了在太陽下所發生的一切:看,都是空虛,都是追風。
मैंने सब कामों पर जो दुनिया में किए जाते हैं नज़र की; और देखो, ये सब कुछ बेकार और हवा की चरान है।
15 彎曲的,不能使之正直,虧缺的,實在不可勝數。
वह जो टेढ़ा है सीधा नहीं हो सकता, और नाक़िस का शुमार नहीं हो सकता।
16 我心裏自語說:「看,我獲得了又大又多的智慧,勝過了所有在我以前住在耶路撒冷的人,我的心獲得了許多智慧和學問。」
मैंने ये बात अपने दिल में कही, “देख, मैंने बड़ी तरक़्क़ी की बल्कि उन सभों से जो मुझ से पहले येरूशलेम में थे, ज़्यादा हिकमत हासिल की; हाँ, मेरा दिल हिकमत और दानिश में बड़ा कारदान हुआ।”
17 我再專心研究智慧和學問,愚昧和狂妄,我纔發覺:連這項工作也是追風。
लेकिन जब मैंने हिकमत के जानने और हिमाक़त — ओ — जहालत के समझने पर दिल लगाया, तो मा'लूम किया कि ये भी हवा की चरान है।
18 因為,智慧愈多,煩惱愈多;學問越廣,憂慮越深。
क्यूँकि बहुत हिकमत में बहुत ग़म है, और 'इल्म में तरक़्क़ी दुख की ज़्यादती है।