< 1 Khawrin 8 >
1 Tahae ah mueirhol buh kah a kawng te mingnah boeih n'khueh uh tila m'ming uh. Mingnah loh hoemawk cakhaw lungnah loh a hlinsai.
१अब मूरतों के सामने बलि की हुई वस्तुओं के विषय में हम जानते हैं, कि हम सब को ज्ञान है: ज्ञान घमण्ड उत्पन्न करता है, परन्तु प्रेम से उन्नति होती है।
2 Pakhat loh bet ka ming coeng tila a poek atah a ming ham a kuek pataeng ming hlan.
२यदि कोई समझे, कि मैं कुछ जानता हूँ, तो जैसा जानना चाहिए वैसा अब तक नहीं जानता।
3 Tedae pakhat loh Pathen te a lungnah atah Pathen loh anih te a ming coeng.
३परन्तु यदि कोई परमेश्वर से प्रेम रखता है, तो उसे परमेश्वर पहचानता है।
4 Mueirhol buh dongkah caak kawng dongah mueirhol tah Diklai ah a honghi ni tila m'ming uh. Amah pakhat pawt atah Pathen a tloe khaw a om moenih.
४अतः मूरतों के सामने बलि की हुई वस्तुओं के खाने के विषय में हम जानते हैं, कि मूरत जगत में कोई वस्तु नहीं, और एक को छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं।
5 Pathen a ti uh rhoek mah vaan ah khaw diklai ah khaw a om uh atah pathen kak neh boei kak om uh tangloeng ta.
५यद्यपि आकाश में और पृथ्वी पर बहुत से ईश्वर कहलाते हैं, (जैसा कि बहुत से ईश्वर और बहुत से प्रभु हैं)।
6 Mamih ham tah a pa Pathen pakhat ni aka om. A cungkuem he amah lamkah tih mamih khaw amah dongah n'omuh. Te phoeiah Boeipa Jesuh Khrih pakhat bueng om tih amah lamloh a cungkuem te om. Mamih khaw anih dongah n'omuh.
६तो भी हमारे निकट तो एक ही परमेश्वर है: अर्थात् पिता जिसकी ओर से सब वस्तुएँ हैं, और हम उसी के लिये हैं, और एक ही प्रभु है, अर्थात् यीशु मसीह जिसके द्वारा सब वस्तुएँ हुईं, और हम भी उसी के द्वारा हैं।
7 Tedae hlang boeih taengah mingnah om pawh. Tedae a ngen kah khosing tah tahae duela mueirhol taengkah mueirhol buh bangla a caak uh. Te dongah amih tattloel kah mingcimnah tah a tii om.
७परन्तु सब को यह ज्ञान नहीं; परन्तु कितने तो अब तक मूरत को कुछ समझने के कारण मूरतों के सामने बलि की हुई को कुछ वस्तु समझकर खाते हैं, और उनका विवेक निर्बल होकर अशुद्ध होता है।
8 Tedae cakok loh Pathen taengah mamih n'tueng sak moenih. N'caak uh pawt akhaw m'vawt uh tloe moenih. N'caak uh akhaw n'hoeikhang uh tloe moenih.
८भोजन हमें परमेश्वर के निकट नहीं पहुँचाता, यदि हम न खाएँ, तो हमारी कुछ हानि नहीं, और यदि खाएँ, तो कुछ लाभ नहीं।
9 Tedae, nangmih kah saithainah loh aka tattloel rhoek taengah caehkoek la a om tholh pawt ham ngaithuen uh.
९परन्तु चौकस रहो, ऐसा न हो, कि तुम्हारी यह स्वतंत्रता कहीं निर्बलों के लिये ठोकर का कारण हो जाए।
10 Nangmih mingnah aka khueh khat khat loh mueirhol bawkim ah buh na vael te uh koinih a mingcimnah dongah tattloel la aka om loh mueirhol buh te caak ham moo mahpawt nim.
१०क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूरत के मन्दिर में भोजन करते देखे, और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक में मूरत के सामने बलि की हुई वस्तु के खाने का साहस न हो जाएगा।
11 Te dongah na mingnah loh aka tattloel te a poci sak coeng. Manuca anih ham Khrih duek van dae ta.
११इस रीति से तेरे ज्ञान के कारण वह निर्बल भाई जिसके लिये मसीह मरा नाश हो जाएगा।
12 Manuca rhoek taengah khaw aka tholh tih a boh dongah mingcimnah aka vawtthoek sak tah Khrih taengah na tholh.
१२तो भाइयों का अपराध करने से और उनके निर्बल विवेक को चोट देने से तुम मसीह का अपराध करते हो।
13 Te dongah cakok loh ka manuca te a khah atah kumhal ah maeh ka ca voel mahpawh. Te daengah ni ka manuca te ka khah pawt eh. (aiōn )
१३इस कारण यदि भोजन मेरे भाई को ठोकर खिलाएँ, तो मैं कभी किसी रीति से माँस न खाऊँगा, न हो कि मैं अपने भाई के ठोकर का कारण बनूँ। (aiōn )