< ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ ᎹᏚ ᎤᏬᏪᎳᏅᎯ 3 >

1 ᎾᎯᏳ ᎤᎷᏤ ᏣᏂ ᏗᏓᏬᏍᎩ ᎠᎵᏥᏙᎲᏍᎨ ᎢᎾᎨ ᏧᏗᏱ,
उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आकर यहूदिया के जंगल में यह प्रचार करने लगा:
2 ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ; ᏗᏥᏁᏟᏴᎾ ᏕᏣᏓᏅᏛᎢ, ᎿᎭᏉᏰᏃ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎡᏍᎦᏂᏳ ᏓᏯᎢ.
“मन फिराओ, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।”
3 ᎾᏍᎩ ᎯᎠ Ꮎ ᏥᎧᏁᎢᏍᏗᏍᎨ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎢᏌᏯ, ᎯᎠ ᏥᏂᎦᏪᏍᎨᎢ; ᎤᏪᎷᎦ ᎩᎶ ᎢᎾᎨᎢ, ᎯᎠ ᏂᎦᏪᎭ; ᎣᏍᏛ ᏂᏨᎦ ᏱᎰᏩ ᎤᎶᎯᏍᏗᏱ, ᏚᏅᏅ ᏗᏥᏥᏃᎯᏍᏓ.
यह वही है जिसके बारे में यशायाह भविष्यद्वक्ता ने कहा था: “जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द हो रहा है, कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उसकी सड़कें सीधी करो।”
4 ᎾᏍᎩᏃ ᎯᎠ ᏣᏂ ᎤᏄᏪ ᎨᎻᎵ ᎤᏍᏘᏰᏅᎯ, ᎦᏃᏥᏃ ᎤᏓᏠᏍᏕᎢ, ᎤᎵᏍᏓᏴᏗᏃ ᎥᎴ ᎨᏎ ᎢᎾᎨᏃ ᎡᎯ ᏩᏚᎵᏏ.
यह यूहन्ना ऊँट के रोम का वस्त्र पहने था, और अपनी कमर में चमड़े का कमरबन्द बाँधे हुए था, और उसका भोजन टिड्डियाँ और वनमधु था।
5 ᎾᏉᏃ ᏫᎬᏩᎷᏤᎴ ᏥᎷᏏᎵᎻ ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᏧᏗᏱ, ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎾᏅᎾᏛ ᏦᏓᏂ,
तब यरूशलेम के और सारे यहूदिया के, और यरदन के आस-पास के सारे क्षेत्र के लोग उसके पास निकल आए।
6 ᏦᏓᏂᏃ ᏕᎤᏬᎡᎢ, ᎠᏂᏃᎲᏍᎨ ᎤᏂᏍᎦᏅᏨᎢ.
और अपने-अपने पापों को मानकर यरदन नदी में उससे बपतिस्मा लिया।
7 ᎠᏎᏃ ᏚᎪᎲ ᎤᏂᏣᏘ ᎠᏂᏆᎵᏏ ᎠᎴ ᎠᏂᏌᏚᏏ ᎠᏂᎷᎬ ᏓᏓᏬᏍᎬᎢ, ᎯᎠ ᏂᏚᏪᎭᎴᎢ; Ᏺ! ᎢᎾᏛ ᏧᏁᏥ ᏂᎯ! ᎦᎪ ᎢᏤᏯᏔᏅ ᎡᏣᎵᎡᏗᏱ ᎤᏔᎳᏬᎯᏍᏗ ᏨᏣᎢ?
जब उसने बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उनसे कहा, “हे साँप के बच्चों, तुम्हें किसने चेतावनी दी कि आनेवाले क्रोध से भागो?
8 ᎢᏥᎾᏄᎪᏩᏲᎪ ᎠᏙᎴᎰᎯᏍᏙᏗ ᏕᏥᏁᏟᏴᏒ ᏕᏣᏓᏅᏛᎢ;
मन फिराव के योग्य फल लाओ;
9 ᎠᎴ ᏝᏍᏗ ᎯᎠ ᏅᏓᏲᏥᏪᏏ ᎢᏤᎵᏒᎩ ᏙᏗᏣᏓᏅᏛᎢ; ᎡᏆᎭᎻ ᎣᎩᏙᏓ; ᎢᏨᏲᏎᏰᏃ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏰᎵᏉ ᎯᎠ ᏅᏯ ᏱᏕᎬᏓ ᏱᏕᎪᏢᎾ ᎡᏆᎭᎻ ᏧᏪᏥ.
और अपने-अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता अब्राहम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ, कि परमेश्वर इन पत्थरों से अब्राहम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है।
10 ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎦᏳᎳ ᎦᎷᏯᏍᏗ ᎠᎭ ᏚᎿᎭᏍᏕᏢ ᏕᏡᎬᎢ; ᎾᏍᎩᏃ ᏂᎦᏛ ᏕᏡᎬ ᎠᏃᏍᏛ ᎾᎾᏓᏛᏍᎬᎾ ᏗᎦᎴᏴᏍᏙᏗ ᎠᎴ ᎠᏥᎸᏱ ᏫᏓᏗᏅᏗ ᎨᏎᏍᏗ.
१०और अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर रखा हुआ है, इसलिए जो-जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है।
11 ᎠᏴ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᎠᎹ ᏕᏨᏯᏬᏍᏗᎭ ᏗᏥᏁᏟᏴᏍᏗᏱ ᏕᏣᏓᏅᏛ ᎤᎬᏩᎵ; ᎠᏎᏃ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎣᏂ ᏨᏓᏯᎢ ᎤᏟᎯᏳ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎡᏍᎦᏉ ᎠᏴ, ᏧᎳᏑᎶ ᎥᏝ ᏰᎵ ᏱᏂᎪᎢ ᏗᎩᏂᏓᏍᏗᏱ; ᎾᏍᎩᏍᎩᏂ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ ᎠᎴ ᎠᏥᎸ ᏙᏓᏣᏬᏍᏔᏂ.
११“मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूँ, परन्तु जो मेरे बाद आनेवाला है, वह मुझसे शक्तिशाली है; मैं उसकी जूती उठाने के योग्य नहीं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।
12 ᎾᏍᎩ ᎦᎳᏐᏫᏍᏗ ᎤᏤᎵᎦ ᎠᏰᎭ, ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᏓᎦᎳᏐᏫᏏ, ᎤᏤᎵᏃ ᎤᎦᏔᏔᏅᎯ ᏓᎦᏟᏌᏂ ᏛᏂ ᎠᏓᎾᏅᏗᏱ ᎤᏘᏴᎯᏍᎩᏂ ᏛᎪᎲᏍᏔᏂ ᏂᎬᏠᏍᎬᎾ ᎠᏥᎸᏱ.
१२उसका सूप उसके हाथ में है, और वह अपना खलिहान अच्छी रीति से साफ करेगा, और अपने गेहूँ को तो खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जलाएगा जो बुझने की नहीं।”
13 ᎿᎭᏉᏃ ᏥᏌ ᎨᎵᎵ ᏧᎶᏎᎢ, ᏦᏓᏂ ᎤᎷᏤ ᏣᏂ ᎡᏙᎲᎢ ᎠᎦᏬᏍᏗᏱ ᎤᏰᎸᏎᎢ.
१३उस समय यीशु गलील से यरदन के किनारे पर यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया।
14 ᎠᏎᏃ ᏣᏂ ᏚᏢᏫᏎᎴᏉ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎠᏴᏍᎩᏂ ᏱᏍᏆᏬᎥ; ᏥᎪᏃ ᎢᏍᎩᎷᏤᎭ?
१४परन्तु यूहन्ना यह कहकर उसे रोकने लगा, “मुझे तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, और तू मेरे पास आया है?”
15 ᏥᏌᏃ ᏧᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎤᏁᎳᎩ ᎮᎳ ᎪᎯ ᎨᏒᎢ, ᎣᏏᏳᏰᏃ ᎾᏍᎩ ᎢᎩᎾᏛᏁᏗᏱ ᎩᏂᏍᏆᏗᏍᏗᏱ ᏂᎦᎥ ᏚᏳᎪᏛ ᎨᏒᎢ. ᎩᎳ ᎤᏁᎳᎩ ᎤᏪᎵᏎᎴᎢ.
१५यीशु ने उसको यह उत्तर दिया, “अब तो ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।” तब उसने उसकी बात मान ली।
16 ᏥᏌᏃ ᎠᎦᏬᎥ, ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ ᎤᎿᎭᎷᏎᎢ, ᎠᎹᏱ ᎤᏓᏅᏎᎢ, ᎠᎴ ᎬᏂᏳᏉ ᎦᎸᎳᏗ ᏣᏥᏍᏚᎩᎡᎴᎢ, ᎠᎴ ᏭᎪᎮ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏓᏅᏙ ᎡᎳᏗ ᏅᏧᏛᎿᎭᏗᏎ ᎫᎴ-ᏗᏍᎪᏂᎯ ᏗᏤᎵᏛ; ᎠᎴ ᎤᏪᏯᎸᏤᎢ.
१६और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और उसके लिये आकाश खुल गया; और उसने परमेश्वर की आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा।
17 ᎠᎴ ᎬᏂᏳᏉ ᎯᎠ ᏅᏧᏪᏎ ᎦᎸᎳᏗ; ᎯᎠ ᏥᎨᏳᎢ ᎠᏇᏥ, ᎾᏍᎩ ᎣᏏᏳ ᏥᏥᏰᎸᎠ.
१७और यह आकाशवाणी हुई, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।”

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